लखनऊ: 75 करोड़ से अधिक छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी हाइजिया एजूकेशनल ग्रुप के संचालकों की बेनामी संपत्तियों की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जानकारी जुटा ली है. छापेमारी के दौरान ईडी को मिले दस्तावेजों से सामने आया था कि हाइजिया ग्रुप के मालिकों ने छात्रवृत्ति घोटाले की रकम से देश के कई हिस्सों में बेनामी संपत्तियां खरीदी थीं. ऐसे में अब एजेंसी इन संपत्तियों को जब्त (ED to confiscate Hyjia Group properties) करने की तैयारी कर रही है. वहीं ईडी ने घोटाले से जुड़े दो अन्य संस्थानों में छापेमारी करते हुए कई अहम दस्तावेज बरामद किए हैं.
छात्रवृत्ति घोटाले से शुरू हुई जांच अब बेनामी संपातियों तक पहुंच गई है. रिमांड के दौरान हाइजिया ग्रुप के इज़हार हुसैन जाफ़री व अली अब्बास जाफ़री से ईडी ने बेनामी संपत्तियों की जानकारी मिली है. छापेमारी के दौरान मिले संपत्तियों के दस्तावेजों की पूर्ण जानकारी लेने के लिए हाइजिया ग्रुप के संचालकों से ईडी पूछताछ कर रही है. दरअसल ईडी ने 26 अप्रैल को हाइजिया एजूकेशनल सोसाइटी (Hygia Educational Society) के संचालक इज़हार हुसैन जाफ़री, मैनेजर अली अब्बास जाफ़री और हाइजिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी के कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता को गिरफ्तार किया था.
कोर्ट ने ईडी को तीनों की पांच दिन की कस्टडी रिमांड दी है. एजेंसी की पूछताछ के दौरान हाइजिया ग्रुप के संचालक ने घोटाले में शामिल कई अन्य कालेजों के नाम भी बताये हैं. एजेंसी ने उनके बयान के आधार पर लखनऊ, बाराबंकी, हरदोई, कानपुर, बरेली के कालेजों की पड़ताल शुरू कर दी हैं. इन कॉलेज में फिनो पेमेंट बैंक के जरिए 3 हजार फर्जी खाते खोलकर छात्रवृत्ति हड़पने की बात सामने आई है.
ओपी गुप्ता काॅलेज-एसएस इंस्टीट्यूट में ईडी की रेड: ईडी ने गुरुवार को हाइजिया ग्रुप से जुड़े दो अन्य शिक्षण संस्थान बरेली के डॉ. ओपी गुप्ता कालेज और लखनऊ के बक्शी का तालाब में स्थित एसएस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में छापेमारी की. इस दौरान ईडी को दोनों ही संस्थानों ने कई अहम दस्तावेज मिले है. इनको प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने जब्त कर लिया. इनमें हजारों उत्तर पुस्तिकाएं भी शामिल हैं, जिन पर परीक्षक के साइन नहीं हैं. गौरतलब है कि, वर्ष 2015 से राज्य व केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली 75 करोड़ से अधिक की पोस्ट मैट्रीकुलेशन छात्रवृत्ति कई नर्सिंग और इंटर कॉलेज के मैनेजमेंट ने हड़प ली थी.
ईडी ने हाल ही में इन कॉलेजों में छापेमारी कर कई अहम दस्तावेज भी बरामद किए थे. इसमें सामने आया था कि छात्रवृति के लिए बैंक में खोले गए अकाउंट में जैसे मेल आईडी और मोबाइल नंबर एक ही दिए गए थे. इसके अलावा बैंक के एकाउंट कुछ नाबालिग और बुजुर्गों के नाम भी थे. इन खातों से कई लोगों को रुपये ट्रांसफर किए गए थे. इसके बाद दस सस्थानों, फिनो बैंक के अधिकारी समेत 18 लोग नामजद व अन्य अज्ञात के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. इसकी विवेचना सब इंस्पेक्टर प्रमोद पांडे कर रहे थे. उन्होंने समाज कल्याण से नामजद सभी दस संस्थानों को अब तक दी गई छात्रवृत्ति का ब्योरा तलब किया था. इसके अलावा छात्रवृति गबन करने के लिए खोले गए 3,000 बैंक अकाउंट का भी ब्योरा सब इंस्पेक्टर ने बैंक से मांगा था.
किन-किन के खिलाफ दर्ज हुई थी FIR: एसएस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट मामपुर के चेयरमैन प्रवीण चौहान, एजुकेशन सोसाइटी एंड हाइजिया के वाइस प्रेसीडेंट इज़हार हुसैन जाफ़री, इसी ग्रुप में अली अब्बास जाफ़री, सईद इशरत हुसैन जाफ़री, हाइजिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी के रवि प्रकाश गुप्ता व ग्रुप से जुड़े अन्य अधिकारी-कर्मचारी, लखनऊ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड एजुकेशन के संचालक, डॉ. ओमप्रकाश ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन फर्रुखाबाद के चेयरमैन गुप्ता, डॉ. भीमराव अंबेडकर फाउंडेशन एंड जीविका कॉलेज ऑफ फार्मेसी हरदोई के सेक्रेटरी रामगोपाल, आरपीपी इंटर कॉलेज हरदोई के प्रबंधक पूनम वर्मा, ज्ञानवती इंटर कॉलेज हरदोई विवेक कुमार पटेल, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गौसगंज कछौना हरदोई के विवेक कुमार जगदीश प्रसाद वर्मा, फिनो पेमेंट बैंक के एरिया मैनेजर सचिन दुबे, एजेंट मो. साहिल अजीज, अमित कुमार मौर्य, तनवीर अहमद और जितेंद्र सिंह शामिल है.
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