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छह विभागों को यूपी में एक करोड़ से ज्यादा रोजगार देने की जिम्मेदारी, ये है तैयारी

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Published : Apr 25, 2022, 5:10 PM IST

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1 करोड़ से ज्यादा रोजगार देने की जिम्मेदारी

यूपी में एक करोड़ से ज्यादा रोजगार देने की जिम्मेदारी छह विभागों को है. ये तैयारी हर परिवार को रोजगार से जोड़ने की रणनीति के तहत है.

लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में छह विभागों के स्तर पर प्रदेश के एक करोड़ लोगों को रोजगार से जोड़ने की एक बड़ी योजना तैयार की है. इंडस्ट्री विभाग से संंबंधित 6 विभागों को उत्तर प्रदेश में नौजवानों को एक करोड़ से ज्यादा रोजगार देने को लेकर पूरा मास्टर प्लान तैयार किया गया है. बड़े-बड़े प्रोजेक्ट और अन्य स्टार्टअप योजना के तहत रोजगार देने का काम किया जाएगा.

इसमें मुख्य रूप से मेगा टैक्सटाइल पार्क, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जैसे बड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं. इन बड़े प्रोजेक्ट में युवाओं को रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का काम किया जाएगा. इसके अलावा स्वरोजगार से जोड़ने की भी सरकार ने योजना बनाई है, जो तमाम विभागों के स्तर पर इस काम को पूरा करायेगा.

1 करोड़ से ज्यादा रोजगार देने की जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार रोजगार देने के मामले में अपने दूसरे कार्यकाल में बड़ी प्लानिंग तैयार की है. छोटी बड़ी परियोजनाओं में निवेश को बढ़ावा देकर एक करोड़ से ज्यादा रोजगार देने की मुकम्मल व्यवस्था बनाई गई है. 6 विभागों के स्तर पर परंपरागत और नये क्षेत्रों में निजी निवेश बढ़ाकर युवाओं को रोजगार देने का काम किया जाएगा. विभागों के छोटे बड़े प्रोजेक्ट्स के माध्यम से एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने का टॉस्क निर्धारित किया गया है.

योगी आदित्यनाथ सरकार की कोशिश है कि हर परिवार से कम से कम एक शख्स को रोजगार या फिर स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें स्वावलंबी बनाया जाए और इसको लेकर पूरा काम शुरू कराया गया है.

यूपी में करीब 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश के माध्यम से छह धनवंतरी मेगा हेल्थ पार्क बनाये जाने की कार्य योजना बनाई गयी है. इसमें निजी उद्यमी निवेश करेंगे और लोगों को रोजगार मिलेगा. ये काम श्रम विभाग और इंडस्ट्री विभाग के सहयोग से किया जाएगा. इसमें करीब 25 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

इसके अलावा वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट योजना (ओडीओपी) के तहत निर्यात, रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाते हुए 50 लाख युवाओं को रोजगार से जोड़ने की योजना बनाई गई है. इसके अलावा एमएसएमई, औद्योगिक विकास, आईटी विभाग और वस्त्रोद्योग विभाग को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है.

औद्योगिक विकास विभाग के स्तर पर बनने वाले इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाएंगे. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, आगरा एक्सप्रेस-वे, यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे हैंडलूम खाद्य प्रसंस्करण, कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउस, मशीनरी निर्माण उद्योग केंद्र लगाये जाएंगे. इसी के साथ डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में रक्षा कंपनियों ने निवेश किया है और इनके माध्यम से 6 लाख लोगों को रोजगार दिया जायेगा.

इसके अलावा इंडस्ट्री विभाग के स्तर पर कानपुर में बनने वाले मेगा पार्क लेदर पार्क में 2 लाख लोगों को रोजगार देने की योजना बनाई गई है. मछली उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जिला स्तर पर एकीकृत एक्का पार्क बनाये जाने की कार्य योजना तैयार की गई है और इस पर पूरा काम भी हो रहा है.

इसके अलावा युवाओं को खुद के स्वरोजगार स्थापित करने के लिए राज्य सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में इस बार स्टार्टअप योजना को और अधिक बढ़ावा देने की बात कही है. स्टार्टअप मिशन योजना के तहत युवाओं को उनका खुद का स्टार्टअप तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा. इसके माध्यम से 10 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित किया जाएंगे. आईटी और इलेक्ट्रॉनिक विभाग के माध्यम से ये काम कराया जाएगा. इंडस्ट्री भाग से जुड़े तमाम उद्यमों को युवा स्वरोजगार के माध्यम से स्टार्टअप ले सकेंगे. इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के माध्यम से 4 लाख लोगों को रोजगार की योजना तैयार की गई है.

ग्लोबल टैक्साटाइल हब के माध्यम से 5 लाख रोजगार देने की कार्ययोजना बनाई गई है. राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश में 5 साल में एक करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार और स्वरोजगार देने की पूरी कार्य योजना तैयार की है. इस पर निजी निवेश के माध्यम से कामकाज को आगे बढ़ाया जाएगा.

एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि प्रदेश में युवाओं को रोजगार देने को लेकर पूरी कार्ययोजना तैयार की गई है. मुख्यमंत्री के सामने प्रेजेंटेशन किया गया है. अलग-अलग प्रोजेक्ट के स्तर पर एक करोड़ से ज्यादा रोजगार के अवसर सहित करने को लेकर पूरी कार्ययोजना तैयार की गई है. इस दिशा में तेजी से कामकाज शुरू किया जा रहा है. जिससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार दिया जा सकेगा. अलग-अलग प्रोजेक्ट के स्तर पर एक करोड़ से ज्यादा रोजगार के अवसर सहित करने को लेकर पूरी कार्ययोजना तैयार की गई है. इस दिशा में तेजी से कामकाज शुरू किया जा रहा है. जिससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार दिया जा सकेगा. अलग-अलग विभागों और अलग-अलग प्रोजेक्ट के माध्यम से ये काम पूरा किया जाएगा.

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एसोचैम यूपी के इकोनॉमिक पॉलिसी एंड टैक्सेशन कमेटी के चेयरमैन मनीष खेमका कहते हैं कि वास्तव में नौकरी या रोजगार देना सरकार का काम नहीं है. देश के 135 करोड़ नागरिकों में सरकार आखिर कितनों को सरकारी नौकरी दे सकती है. इस पर सब को सोचना चाहिए. हां रोजगार के अवसरों को पैदा करने के लिए उपयुक्त माहौल बनाना जरूर राज्य सरकार की बड़ी जिम्मेदारी है. ये काम उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बखूबी कर रही है.टेक्सटाइल सेक्टर देश में रोजगार देने वाला एक बड़ा क्षेत्र है. इसे उत्तर प्रदेश में पुनर्जीवित करने का काम तेजी से किया जा रहा है. इसके साथ ही यूपी के डिफेंस कॉरिडोर, एक जिला एक उत्पाद योजना जैसे अनेक प्रयास निश्चित ही उत्तर प्रदेश में बड़ी मात्रा में रोजगार के अवसर पैदा करेंगे. हमारे चेंबर के पास उद्योग जगत से आ रहे आंकड़े भी इस दिशा में सकारात्मक संकेत दे रहे हैं.

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