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संजीव बालियान के पश्चिमी यूपी को हरित प्रदेश बनाने के बयान पर RLD ने कहा- उनको ये बोलने का हक नहीं

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 2, 2023, 7:15 PM IST

Updated : Oct 2, 2023, 7:30 PM IST

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राष्ट्रीय लोक दल (Rashtriya Lok Dal) के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे (Anil Dubey) ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान (Sanjeev Balyan) के हरित प्रदेश (Harit Pradesh) वाले बयान पर पलटवार किया है. इसके साथ ही भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के हरित प्रदेश वाले बयान पर रालोद नेता अनिल दुबे ने पलटवार किया

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे नेताओं को नए-नए मुद्दे नजर आने लगे हैं. अब जनता के बीच जाकर जनता के हित की बातें करने लगे हैं. केंद्र सरकार में मंत्री संजीव बालियान ने एक जनसभा में बयान दिया जो अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का केंद्र बन गया है. राष्ट्रीय लोकदल ने केंद्रीय मंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि जो बात आज वह कह रहे हैं वह पता नहीं पिछले कई दशक से राष्ट्रीय लोकदल लगातार पूरी कराने के लिए संघर्षरत हैं. मंत्री संजीव बालियान को इस बारे में बोलने का हक नहीं है.

केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने एक जनसभा के दौरान कहा था कि उत्तर प्रदेश का पुनर्गठन होना चाहिए. पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाना चाहिए, जिसकी राजधानी मेरठ होनी चाहिए. इससे लोगों का कल्याण हो सकेगा और प्रदेश का विकास भी संभव हो पाएगा. मंत्री संजीव बालियान के इस बयान को अब राष्ट्रीय लोक दल ने लोकसभा चुनाव से जोड़कर फायदा लेने वाला बयान बताया है.

रालोद नेता अनिल दुबे ने क्या कहाः राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने केंद्रीय मंत्री के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि संजीव बालियान को लोकसभा चुनाव आने से पहले ही इस तरह की याद क्यों आई? उन्हें यह बात बोलनी ही नहीं चाहिए. राष्ट्रीय लोक दल जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह थे, तभी से पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे थे. पश्चिमी उत्तर प्रदेश को हरित प्रदेश बनाने की मांग काफी समय से जारी है.

रालोद ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोपः उसके बाद से लगातार राष्ट्रीय लोक दल की यह मांग जारी है. भाजपा ऐसा करके यह जताना चाहती है कि भारतीय जनता पार्टी ही राज्यों के विकास को लेकर गंभीर है, जबकि हकीकत यही है कि बहुजन समाज पार्टी की सरकार में भी इस तरह का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था कि उत्तर प्रदेश के पुनर्विकास के लिए जरूरी है कि कम से कम तीन राज्य बनें.

बसपा ने हरित प्रदेश का प्रस्ताव केंद्र को भेजा थाः बहुजन समाज पार्टी के अलावा राष्ट्रीय लोकदल की तरफ से कई बार केंद्र सरकार को यह प्रस्ताव भेजा गया है, जिसमें मांग की गई है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य का दर्जा मिलना चाहिए. इसी तरह बुंदेलखंड को भी अलग राज्य घोषित करना चाहिए. आज भी राष्ट्रीय लोकदल की यह मांग है. बता दें, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल काफी सक्रिय है और यहां पर पार्टी का अच्छा खासा दबदबा भी है.

रालोद का सपा से है गठबंधनः उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल के सभी नौ विधायक पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही आते हैं. कुल मिलाकर राष्ट्रीय लोक दल राजनीतिक स्तर पर मजबूत भी है. नौ विधायकों के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह राज्यसभा सदस्य भी हैं. वर्तमान में उत्तर प्रदेश में रालोद का समाजवादी पार्टी से गठबंधन है और यह दोनों ही दल राष्ट्रीय स्तर पर बने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया का हिस्सा भी हैं.

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Last Updated :Oct 2, 2023, 7:30 PM IST
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