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विधान परिषद में उठे ये मुद्दे, न्यूनतम मजदूरी देने के लिए छह महीने में गठित होगा सलाहकार बोर्ड

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Published : Aug 9, 2023, 7:58 PM IST

विधान परिषद सदन में बुधवार को विधानसभा से पास होकर आए चार विधेयकों को पटल पर रखा गया. इसके पहले समाजवादी पार्टी ने प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा के गिरते स्तर, माध्यमिक शिक्षा में बच्चों की लगातार घटती संख्या, सरकार की गलत नीतियों के कारण शिक्षा पूंजीपतियों के हवाले तथा निःशुल्क एवं बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के खुले उल्लंघन का मामला उठाया.

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लखनऊ : विधान परिषद में बुधवार को समाजवादी पार्टी ने प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा के गिरते स्तर, माध्यमिक शिक्षा में बच्चों की लगातार घटती संख्या, सरकार की गलत नीतियों के कारण शिक्षा पूंजीपतियों के हवाले तथा निःशुल्क एवं बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के खुले उल्लंघन का मामला उठाया. सरकार के जबाव से असंतुष्ट सपा सदस्य सदन से वाक आउट किया. शिक्षक दल के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने आजमगढ़ में चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल में 31 जुलाई की घटना पर आठ अगस्त को सीबीएसई विद्यालयों के बंद रहने का मामला उठाया. उन्होंने प्रधानाचार्य व शिक्षक को जेल भेजे जाने को गलत ठहराते हुए इसे पुलिस की भूमिका की जांच कराए जाने की मांग की. सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने अपर पुलिस अधीक्षक से मामले की जांच कराए जाने का सरकार को निर्देश दिया. इसके साथ ही लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान राशि बढ़ाने के साथ ही चिकित्सा राशि भी दिए जाने की मांग सपा के राजेन्द्र चौधरी ने की. नेता सदन एवं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान था, है और रहेगा.

विधान परिषद में उठे ये मुद्दे.
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शून्य प्रहर में ही सपा के लाल बिहारी यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य, नरेश चन्द्र उत्तम, डाॅ. मानसिंह यादव, आशुतोष सिन्हा, मुकुल यादव, मो. जासमीर अंसारी एवं शहनवाज खान ने प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों के स्तर को सुधारे जाने, माध्यमिक शिक्षा में बच्चों की लगातार घटती संख्या, सरकार की गलत नीतियों के कारण शिक्षा पूंजीपतियों के हवाले तथा निःशुल्क एवं बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के खुले उल्लंघन का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया. सदस्यों ने कहा कि शिक्षा किसी भी राष्ट्र के निर्माण की आधारशिला है. सरकार शिक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है. शिक्षा को पूंजीपतियों के हवाले किया जा रहा है, जिससे गांव, गरीब का बच्चा शिक्षा से वंचित हो जाएगा. माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने सदन को तथ्यों से अवगत कराया. सरकार के उत्तर से असंतुष्ट सपा के सभी सदस्य सरकारविरोधी नारेबाजी करते हुए सदन से वाक आउट किया.

विधान परिषद में उठे ये मुद्दे.
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शिक्षक दल के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने आजमगढ़ के चिल्ड्रन गर्ल्स स्कूल में 31 जुलाई को हुई घटना में सम्बन्धित प्रधानाचार्य एवं शिक्षक को जेल से मुक्त कराए जाने एवं घटना की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया. उन्होंने कहा कि इस घटना के विरोध में आठ अगस्त को पुलिस उत्पीड़न के विरोध में सीबीएसई बोर्ड के विद्यालय बंद रहे. पुलिस मनमानी कर रही है. कोई शिक्षक कभी छात्रा को ऐसा करने के लिए प्रेरित नहीं करेगा. यह गुरु-शिष्य परम्परा पर कलंक है. गुरु के महत्व को खत्म किया जा रहा है. सरकार का पक्ष रखते हुए मंत्री स्वतन्त्र देव सिंह ने कहा कि मामले की जांच मऊ के क्षेत्राधिकारी कर रहे है. दोषी को सजा मिलेगी. सभापति ने अपर पुलिस अधीक्षक से जल्द मंत्री स्वतन्त्र देव सिंह ने सदन को तथ्यों से अवगत कराया. माननीय सभापति कुॅवर मानवेन्द्र सिंह ने सूचना पर कार्यस्थगन अस्वीकार कर सरकार को आवश्यक कार्यवाही हेतु संदर्भित किए जाने के निर्देश दिए.

विधान परिषद में उठे ये मुद्दे.
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माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि नई नियमावली विद्यार्थियों के समग्र विकास को ध्यान में रखकर बनाई गई है. भूमि के मानकों में परिवर्तन किया गया है. जिससे कमरे अच्छे हों और खेल मैदान हों. पहले क्लासरूम छोटे होते थे और खेल मैदान विद्यालयों में नहीं थे. कई अन्य सदस्यों ने कहा कि पुरानी संस्थाओं की मान्यता पुरानी नियमावली से की जाए. सभापति ने सरकार से सुझाव पर भी विचार किए जाने का निर्देश दिया.

विधान परिषद में उठे ये मुद्दे.
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बसपा के भीमराव अम्बेडकर ने जनपद व महानगर-लखनऊ में वर्ष 2001 में पूर्वी विहार योजना के नाम से उत्तर प्रदेश आवास संघ द्वारा तकरोही फतहापुरवा, हरदासी खेड़ा, कमता व चिनहट के किसानों की अधिग्रहित की गई भूमि को अवार्ड घोषित नहीं कराए जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया. उन्होंने कहा कि जमीन को अवार्ड घोषित नहीं करने के बाद भी खतौनी में आवास संघ के नाम दर्ज करा लिया गया जो पूरी तरह से अवैधानिक है. जमीन किसानों को खतौनी में वापस की जाए. सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री स्वतनत्र देव सिंह ने कहा कि आख्या मांगी गई है. समय लगने की संभावना है. सभापति ने निर्देश दिया कि जब आख्या आ जाए तो सदन को अवगत करा दें.




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