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Amendment in Provident Fund Rules : यूपी में लाखों कर्मचारियों के पीएफ को लेकर सरकार करेगी बड़ा बदलाव, जानिये क्या

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Published : Jan 12, 2023, 8:19 AM IST

Updated : Jan 12, 2023, 9:54 AM IST

प्रदेश सरकार के कर्मचारी अपने सामान्य जीपीएफ खाते में साल में 5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं रख सकेंगे. सरकार जल्द ही सामान्य भविष्य निधि नियमावली में संशोधन करने जा रही है.

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार के करीब सात लाख सरकारी कार्मिकों के लिए बहुत बड़ा परिवर्तन राज्य सरकार निकट भविष्य में करेगी. उनके भविष्य निधि एकाउंट में अब सालाना जमा की राशि तय सीमा से अधिक नहीं होगी. जिससे कर्मचारियों की बचत अब कम होगी औऱ सरकार पर बोझ घटेगा.


प्रदेश सरकार के कर्मचारी अपने सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खाते में साल में 5 लाख रुपये से ज्यादा जमा नहीं कर सकेंगे. इसके लिए सरकार सामान्य भविष्य निधि नियमावली में संशोधन करने जा रही है. शासन ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इसे शीघ्र कैबिनेट के सामने रखा जाएगा. प्रदेश में 1 अप्रैल, 2005 से पहले नियुक्त सरकारी कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू है. इनके लिए ही जीपीएफ की सुविधा है. मूल वेतन का न्यूनतम 10 प्रतिशत हर माह उसके जीपीएफ खाते में जमा करना अनिवार्य है. जबकि, अधिकतम की कोई सीमा नहीं लगाई गई है.


वर्तमान में राज्य में करीब 7 लाख सरकारी कार्मिक जीपीएफ स्कीम के दायरे में हैं. पहले जीपीएफ में जमा राशि आयकर विभाग के टैक्स के दायरे में नहीं आती थी, लेकिन 1 अप्रैल, 2022 केंद्र सरकार ने पहले ही जीपीएफ में पैसा जमा कराने की अधिकतम सीमा तय कर दी है. इसके तहत कोई भी केंद्रीय कर्मचारी 5 लाख रुपये से ज्यादा की राशि एक साल में जीपीएफ खाते में जमा नहीं कर सकता है. नए नियमों के तहत एक वित्त वर्ष में जीपीएफ में 5 लाख से अधिक जमा राशि कर के दायरे में होगी. यानी, 5 लाख से अधिक राशि को उसी तरह से कर योग्य माना जाएगा, जिस तरह से दूसरे स्रोतों से हुई आय को माना जाता है. शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, आयकर संबंधी नियमों में बदलाव के कारण यूपी में भी सामान्य भविष्य निधि नियमावली में संशोधन किया जाएगा.

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Last Updated :Jan 12, 2023, 9:54 AM IST
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