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भाषण में अखिलेश ने खूब ली चुटकियां, बोले-कन्नौज को गोबर नहीं परफ्यूमरी प्लांट चाहिए

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Published : May 30, 2022, 6:21 PM IST

यूपी विधानसभा सत्र में बजट पर अपने भाषण में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खूब चुटकियां ली. इसके साथ ही उन्होंने कई गंभीर विषय भी उठाए.

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बजट पर भाषण में अखिलेश यादव ने इस तरह लीं चुटकियां

लखनऊ : प्रदेश की विधान सभा में 26 मई को पेश बजट पर अपने भाषण में नेता प्रतिपक्ष ने खूब चुटकियां लीं. हालांकि वह गंभीर विषयों को उठाने से नहीं चूके. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जनता से जुड़े हर मुद्दे को छुआ और सरकार की खामियों को भी उठाया. अखिलेश यादव की टिप्पणियों पर नेता सदन योगी आदित्यनाथ मुस्कराते रहे.

अखिलेश यादव ने अपने भाषण की शुरुआत 'बजट नहीं बंटवारा है' के जुमले से की. अखिलेश ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में छात्रों को वितरित किए गए लैपटॉप का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ई-वेस्ट का क्या करेगी? उसके पास ई-वेस्ट से निपटने की क्या योजना है? उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे, तो उन्होंने लखनऊ को कूड़े से बिजली बनाने की एक योजना दी थी, जिस पर काफी पैसा भी खर्च हुआ था. हालांकि यह योजना आज तक चालू नहीं हो सकी है. पता करने पर कहा गया कि 'कूड़े की क्वालिटी ' अच्छी नहीं है, इसलिए संयंत्र नहीं चल सका. आप खुद ही बताएं कि कूड़े की भी क्वालिटी होती है क्या? अखिलेश ने बिजली के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा. उन्होंने सपा सरकार में बिजली को लेकर किए गए काम गिनाए और सरकार से पूछा कि स्थिति में सुधार के लिए इस बजट ने नया क्या किया गया है?


'आपने मेरे शेर का पोस्टमार्टम कर दिया'
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने अपने भाषण के दौरान एक शेर पढ़ा ''जब तलक अमन और चैन नहीं आता, काम हमारा नफरत की खिलाफत करना, मेरा एक मशाल बन कर चलना''. इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना खड़े हुए और अखिलेश यादव से मुखातिब होकर कहा कि 'आपने तो मेरे शेर का पोस्टमार्टम कर दिया'. इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि 'आप मेरा भाव समझ गए हैं. यह शेर मैंने आपके बजट भाषण वाले शेर के जवाब में पढ़ा है.' इस पर दोनों ओर से ठहाके लगे. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कृषि क्षेत्र के बजट में गिरावट का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी एजेंडे में किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, उसका क्या हुआ? उन्होंने सरकार पर डेयरी के क्षेत्र में भी उपेक्षा का आरोप लगाया.


कन्नौज को गोबर नहीं परफ्यूमरी प्लांट चाहिए
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि 'कन्नौज में गोबर प्लांट लगाया जा रहा है. हालांकि देश और दुनिया में कन्नौज की पहचान इत्र और परफ्यूम के लिए है. समाजवादी सरकार कन्नौज में परफ्यूमरी प्लॉट लगाना चाहती थी, पर आप वहां गोबर प्लांट लगा रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से मुखातिब होते हुए कहा कि 'आप गोबर प्लांट गोरखपुर ले जाइए, कन्नौज में परफ्यूमरी प्लॉट चाहिए.' उन्होंने इशारों-इशारों में गोमूत्र को 'एनर्जी ड्रिंक' बताकर चुटकी ली.


नदियों की सफाई के मुद्दे पर भी घेरा
अखिलेश यादव ने कहा कि सहायक नदियों की सफाई के बिना गंगा कभी निर्मल नहीं हो सकती. समाजवादी सरकार में हमने इस ओर काफी प्रयास किए थे, लेकिन आपने इस क्षेत्र में कोई काम नहीं किया. गोमती और वरुणा नदियों का काम जहां का तहां रोक दिया गया. यह नदियां गंगा में मिलती हैं. यदि यह नदियां पहले से साफ हो, तो गंगा भी साफ होगी. अखिलेश यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि 'लखनऊ में रिवर फ्रंट का काम भले ही रुक गया, लेकिन गोमती के तटों पर लगाए गए पौधों में फूल आज भी खिल रहे हैं'.


मुझे एक छात्र ने बताया था राहुल गांधी
अखिलेश यादव ने प्राथमिक शिक्षा की दुर्दशा पर एक प्रसंग साझा किया. उन्होंने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तब एक स्कूल गए थे. उस दौरान एक बच्चे से उन्होंने पूछा कि 'मैं कौन हूं, तो उसने कहा राहुल गांधी'. यह वाकया शिक्षा की दुर्दशा को उजागर करता है. सरकार ने शिक्षा की स्थिति में सुधार के लिए भी बजट में पर्याप्त प्रावधान नहीं किए हैं. अखिलेश ने कहा कि स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों की उपलब्धता कैसी है, सरकार को बताना चाहिए. उन्होंने सरकार में भ्रष्टाचार का विषय उठाते हुए एक मंत्री के बयान का हवाला दिया 'थोड़ा बहुत बना लो, पूरा मत डकार लो', जिसके बाद सदन में ठहाके लगे.


लायन सफारी की उपेक्षा पर भी सरकार को घेरा
अखिलेश ने लायन सफारी की उपेक्षा का मुद्दा उठाया. उन्होंने चुटकी ली कि जो शेर आप यहां से गोरखपुर चिड़ियाघर लेकर गए हैं, वह कहीं कमजोर न हो जाएं, इसे देखे रहिएगा. उन्होंने कहा कि चीनी मिलों में सरकार का बकाया कितना है, यह जानकारी सरकार कभी नहीं देती.

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