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डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी को पार्टी ने दी बड़ी जिम्मेदारी, बनाए गए ज्वाइनिंग कमेटी के अध्यक्ष

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Published : Nov 6, 2021, 11:53 AM IST

Updated : Nov 6, 2021, 12:10 PM IST

प्रदेश भाजपा ज्वाइनिंग कमेटी के अध्यक्ष बने डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी
प्रदेश भाजपा ज्वाइनिंग कमेटी के अध्यक्ष बने डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी को अब पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. उन्हें भारतीय जनता पार्टी ज्वाइनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. बता दें कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ज्वाइनिंग कमेटी का गठन कर पार्टी के वरिष्ठ नेता व सूबे के पूर्व भाजपा अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी को उक्त कमेटी का अध्यक्ष बनाया है. वहीं, इस कमेटी में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा और पार्टी के प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को सदस्य बनाया गया है.

मेरठ: पिछले लंबे समय से सूबे की सियासत में हाशिये पर रहे भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी को अब पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. उन्हें भारतीय जनता पार्टी ज्वाइनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. बता दें कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ज्वाइनिंग कमेटी का गठन कर पार्टी के वरिष्ठ नेता व सूबे के पूर्व भाजपा अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी को उक्त कमेटी का अध्यक्ष बनाया है. साथ ही इस कमेटी में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा और पार्टी के प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को सदस्य नियुक्त किया गया है.

बताया गया कि अन्य दलों से भाजपा में आने वाले नेताओं को बाजपेयी की स्क्रीनिंग से गुजरना होगा. तेज तर्रार नेता और स्पष्टवादी छवि वाले बाजपेयी की मुहर के बाद ही बाहरी नेताओं को पार्टी में शामिल किया जाएगा. ज्वाइनिंग कमेटी का महत्व इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इसमें डॉ. बाजपेयी के साथ सूबे के दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को भी बतौर सदस्य जोड़ा गया है.

प्रदेश भाजपा ज्वाइनिंग कमेटी के अध्यक्ष बने डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी
प्रदेश भाजपा ज्वाइनिंग कमेटी के अध्यक्ष बने डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी

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बता दें कि लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने सांसद रीता बहुगुणा जोशी के घर जलाने वाले को भाजपा में शामिल करने का सीधा विरोध किया था, जिसके बाद पार्टी ने उसे निष्कासित कर दिया था. दरअसल, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने शुक्रवार को प्रदेश की ज्वाइनिंग कमेटी घोषित की थी, जिसमें डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और दयाशंकर सिंह को सदस्य बनाए गए हैं.

जानकारी के मुताबिक बाजपेयी को केंद्रीय पार्टी नेतृत्व के इशारे में यह जिम्मेदारी दी गई है. चुनावी मोड में चल रही भाजपा 2022 विधानसभा चुनाव में अबकी फूंक-फूंककर कदम रख रही है. ऐसे में बाहरी चेहरों को पार्टी में लेने से पहले विशेष अहतियात बरतेगी. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए उक्त कमेटी की कमान डॉ. बाजपेयी को सौंपी गई है.

वहीं, अप्रैल 2016 में प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटने बाद बाजपेयी का सियासी ग्राफ एकदम से नीचे गिर गया था. साथ ही 2017 में मेरठ से उन्हें विधानसभा चुनाव भी लड़ाया गया था, जहां उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा था. इसके बाद पार्टी ने राज्यसभा और विधानपरिषद में भी उन्हें वरीयता नहीं दी. कई बार उनका नाम राज्यपाल के रूप में भी उछला था.

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गौर हो कि दिसंबर 2012 में उन्हें प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया था और 2014 लोकसभा चुनावों में मोदी लहर और बाजपेयी की मेहनत से भाजपा ने सूबे की 80 में से 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वो अप्रैल 2016 तक यूपी के अध्यक्ष पद पर बने रहे थे.

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Last Updated :Nov 6, 2021, 12:10 PM IST
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