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आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कमर्चारियों ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से की मुलाकात, स्थायी कराने की मांग की

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Published : Jun 21, 2023, 7:44 AM IST

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मंगलवार को आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कमर्चारियों ने मुलाकात (Outsourcing health workers met Akhilesh Yadav) की और स्थायी कराने की मांग की.

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Samajwadi Party President Akhilesh Yadav सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कमर्चारी अखिलेश यादव से मिले Outsourcing health workers met Akhilesh Yadav सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव

लखनऊ: सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मंगलवार को संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग, संविदा कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन देकर स्थायी कराने की मांग की. सभी आउटसोर्स से रखे गए कोविड कर्मचारियों को एन.आर.एच.एम. उत्तर प्रदेश में समायोजित कर स्थायीकरण करने तथा जनपदों मे बन रहे मेडिकल कॉलेज से संबद्ध कराने की मांग की है.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश में कोविड महामारी के दौरान सभी जिलों में विभिन्न पदों पर आउटसोर्स से कर्मचारियों का चयन किया गया था. जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना संक्रमितों की सेवा की थी इनका सम्मान तो किया गया पर इन कर्मियों का हर माह रिन्यूअल के नियम से शोषण हो रहा है. प्रदेश के 53 जनपदों में चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अधीन कोविड-19 के अन्तर्गत आउटसोर्स (अस्थायी) मानव संसाधन का सेवा विस्तार जून 2023 में समाप्त किया जा रहा है.

आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कमर्चारी अखिलेश यादव से मिले (Outsourcing health workers met Akhilesh Yadav). इसमें विभिन्न जनपदों के 100 से ज्यादा कर्मियों ने प्रदेश भर के कर्मियों के समायोजन एवं स्थायीकरण की मांग पूरी कराने में उनसे अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने की प्रार्थना की. उनकी मांगों को सहानुभूति पूर्वक सुना और मांगों से सहमति जताई. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी आउटसोर्स से भर्ती के खिलाफ है. समाजवादी सरकार में सभी संविदा कर्मियों को स्थाई कर दिया जाएगा.

संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल में अनुज पाठक, मीनाक्षी पाल, जितेन्द्र कुमार, अमित कुमार, पूजा सिंह, मोहम्मद मुस्तफा, मोहम्मद उस्मान, सुनील यादव, धर्मेन्द्र कुमार, प्रवीण यादव, सनी राजपूत, नफासत अली, सत्यम, डॉ देशजी, रामेश्वर आदि प्रमुख कर्मचारी शामिल थे.पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश में कोविड महामारी के दौरान सभी जिलों में विभिन्न पदों पर आउटसोर्स से कर्मचारियों का चयन किया गया था.

इन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना संक्रमितों की सेवा की थी इनका सम्मान तो किया गया पर इन कर्मियों का हर माह रिन्यूअल के नियम से शोषण हो रहा है. प्रदेश के 53 जनपदों में चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अधीन कोविड-19 के अन्तर्गत आउटसोर्स (अस्थायी) मानव संसाधन का सेवा विस्तार जून 2023 में समाप्त किया जा रहा है.

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