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राहुल नहीं होंगे रायबरेली में सोनिया गांधी के वारिस, प्रियंका पर कांग्रेस लगा सकती दांव

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Published : Feb 28, 2023, 5:42 PM IST

जब से कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सन्यास के संकेत दिए हैं, उनके लोकसभा क्षेत्र रायबरेली को लेकर चर्चा शुरू हुई है. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, सोनिया गांधी के बाद भी रायबरेली सीट पर गांधी परिवार का सदस्य ही चुनाव लड़ेगा, मगर वह राहुल गांधी नहीं होंगे.

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लखनऊ : छत्तीसगढ़ में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में सोनिया गांधी के भाषण के बाद उनके संन्यास की अटकलों तेज हो गई है. कांग्रेस पार्टी ने भी सोनिय़ा गांधी के भाषण का इशारा भांप लिया है. इसके साथ ही सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में उनके उत्तराधिकारी के लिए पिच तैयार करने की तैयारी शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि रायबरेली लोकसभा सीट पर उनकी बेटी और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेंगी.

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राजनीति से सन्यास के संकेत दिए हैं. इसके बाद से कांग्रेस आलाकमान ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए रायबरेली में प्रियंका को उतारने की तैयारी शुरू कर दी है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सोनिया गांधी का सियासी सफर भारतीय राजनीति के लिए एक मिसाल बनी है. कांग्रेस इसी को ध्यान में रखकर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट के लिए रणनीति बनाएगी.

पार्टी सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी को रायबरेली से टिकट देने पर भारतीय जनता पार्टी इसे एक मुद्दा बना सकती है. ऐसे में जनता के बीच गलत मैसेज जा सकता है. राहुल अपनी पुरानी सीट अमेठी से चुनाव में उतरते हैं तो कांग्रेस को वहां फायदा हो सकता है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि रायबरेली की सीट खाली होने पर प्रियंका गांधी को सक्रिय चुनावी राजनीति में उतारा जा सकता है.

लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीतिक शास्त्र प्रोफेसर संजय गुप्ता ने कहा कि सोनिया गांधी के सियासी सफर और राजनीतिक विरासत का फायदा सीधे तौर पर प्रियंका गांधी को मिल सकता है. रायबरेली से प्रियंका गांधी को टिकट देकर कांग्रेस सोनिया गांधी के सियासी विरासत को पार्टी की अगली पीढ़ी को ट्रांसफर करने में कामयाब हो जाएगी.


सोनिया गांधी का राजनीतिक सफर : सोनिया गांधी मूल रूप से इटली की नागरिक हैं. 9 दिसंबर 1946 को जन्मी सोनिया की राजीव गांधी से 1968 में नई दिल्ली में शादी हुई थी. इसके बाद वह भारतीय नागरिक बनीं. साल 1984 से 1991 के बाद राजीव गांधी के कार्यकाल और उसके बाद सार्वजनिक तौर से जनता के बीच में आई. वह राजीव गांधी के साथ देश और विदेश दौरे में साथ रहीं. उन्होंने राजीव गांधी के संसदीय क्षेत्र में अमेठी में भी काफी एक्टिव रहीं. अपने राजनीतिक जीवन में सोनिया गांधी ने अमेठी और रायबरेली सीट की पहचान कांग्रेस परिवार के तौर पर बरकरार रखी. हालांकि 2019 में अमेठी में राहुल गांधी की हार के बाद गांधी परिवार को झटका लगा.


कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सोनिया गांधी में रायबरेली और अमेठी में मई 1991 में राजीव गांधी गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी सेंटर ऑफ कंटेंपरेरी स्टडीज की स्थापना की. 1996 में उन्होंने प्रत्यक्ष राजनीतिक जीवन में प्रवेश किया. अप्रैल 1998 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनी. 2004 के आम चुनाव में उन्होंने पार्टी के चुनावी अभियान का नेतृत्व किया और यूपीए गठबंधन की सरकार मनमोहन सिंह के नेतृत्व में बनवाई. इस चुनाव में वह पहली बार रायबरेली से संसद सदस्य के तौर पर निर्वाचित हुईं.

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