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दीपावली में गिफ्ट देने के लिए सबसे बेहतर विकल्प के रूप में सामने आ रहे ओडीओपी के प्रोडक्ट

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Published : Oct 21, 2022, 9:35 PM IST

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के प्रयासों का ही नतीजा है कि 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' (ओडीओपी) से जुड़े सामानों की बड़ी रेंज इन दिनों गिफ्ट आइटम की शृंखला में शीर्ष पर हैं. प्रदेश के सभी 75 जिलों के खास पारंपरिक उत्पादों में से ज्यादातर आइटम लोगों को दीपावली पर उपहार स्वरूप भेंट करने के लिए भा रहे हैं.

लखनऊ. दीपावली त्यौहार पर हर वर्ष उपहार देने की परंपरा चली आ रही है. आमतौर पर दीपावली पर लोग अपने प्रियजनों को ऐसा उपहार देना पसंद करते हैं, जिन्हें लंबे समय तक संजोकर रखा जा सके. इस कसौटी पर पारंपरिक शिल्प से निर्मित वस्तुएं पूरी तरह से खरे उतरते हैं. इधर कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश की शिल्प कलाओं से निर्मित उत्पादों को उपहार स्वरूप भेंट करने को लेकर लोगों में रुचि बढ़ी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के प्रयासों का ही नतीजा है कि 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' (ओडीओपी) से जुड़े सामानों की बड़ी रेंज इन दिनों गिफ्ट आइटम की शृंखला में शीर्ष पर हैं. प्रदेश के सभी 75 जिलों के खास पारंपरिक उत्पादों में से ज्यादातर आइटम लोगों को दीपावली पर उपहार स्वरूप भेंट करने के लिए भा रहे हैं.


योगी सरकार में एमएसएमई, निर्यात प्रोत्साहन, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग तथा खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के सचिव प्रांजल यादव के अनुसार, उत्तर प्रदेश विविध शिल्प कलाओं की भूमि है. यहां के कलाकार ऐसे ऐसे शिल्प उत्पाद बनाने में माहिर हैं, जिनकी डिमांड भारत ही नहीं दुनियाभर में हैं. वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के माध्यम से हम प्रत्येक जनपद की खास कला को ना सिर्फ संरक्षित कर रहे हैं, बल्कि उन्हें बड़ा बाजार भी उपलब्ध कराया जा रहा है. बात दीपावली की करें तो इस समय लोग सबसे ज्यादा खरीदारी करते हैं. विभाग की ओर से खासतौर पर लोगों से अपील की जा रही है कि वे ओडीओपी के सामानों को उपहार स्वरूप भेंट करें. हम सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर लोगों को ओडीओपी के सामानों के बारे में जागरूक कर रहे हैं. ओडीओपी वस्तुओं की खरीदारी से ना सिर्फ स्वदेशी को लेकर गर्व की भावना जागृत होगी, बल्कि स्थानीय कारीगरों को भी प्रोत्साहन मिलेगा.

ओडीओपी के ज्वाइंट सेक्रेटरी सुनील कुमार के अनुसार, हमारा प्रयास है कि इस दीपावली लोग ज्यादा से ज्यादा स्थानीय शिल्प उत्पाद खरीदें. उत्तर प्रदेश के ओडीओपी के सामान इन दिनों उपहारों की आकर्षक रेंज बनकर उभरे हैं. ओडीओपी में आपको सजावटी सामानों की एक विस्तृत शृंखला मिलेगी. इसमें वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी, आजमगढ़ की ब्लैक पॉटरी, मुरादाबाद का मेटल क्राफ्ट, गोरखपुर का टेराकोटा, फिरोजाबाद के कांच के सजावटी सामान, सहारनपुर की लकड़ी की कला, भदोही का कालीन, महोबा का स्टोन क्राफ्ट, बहराइच की गेहूं के डंठल से बने हस्तशिल्प, मैनपुरी की तारकशी, बागपत के होम डेकोरेशन प्रोडक्ट, बाराबंकी के हैंडलूम प्रोडक्ट, बिजनौर की काष्ठ कला, ललितपुर की जरी जरदोजी सिल्क, बरेली के बांस के बने प्रोडक्ट, आगरा का संगमरमर पर जड़ाई का काम, भदोही की कालीन, अलीगढ़ के धातु हस्तशिल्प उत्पाद, बुलंदशहर के सिरेमिक उत्पाद, अमेठी के मूंज प्रोडक्ट, झांसी के सॉफ्ट टॉय, कुशीनगर के बनाना फाइबर प्रोडक्ट, लखनऊ की चिकनकारी, महाराजगंज के फर्नीचर, संतकबीर नगर के पीतल के बरतन. ओडीओपी के ये सभी प्रोडक्ट अपनी नायाब कलाकारी के लिए मशहूर हैं और दीपावली पर उपहार देने के लिए शायद ही इनसे अच्छी कोई और वस्तु होगी. सरकार का पूरा जोर है कि इन उत्पादों के जरिए उत्तर प्रदेश की पारंपरिक शिल्प कला विरासत को ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाए, साथ ही शिल्पकारों की आमदनी में भी इजाफा हो. अधिकारियों की मानें तों अगले साल होने जा रहे यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में ओडीओपी को लेकर बड़े स्तर पर तैयारी की जा रही है. विभाग इन्वेस्टर्स समिट से पहले एक ही छत के नीचे यूपी के सभी 75 जनपदों के उत्पादों की बड़ी प्रदर्शनी लगाएगा.

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