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7 साल की मासूम के साथ किया था दुष्कर्म, दोषी शिक्षक को उम्रकैद

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 3, 2024, 10:11 PM IST

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लखनऊ में 7 साल की मासूम से दरिंदगी करने वाले शिक्षक को कोर्ट ने दोषी ठहराया है. कोर्ट ने शिक्षक को आजीवन कारावास (Rapist Teacher Gets Life Imprisonment) और जुर्माने की सजा से दंडित किया है.

लखनऊ: सात साल की बच्ची के साथ दुराचार करने के आरोपी चंद्र प्रकाश को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश श्याम मोहन जायसवाल ने दोषी करार दिया. साथ ही दोषी को आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ एक लाख 30 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है.

अभियोजन की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले की रिपोर्ट पीड़ित बच्ची के पिता द्वारा 1 जुलाई 2017 को थाना गुडंबा में दर्ज कराई गई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि सीमांत नगर कल्याणपुर का रहने वाला आरोपी चंद्र प्रकाश वादी के घर पीड़िता समेत उसकी 3 पुत्रियों और लड़के को ट्यूशन पढ़ने आता था. यहां चंद्र प्रकाश ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया. यहां पीड़िता की मां द्वारा देखने वह मौके से फरार हो गया. अदालत को बताया गया कि वादी के घर आने पर उसकी पत्नी ने घटना के बारे में बताया. उसके बाद थाना गुडंबा में आरोपी के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई. अदालत ने अपने निर्णय में अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा से दंडित करते हुए कहा है कि अभियुक्त पर लगाई गई अर्थदंड की धनराशि में से आधी धनराशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में दी जाएगी.

बैंक प्रबंधक को भ्रष्टाचार मामले में कारावास
बैंक ऋण देने के एवज में 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ़्तार किए गए जौनपुर के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन प्रबंधक विभूति भूषण बिस्वास को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश मीना श्रीवास्तव ने 3 साल की कैद और 50 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है.

सीबीआई की ओर से अदालत को बताया कि मामले के वादी नीरज सिंह ने 10 जनवरी 2013 को भ्रष्टाचार निवारण के पुलिस अधीक्षक को शिकायत की थी कि वह जौनपुर स्थित यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया की शाखा तिघरा से ग्रीन कार्ड के ज़रिए किसानों को खेती के लिए ऋण लेना चाहता था, लेकिन जब वादी ने ऋण लेने के लिए बैंक के शाखा प्रबंधक विभूति भूषण बिस्वास से मुलाक़ात की और उसे बताया कि वादी के पिता के पास 3 एकड़ खेती है और वह 3 लाख का ऋण लेना चाहता है तो आरोपी ने वादी को अपने घर बुलाया और ऋण स्वीकृत करने के एवज़ में 30 हज़ार रुपए की मांग की. वादी की शिकायत पर ट्रैप टीम ने आरोपी विभूति भूषण बिस्वास को उसके आवास पर 12 जनवरी 2013 को वादी से 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था.

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