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15 अगस्त पर मिर्जापुर को सौगात, बरसों से बंद पड़ी ऐतिहासिक घड़ी चलने लगी

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Published : Aug 16, 2023, 6:57 AM IST

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15 अगस्त पर मिर्जापुर में बरसों से बंद पड़ी ऐतिहासिक घड़ी चलने लगी. ये जिले के लिए बड़ी खुशखबरी है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

मिर्जापुर में चल पड़ी बरसों से बंद पड़ी घड़ी.

मिर्जापुर: इस बार स्वतंत्रता दिवस जिले के लिए बेहद खास रहा. 15 अगस्त के मौके पर जिले के लोगों को बड़ी खुशखबरी मिली. दरअसल, जिले में बरसों से बंद पड़ी ऐतिहासिक घंटाघर की घड़ी एक बार फिर चलने लगी. घड़ी को एक बार फिस से चलता देखकर लोगों में खुशी की लहर है.

मिर्ज़ापुर शहर के बीचोबीच अंग्रेजों के जमाने में चंदे से 18 हजार रुपये से घड़ी लगवाई गई थी. यह घड़ी गुरुत्वाकर्षण के बल पर चलती थी. इस जगह को लोग घंटाघर कहते हैं. कई बरस पहले यह घड़ी खराब हो गई थी. कई बार पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष खत्री और मनोज जयसवाल ने इसे बनवाने का प्रयास किया था मगर यह बन नहीं सकी.

पिछले वर्ष घंटाघर की घड़ी पर आकाशीय बिजली भी गिर गई थी जिससे यह काफी क्षतिग्रस्त भी हो गई ती. नगर पालिका अध्यक्ष श्यामसुंदर केसरी की पहल पर एक बार फिर ऐतिहासिक घंटाघर की घड़ी चलने लगी हैं. हालांकि इस बार इसे डिजिटल घड़ी में परिवर्तित कराया गया है. दिल्ली की एक कंपनी ने घड़ी का निर्माण किया है. छह लाख रुपए की लागत से चार डिजिटल घड़ी तैयार कर घंटाघर में लगा दी गईं हैं.

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर घंटाघर की तस्वीर बदली बदली थी. घंटाघर की घड़ी जहां चलने लगी वही तिरंगे प्रकाश से घंटाघर जगमग रहा था. घंटाघर बेजोड़ वास्तु कला का नमूना है. 100 फीट ऊंचे घंटाघर से पूरे मिर्जापुर शहर का नजारा दिखता है. बताया जाता है कि कभी इस घड़ी की आवाज सुनकर लोग कामकाज शुरू करते थे. यह घड़ी कई वर्षों से खराब पड़ी थी. बताया गया कि घंटाघर की इस घड़ी का निर्माण 1866 में लंदन के मेसर्स मियर्स स्टेंन बैंक कंपनी ने किया था. गुरुत्वाकर्षण बल पर चलने वाली घड़ी में किसी भी प्रकार के स्प्रिंग का इस्तेमाल नहीं हुआ था. फिलहाल खराब घड़ी की जगह डिजिटल घड़ी लगा दी गई है जो समय बता रही है.


इस बारे में जिला अधिकारी दिव्या मित्तल ने बताया कि घंटाघर की ऐतिहासिक घड़ी एक बार फिर नगर पालिका अध्यक्ष श्यामसुंदर केसरी की पहल पर चलने लगी है. दिल्ली की कंपनी ने 6 लाख रुपए में इसे तैयार किया है. उन्होंने कहा कि जब मैं मिर्जापुर आई थी तब घड़ी के बारे में पता चला था. नगरपालिका अध्यक्ष श्यामसुंदर केसरी से जब बात हुई तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और आज इस घड़ी को फिर से चालू करा दिया है. यह मिर्जापुर वालों के लिए गर्व की बात है.



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