प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court) ने माफिया व पूर्व विधायक विजय मिश्र के भतीजे मनीष मिश्र (Mafia Vijay Mishra nephew Manish Mishra) का प्रयागराज के अल्लापुर में स्थित मकान रिलीज करने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है. यह मकान गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया गया है. याचिका इस मकान में किराएदार के तौर पर रह रहे 2 अधिवक्ताओं ने दाखिल की थी. कोर्ट के सामने राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत तथ्यों को सुनने के बाद अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा है कि याची गण को नए सिरे से याचिका दाखिल करने की छूट नहीं दी जाएगी.
अधिवक्ता रजनीश शुक्ला व विपिन शुक्ला की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिरला और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार चतुर्थ की खंडपीठ ने दिया है याचिका में कहा गया कि याची गण अधिवक्ता है तथा विधायक विजय मिश्रा के भतीजे मनीष मिश्रा के अल्ला पुर प्रयागराज स्थित मकान में किराएदार के तौर पर रह रहा था. यह मकान मनीष मिश्रा की पत्नी बिंदु मिश्रा के नाम है. मनीष मिश्रा विजय मिश्रा गैंग का सक्रिय सदस्य है. इस वजह से गैंगस्टर के तहत उसके विरुद्ध कुर्की की कार्रवाई हुई और यह मकान भी कुर्क कर लिया गया.
याचियों का कहना था कि इस मकान में उनका सामान भी रखा था वह भी कुर्की के साथ जप्त हो गया. जबकि उन्होंने सिविल कोर्ट से इस मामले में स्टे आर्डर लिया है. याची ने डीएम भदोही को प्रत्यावेदन दिया था कि उनका सामान रिलीज किया जाए मगर उनका प्रत्यावेदन जिलाधिकारी ने खारिज कर दिया. हाईकोर्ट में जिलाधिकारी के आदेश को चुनौती दी गई थी. याचिका का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव और अपर शासकीय अधिवक्ता विकास सहाय कहना था सिविल कोर्ट से स्थगन आदेश कुर्की को बचाने के इरादे से लिया गया था. जबकि वास्तविकता यह है कि गैंगस्टर के तहत कुर्की की कार्रवाई 6 अप्रैल को ही शुरू हो गई थी और 9 दिसंबर को मकान कुर्क कर लिया गया.
याची ने 29 मई को सिविल कोर्ट से स्टे लिया है. इन तथ्यों के जानकारी में आने के बाद याची की ओर से स्वयं याचिका पर बल न देने की बात कही गई .जिस पर कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि याची गण को नए सिरे से याचिका दाखिल करने की छूट नहीं दी जा रही है.
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