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लखनऊ में पीएम आवास योजना पूरी तरह फेल, सवा लाख को चाहिए घर और 5 साल में बने सिर्फ 10 हजार मकान

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Published : Apr 8, 2022, 5:24 PM IST

Updated : Apr 8, 2022, 5:45 PM IST

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14:55 April 08

लखनऊ में सवा लाख गरीबों को पीएम आवास योजना के तहत घर चाहिए. पांच साल पहले सवा लाख लोगों ने आवेदन किया था लेकिन 5 साल के बाद अब तक सिर्फ 10 हजार मकान ही बने हैं. ऐसे में बाकी के लोगों को घर कब मिलेगा जबकि केंद्र अब तो इस योजना को बंद करने की तैयारी कर रही है.

लखनऊ: शहर में पीएम आवास योजना के तहत घरों के निर्माण की गति बहुत धीमी है. यहां करीब सवा लाख लोग आवासों के लिए आवेदन कर चुके हैं. 2017 से अब तक केवल 10 हजार घर ही बन पाए हैं. इसमें आवास विकास परिषद और लखनऊ विकास प्राधिकरण ने 5-5 हजार आवास बनाएं हैं.

योजना को शुरू हुए 5 साल होने को हैं और 5 साल में सिर्फ 10 हजार ही आवास बने हैं. ऐसे में सवा लाख लोगों को घर कैसे मिल पाएगा जबकि 2023 में केंद्र सरकार अब प्रधानमंत्री आवास योजना को बंद करने की तैयारी कर रही है. जाहिर है, लखनऊ में सबको घर देने का लक्ष्य अब अधूरा ही रह जाएगा.

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सवा लाख आवास की है जरूरत: प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत लखनऊ में साल 2017 में आवेदन शुरू हुए थे. यह आवेदन राज्य शहरी विकास अभिकरण यानी सूडा के जरिए ऑनलाइन किए गए थे. तब करीब 2 महीने में सवा लाख लोगों ने प्रधानमंत्री आवास लेने की इच्छा जाहिर करते हुए सूडा की वेबसाइट पर आवेदन किया था. इन सभी लोगों ने अपने दस्तावेज अपलोड किए थे जिसके जरिए यह प्रमाणित किया गया था कि इनकी आय प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तय की गई आय की सीमा में ही आती है.

अब तक बने हैं सिर्फ 10 हजार आवास: इसके बाद सूडा ने यह जानकारी लखनऊ विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद को दी कि इन आवेदनों के सापेक्ष उनको आवास बनाने हैं. इसके बाद आवास बनाए जाने का सिलसिला शुरू हुआ. आवास विकास परिषद अपनी अलग-अलग योजनाओं जैसे वृंदावन, अवध विहार, गोसाईगंज और कुछ अन्य स्थानों पर मिलाकर मात्र 5000 आवासों का ही निर्माण कर सकी है. वहीं, लखनऊ विकास प्राधिकरण का भी हाल कुछ ऐसा ही रहा. प्राधिकरण अब तक बसंतकुंज और शारदा नगर विस्तार योजना में मात्र 5000 ही आवासों का निर्माण कर पाया है. अब केंद्र सरकार साल 2023 तक सभी जरूरतमंदों को प्रधानमंत्री आवास देकर इस योजना को बंद करने वाली है. ऐसे में लगता नहीं है कि लखनऊ में इस योजना के तहत सभी आवेदनकर्ताओं को आवास मिल पाएगा.

क्या है प्रधानमंत्री आवास योजना : प्रधानमंत्री आवास योजना केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से चलाई जा रही है. इसमें करीब 300 वर्ग फीट के फ्लैट की कीमत साढ़े छह लाख रखी गई है. इसमें ढाई लाख की सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाती है. इसलिए जनता को ये फ्लैट साढ़े चार लाख में ही मिल जाता है. इस आवास की रजिस्ट्री भी केवल दो फीसदी स्टांप ड्यूटी पर की जाती है साथ ही जबकि इस योजना को जीएसटी से मुक्त रखा गया है. आवास विकास परिषद के आयुक्त अजय सिंह चौहान ने बताया कि अभी तक पांच हजार आवास का निर्माण किया जा चुका है. बहुत जल्द हम और भी आवासों का निर्माण करेंगे. वहीं, एलडीए उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी कहते हैं कि हमारे आवासों की गुणवत्ता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहा है. निकट भविष्य में हम और आवास बनाएंगे.

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Last Updated :Apr 8, 2022, 5:45 PM IST
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