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इस कारण नहीं बदल रही मेरठ रोडवेज की शक्ल, वर्कशॉप बनी नर्कशॉप

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Published : Oct 9, 2021, 10:16 AM IST

नहीं बदल रही मेरठ रोडवेज की शक्ल, वर्कशॉप बनी नर्कशॉप
नहीं बदल रही मेरठ रोडवेज की शक्ल, वर्कशॉप बनी नर्कशॉप

मेरठ रोडवेज डिपो में पिछले एक साल से वाहन चालकों व परिचालकों के साथ-साथ मैकेनिकों को भी खासा दिक्कतों से दो-चार होना पड़ रहा है. आलम यह है कि यहां बिन मौसम ही जलभराव की स्थिति है. इसके कारण यहां डेंगू का प्रकोप बना हुआ है. वहीं, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक समेत तमाम जिम्मेदार अधिकारियों के दफ्तर भी यही स्थित हैं.

मेरठ: मेरठ रोडवेज डिपो में पिछले एक साल से वाहन चालकों व परिचालकों के साथ-साथ मैकेनिकों को भी खासा दिक्कतों से दो-चार होना पड़ रहा है. आलम यह है कि यहां बिन मौसम ही जलभराव की स्थिति है. इसके कारण यहां डेंगू का प्रकोप बना हुआ है. वहीं, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक समेत तमाम जिम्मेदार अधिकारियों के दफ्तर भी यही स्थित हैं, बावजूद इसके यहां बदहाली की शक्ल खौफ को दस्तक दे रही है और सभी इस बेहाली में खामोशी साधे पड़े हैं.

नहीं बदल रही मेरठ रोडवेज की शक्ल, वर्कशॉप बनी नर्कशॉप

कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह से टला भी नहीं है. इस बीच मेरठ के मेरठ डिपो प्रांगण व आसपास के इलाकों में अब मलेरिया और डेंगू का प्रकोप आमजन को आतंकित कर रहा है. दरअसल, यूपी परिवहन निगम के मेरठ डिपो का दफ्तर जहां स्थित है, वहीं निगम की बसों की मरम्मत का कार्य भी होता है. यानी महकमे के बड़े साहब भी वर्कशॉप के नजदीक ही बैठकर हर दिन 123 बसों के संचालन से लेकर बाकी तमाम व्यवस्थाओं को देखते हैं.

बता दें कि जहां रोडवेज की कार्यशाला और रोडवेज के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक का दफ्तर है, वहां पिछले एक साल से जलभराव की समस्या है. बारिश में यहां समस्या और अधिक भयावह रूप धारण कर लेती है. क्योंकि वर्कशॉप से लेकर महकमे के साहब के दफ्तर तक में पानी घुस जाता है. रोडवेज बसों में दिक्कत आने पर यहां वर्कशॉप में बसें खड़ी होती हैं. साथ ही अपनी ड्यूटी पूरी होने के बाद चालक और परिचालक रोजना यहां वर्कशॉप से बसों को लेने और लगाने आते हैं.

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चालकों व परिचालकों का कहना है कि समस्या विकराल है. क्योंकि उन्हें अपनी वर्दी के साथ-साथ जूते पहनना भी आवश्यक है, लेकिन वो घर से इस लिए जूते पहनकर नहीं आते, क्योंकि वर्कशॉप में उन्हें अपने रूट की बस लेने को पानी से गुजरकर जाना होता है.

मैकेनिक सत्यपाल ने बताया कि उन्हें अपने मैकेनिकों के साथ पानी में खड़े होकर बसों की मरम्मत करनी पड़ रही है, क्योंकि वर्कशॉप में जलभराव की समस्या है. हालांकि, कुछ कर्मचारी कैमरे के आगे बोलने से भी कतराते हैं तो कई मुखर होकर बोलने में भी नहीं घबराते.

तो ये है मामला....

आखिर ये जलजमाव रोडवेज बस डिपो में क्यों है, इसके बारे में जानने की कोशिश की तो अफसरों व रोडवेज कर्मियों ने बताया कि मेरठ से दिल्ली को जोड़ने वाली हाईस्पीड ट्रेन के लिए रोडवेज डिपो की एक तिहाई जमीन ले ली गई है. ऐसे में जो बाकी जगह बची उसमें वर्कशॉप व अफसरों के दफ्तर बने हैं. दूसरी ओर रिहायशी इलाका है तो एक तरफ बस अड्डा वहीं एक साइड रोड है, जबकि जो एरिया हाई स्पीड ट्रेन के लिए दिया गया है. वहां काम चल रहा है. ऐसे में पानी निकासी की कोई व्यवस्था अब तक नहीं हो पाई है.

अधिकारियों का कहना है कि ये समस्या तो उन्हें झेलनी पड़ ही रही है. वहीं, रोडवेज कर्मचारियों का कहना है कि समय से बसों की मरम्मत भी जलजमाव की वजह से नहीं हो पाती है. अगर बारिश हो जाए तो फिर बसों की सर्विस या रिपेयरिंग भी प्रभावित होती है. इस समस्या से हर दिन उन्हें गुजरना पड़ रहा है. हालांकि, वैकल्पिक व्यवस्था करके पानी निकलवा देने की बात अफसरों की ओर से कही गई है.

इस बारे में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के मेरठ डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक आरके वर्मा ने कहा कि स्पीड ट्रेन के लिए जमीन दी गई है और RRTS पर ही ये जिम्मेदारी है कि वो जलनिकासी की व्यवस्था कराएगा. लेकिन अभी तक कुछ नहीं किया गया. आगे उन्होंने कहा कि उक्त समस्या से संबंधित अधिकारियों को भी कई बार अवगत कराया जा चुका है. बावजूद इसके समस्या का निराकरण आज तक नहीं हो सका है.

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