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Court News : विधानसभा व विधान परिषद में भर्तियों का मामला, सीबीआई जांच कराने के आदेश पर पुनर्विचार की मांग

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 27, 2023, 10:49 PM IST

विधान परिषद सचिवालय में नेताओं, अधिकारियों के परिजनों और करीबियों को नौकरी देने (Matter of recruitment in Assembly and Legislative Council) के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाने का मामला सामने आया था. कोर्ट के आदेश (Court News) के बाद मामला सीबीआई जांच के लिए आगे बढ़ा है तो कई बड़े चेहरे बेनकाब होने के आसार हैं.

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लखनऊ : विधान परिषद की ओर से गुरूवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए, विधान परिषद व विधान सभा की भर्तियों की प्रारम्भिक जांच (Matter of recruitment in Assembly and Legislative Council) सीबीआई से कराने के 18 सितंबर के आदेश पर पुनर्विचार की मांग की गई है. न्यायालय ने उक्त पुनर्विचार प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए मूल याचिका के साथ 3 अक्टूबर की तिथि नियत की है.

यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने पारित किया है. पुनर्विचार प्रार्थना पत्र को विधान परिषद की ओर से बुधवार को दाखिल करते हुए, तत्काल सुनवाई की मांग की गई, जिसे मंजूर करते हुए न्यायालय ने सुनवाई की. सुनवाई के दौरान सीबीआई के अधिवक्ता अनुराग सिंह ने कहा कि 'सीबीआई की ओर से भी एक अर्जी दाखिल कर जनहित याचिका में कुछ निर्देश देने की मांग की गई है, वहीं न्यायालय द्वारा जनहित याचिका में सुनवाई में सहयेाग करने के लिए नियुक्त एमीकस क्यूरी (न्याय मित्र) वरिष्ठ अधिवक्ता एलपी मिश्रा की ओर से कहा गया कि वह भी इस मामले की सुनवाई से अलग रहना चाहते हैं. न्यायालय ने कहा कि इस बिंदु पर भी अगली सुनवाई में आदेश पारित किया जाएगा.

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उल्लेखनीय है कि कि एक विशेष अपील और एक रिट याचिका की सुनवाई के दौरान तलब किये गए दस्तावेजों के अवलोकन से न्यायालय ने प्रथम दृष्टया पाया है कि विधान सभा और विधान परिषद में तमाम स्टाफ की हुई पिछली नियुक्तियों में भारी अनियमितता बरती गई थी. न्यायालय ने पाया कि इस मामले में 2019 में भर्ती की प्रकिया के नियम बदले गए और यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन व यूपी सबॉर्डिनेट सर्विसेज सलेक्शन कमीशन के होते हुए भी नई एजेंसी की पहचान कर उससे भर्ती प्रकिया कराई गई. न्यायालय ने कहा था कि जिस प्रकार एक बाहरी एजेंसी को चुना गया और उससे भर्ती प्रकिया कराई गई वह संदेह पैदा करता है और इस वजह से सीबीआई से प्रारम्भिक जांच कराना आवश्यक है.

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