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Best Age of Marriage : कॅरियर के चक्कर में युवा शादी में कर रहे लेटलतीफी, यह है विवाह की सही उम्र

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Published : Feb 4, 2023, 1:36 PM IST

Updated : Feb 4, 2023, 3:37 PM IST

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वर्तमान में युवक-युवतियां (Best Age of Marriage) अपने कॅरियर को लेकर काफी संवेदनशील हो गए हैं. मेडिकल टर्म के अनुसार सुखी और स्वस्थ दांपत्य जीवन के लिए सही समय पर शादी होना आवश्यक है. वरना एक निर्धारित उम्र के बाद संतान उत्पन्न करना काफी जटिल हो जाता है.

कॅरियर के चक्कर में युवा शादी में कर रहे लेटलतीफी

लखनऊ : मौजूदा समय में युवा 30 साल से पहले शादी नहीं करते हैं. ऐसे में महिलाओं में गर्भधारण की समस्याएं आम हो गई हैं. आज के समय में महिला हो या पुरुष हर कोई कॅरियर ओरिएंटेड (भविष्य उन्मुख) हो गया है. कॅरियर बनेगा तब उसके बाद शादी करेंगे. इस चक्कर में शादी की सही उम्र बीत जाती है. वैसे तो शादी हर उम्र में किया जा सकता है, लेकिन जो सही उम्र होती है. अगर उस दौरान शादी नहीं होती है तो फिर उसके बाद प्रगनेंसी में भी काफी कॉम्प्लिकेशंस होती हैं. कई बार गर्भधारण नहीं होता है तो कई बार पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी हो जाती है. ऐसे में कपल्स टेस्ट ट्यूब बेबी या आईवीएफ का सहारा लेते हैं जो कि काफी ज्यादा महंगी प्रणाली है.

कॅरियर के चक्कर में युवा शादी में कर रहे लेटलतीफी
कॅरियर के चक्कर में युवा शादी में कर रहे लेटलतीफी



केजीएमयू के महिला विभाग क्वीन मैरी अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सीमा मल्होत्रा ने बताया कि आजकल हर कोई कॅरियर बनाने के बाद ही शादी करता है, लेकिन शादी के सही उम्र 22 से 35 साल होती है इस पर महिलाओं को गर्भधारण के दौरान भी कोई कॉम्प्लिकेशंस नहीं होती है, लेकिन 35 साल के बाद महिलाओं को गर्भधारण करने में कॉम्प्लिकेशंस होती है, कई बार वह मां बनने योग्य नहीं रहती हैं. अस्पताल में बहुत सारे केस ऐसे आते हैं. महिलाओं के लिए हमेशा से कहा जाता है कि 30 साल के बाद महिलाओं का शरीर कमजोर होना शुरू होता है.

ऐसे में लड़कियों को बहुत सावधान रहने की ज़रूरत है. उन्हें अपनी प्रजनन क्षमता का परीक्षण कराते रहना चाहिए. एएमएच (एंटी मुलेरियन हार्मोन) नामक एक परीक्षण है जो अंडों की संख्या को दर्शाता है. यदि यह कम है, तो जोख़िम है. इसलिए लड़कियों को सावधान रहना चाहिए. ऐसे मामलों में सिर्फ़ अंडाशय ही नहीं, बल्कि महिला की उम्र का भी ध्यान रखा जाना चाहिए. जैसे-जैसे शरीर की उम्र बढ़ती हैं, उसकी मुश्किलें भी बढ़ती हैं. कम उम्र में सहने की क्षमता ज़्यादा होती है.

डॉ. सीमा मल्होत्रा ने कहा कि अगर कम उम्र में लड़की की शादी होती है उस दौरान भी तमाम दिक्कतें होती हैं जो बच्चा पैदा होता है. वह प्रीमेच्योर होता है. कई बार ड्राई सिंड्रोम के बच्चे शिकार हो जाते हैं. इसके अलावा बहुत सारे केस ऐसे होते हैं जब जच्चा और बच्चा दोनों मुसीबत में फंस जाते हैं क्योंकि लड़की की उम्र कम रहती है. ऐसे में गर्भधारण के दौरान से लेकर प्रसव तक तमाम दिक्कतें होती है. कम उम्र के कारण कई बार महिला प्रसव पीड़ा भी बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं. यह सारी दिक्कतें कम उम्र में शादी होने के बाद होती हैं. वहीं इससे एकदम अलग है जब 30 साल की उम्र में कोई महिला शादी करती है और 32 साल की उम्र में बेबी प्लान करती है तो ऐसे में कई बार कॉम्प्लिकेशंस बढ़ जाती हैं. कई बार ऐसा होता है कि महिलाओं में कोई दिक्कत नहीं होती है, लेकिन उनके पाटनर में शुक्राणुओं की कमी हो जाती है. इस वजह से भी गर्भधारण में दिक्कतें होती है. क्योंकि शादी के दौरान अगर महिला की उम्र 32 है तो जाहिर तौर पर पुरुष की उम्र भी 35 होगी.

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Last Updated :Feb 4, 2023, 3:37 PM IST
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