ETV Bharat / state

Varanasi में करोड़ों रुपये का गबन, दो अभियुक्तों को EOW ने किया गिरफ्तार

author img

By

Published : Mar 4, 2023, 6:30 AM IST

शुक्रवार को सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी (Sampurnanand Sanskrit University Varanasi) में EOW की टीम ने करोड़ों रुपये के गबन के केस में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. वाराणसी ईओडब्लू निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है.

Etv Bharat
Sampurnanand Sanskrit University Varanasi वाराणसी ईओडब्लू निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा EOW arrested two accused in Varanasi वाराणसी में ईओडब्लू ने गिरफ्तार किया वाराणसी में करोड़ों का गबन Embezzlement of crores in Varanasi सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी

वाराणसी: सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी (Sampurnanand Sanskrit University Varanasi) में करोड़ों रुपये के गबन में शामिल दो अभियुक्तों को शुक्रवार शाम ईओडब्लू की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. ये दो अभियुक्त दिवाकर त्रिपाठी, प्रो. शारदा प्रिंटिंग प्रेस निवासी- जगतगंज वाराणसी और रवि प्रकाश पांड्या, प्रो. तारा प्रिंटिंग प्रेस निवासी लक्सा वाराणसी हैं. शुक्रवार को सिगरा थाना क्षेत्र के सिद्धगिरीबाग से ईओडब्ल्यू टीम के द्वारा अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया.

इस संबंध में वाराणसी ईओडब्लू निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि शासन के द्वारा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी को वित्तीय वर्ष 2000-2001 से 2009-10 के मध्य दुर्लभ पांडुलिपियों एवं ग्रंथो के मुद्रण / प्रकाशन हेतु विशेष अनुदान की धनराशि रुपये 10,20,22,000 आवंटित किया गया था. मुद्रण के लिये जिम्मेदार विश्वविद्यालय के प्रकाशन संस्थान के तात्कालीन निदेशक के द्वारा वित्त विभाग के अधिकारियों, प्रिंटिंग प्रेस मालिकों और अन्य लोगों से मिलीभगत करके दुर्लभ पांडुलिपियों और ग्रंथों का बिना मुद्रण कराये ही लगभग 5.90 करोड़ रुपये का शासकीय धन का फर्जी भुगतान दिखाकर गबन कर लिया गया.

प्रकाशन विभाग द्वारा मात्र लगभग 3.67 करोड़ रुपये का वैध मुद्रण कराया गया और लगभग 5.90 करोड़ रुपया विभिन्न प्रिंटिंग प्रेस के मालिकों को साजिशन बिना मुद्रण कराये ही भुगतान कर दिया गया. वहीं उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 में शासन ने इसकी जांच ईओडब्ल्यू वाराणसी को सौंपा था. जांच में यह तथ्य पाया गया कि प्रकाशन विभाग द्वारा बाहरी प्रेसों से दुर्लभ पांडुलिपि और ग्रंथ की विभिन्न किताबों का मुद्रण कराये जाने के नाम पर खेल खेला गया और बिना मुद्रण कराये करोड़ों रुपयों बंदरबाट कर लिया गया. वहीं उन्होंने बताया कि इस मामले में संलिप्त अन्य के भी गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- UP Board Exam में पकड़े गए 67 मुन्ना भाई, फॉर्म भरवाने वाले स्कूलों की जाएगी मान्यता

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.