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सावधान! खतरनाक है डेंगू, जानिए इसके लक्षण, उपचार और बचाव

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Published : Sep 12, 2019, 3:25 PM IST

देश भर में डेंगू बुखार एक गंभीर समस्या बनी हुई है. इससे निपटने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग लगातार जुटा रहता है. लखनऊ में इस साल अब तक डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 100 के पार पहुंच चुका है. आज हम डेंगू के लक्षण के साथ ही इसके बचाव के बारे में विस्तृत जानकारी लेकर आए हैं.

डेंगू के लक्षण, उपचार और बचाव.

लखनऊः डेंगू एक खतरनाक समस्या है अगर हम बात करें लखनऊ के जिला अस्पताल की तो यहां का डेंगू वार्ड में मरीजों से फुल है और रोजाना कई मरीज बुखार की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं.

डेंगू के लक्षण, उपचार और बचाव.

कैसे बनता है डेंगू लार्वा
पानी की खुली हुई टंकी, खाली पड़े टायर, कंटेनर, बेकार पड़े बर्तन, घरों के आसपास बने गड्ढों आदि जगह जहां पानी जमा रहता है. साफ पानी में एनाफिलीज और एडिस मच्छर अंडे देते हैं. सात दिन के अंदर वह पानी लार्वा के रूप में परिवर्तित हो जाता है. इस लारवा से पैदा होने वाले मच्छरों के काटने से डेंगू जैसी जानलेवा बीमारियां बैठे-बिठाए घर में अपने आप घर बना लेती हैं. वहीं गंदे और जमे हुए पानी में क्यूल एक्स मच्छर पनपते हैं जो फाइलेरिया बीमारी पैदा करते हैं.
क्या है डेंगू बुखार
डेंगू बुखार मच्छरों द्वारा फैलाई जाने वाली बीमारी है. जो कि एडिज मच्छर के काटने से डेंगू वायरस फैलता है. बारिश के मौसम में ये बिमारी जानलेवा साबित होती है. जानकारी के अभाव के कारण हर साल हजारों लोग इसकी चपेट में आते हैं.
डेंगू के लक्षण और खतरा
डेंगू होने पर आमतौर पर व्यक्ति को तेज बुखार आता है. कई बार इस बुखार को लोग सामान्य समझकर नजरअंदाज करते हैं. या गलत इलाज करातें रहते हैं. तीन-चार दिन में ही डेंगू के वायरस खतरनाक हो जाते हैं और खतरा बढ़ जाता है. डेंगू से आघाट सिंड्रोम जैसी जटिलताएं पैदा हो सकती हैं. जिससे फेफड़े जिगर या दिल को नुकसान पहुंच सकता है.

क्या है डेंगू रक्तस्रावी बुखार?
यह डेंगू का ही एक भाग है. अगर इसका इलाज न कराया गया तो इससे व्यक्ति की मौत भी हो सकती है. इससे जिगर यानी एनलार्ज लिवर की समस्या हो सकती है. गंभीर मामलों में ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. जिसे डेंगू घातक सैंड्रोम कहा जाता है.

डेंगू के लक्षण की लिस्ट
-नाक मुंह मसूड़ों या स्किन से खून निकलना.

-कोन्या नॉरमल उल्टी होना.
-मल का रंग काला होना
-बेवजह थकान और कमजोरी होना.
-अधिक पसीना आना.
-गंभीर पेट दर्द.
-भूख कम लगना.

डेंगू होने का कारण
-डेंगू के सबसे ज्यादा मामले बारिश के मौसम में देखने में आते हैं.
-यह मच्छर दिन में काटते हैं.
-डेंगू मच्छर ठहरे हुए पानी में पनपते हैं जैसे- कूलर के पानी में, नालों में और आसपास की नालियों में.
-डेंगू कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों को आसानी से हो जाता है.

ऐसे करें डेंगू से बचाव
-डेंगू के मरीजों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. आराम करना चाहिए और काफी मात्रा में तरल आहार लेना चाहिए.
-पांच दिन से अधिक समय तक बुखार होने पर रक्त जांच जरूर करा लें. डेंगू से बचना है तो मच्छरों से बचें.
-इसके गंभीर होने की संभावना केवल 1% होती है. और अगर लोगों को खतरे के संकेतों की जानकारी हो। तो जान जाने से बचाई जा सकती है.

डेंगू से बचने के घरेलू उपाय
डॉक्टर्स के अनुसार आप कुछ घरेलू उपाय अपनाकर यह समस्या से काफी हद तक निजात पा सकते हैं. मच्छरों को दूर रखने के लिए आप घर में कपूर जला सकते हैं और पूरी बॉडी पर नीम का तेल लगाकर खुद को सुरक्षित रख सकते हैं. किसी भी इन्फेक्शन से बचने के लिए हमें बॉडी की प्रतिरक्षा प्रणाली को बूस्ट करने की जरूरत है और यह खाने में विटामिन सी की मात्रा लेने से ही संभव है. डेंगू से बचाव के लिए अधिक से अधिक मात्रा में ताजी पकी हरी सब्जियां लें. सफाई से बना नींबू पानी आंवला और भारतीय गूजबेरी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए कमाल कर सकती है.

डेंगू में पपीते का जूस हो सकता है फायदेमंद
डेंगू एक तरह का इंफेक्शन है. इसमें अधिक मात्रा में प्लेटलेट्स काउंट गिर जाता है. इससे निजात पाने में आपकी मदद पपीता के पत्ते कर सकते हैं. जी हां रोजाना इन्हें पीसकर इसका जूस निकालकर पीने से कुछ ही दिनों में आपकी प्लेटलेटस ठीक हो जाती है.

(डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ और डॉ. डी एस नेगी, निदेशक सिविल हॉस्पिटल के कथनों पर आधारित)

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