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ललितपुर: किसान ने DM से जान का खतरा होने का लगाया आरोप, कमिश्नर से की शिकायत

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Published : Dec 13, 2019, 7:18 AM IST

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ललितपुर के जिलाधिकारी

यूपी के ललितपुर में एक किसान ने कमिश्नर से जिलाधिकारी की लिखित शिकायत की. किसान ने जिलाधिकारी से जान से खतरा होने की बात कही. कमिश्नर ने मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए. इसके जिलाधिकारी खुद शिकायतकर्ता से मिलने उसके गांव पहुंचे.

ललितपुर: तहसील मड़ावरा क्षेत्र के ग्राम बछरावनी निवासी किसान अखिलेश अहिरवार ने कमिश्नर से जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ला की लिखित शिकायत की. अखिलेश ने डीएम से पर न केवल रंजिश रखने बल्कि उनसे जान से खतरा होने का आरोप लगाया. मामला जिलाधिकारी से जुड़ा होने पर प्रशासन में हड़कंप मच गया.

किसान से मिलने उसके गांव पहुंचे जिलाधिकारी.

कमिश्नर ने मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दे दिए. इसके बाद जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ला स्वयं शिकायतकर्ता से मिलने के लिए जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूरस्थ बछरावनी गांव पहुंचे. यहां उन्होंने पीड़ित किसान से जाकर बात की. पूरे मामले को समझकर डीएम ने तत्काल संबंधित अधिकारियों को पीड़ित किसान की समस्या का निस्तारण करने के निर्देश दिए.

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क्या है पूरा मामला-

  • तहसील मडावरा के बछरावनी गांव निवासी अखिलेश ने मंडलायुक्त कार्यालय झांसी में एक शिकायती पत्र दिया.
  • अखिलेश ने बताया कि उसके पिता को बरसों पहले कृषि भूमि कार्य हेतु भूमि का पट्टा आवंटित किया गया था जो बाद में संक्रमणीय भूमिधर भी हो गया था.
  • उसे आज तक उसकी जमीन के कुछ हिस्से पर कब्जा नहीं मिल सका.
  • इस शिकायती पत्र की जानकारी जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ला को मिली.
  • वह स्वयं इस मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए दलबल व पत्रकारों समेत पीड़ित किसान के घर बछरावनी पहुंचे.
  • उन्होंने पीड़ित किसान परिवार से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना.
  • मंडलायुक्त कार्यालय झांसी में की गई शिकायत के बारे में जानकारी प्राप्त की.
  • किसान ने बताया कि शिकायत के लिए किसी ने कोई धमकी नहीं दी थी.
  • वह अपनी जमीन पर कब्जे के लिए मानसिक रूप से परेशान चल रहा है.
  • किसान ने कहा कि आवेश में आकर उसने शिकायत की थी.
  • वहीं जिलाधिकारी ने अधीनस्थ अधिकारियों को किसान की समस्या के तत्काल निस्तारण किए जाने के निर्देश दिए.

हमारे पिता जी का पट्टा लगभग 35 साल पहले हुआ था जो अभी तक नपा नहीं है. हम निर्णय चाहते हैं कि पट्टा खारिज किया जाए या नाप किया जाए. डीएम कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं. डीएम आए थे और अश्वासन दे गए हैं. हम 10-15 साल से तहसील मड़ावरा में जा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है.
-अखिलेश अहिरवार, पीड़ित किसान

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7 तारीख को एक एप्लिकेशन ग्रामीण अखिलेश अहिरवार के तरफ से मंडलायुक्त को गई थी. इसमें उन्होंने वर्तमान जिलाधिकारी से जान का खतरा बताया. आयुक्त महोदय ने वो एप्लिकेशन मेरे पास भेजी. मैंने स्वयं गांव का भ्रमण किया और संबंधित से मुलाकात की. पीड़ित पूर्व में प्रशासन से बहुत नाराज रहा है. उसकी नाराजगी का कारण उसका पट्टा अब तक न मिल पाना है. संबंधित समस्त अधिकारियों की टीम गठित करके निर्देश दिए हैं कि उसे कब्जा दिलाएं.
-योगेश कुमार शुक्ला, जिलाधिकारी

Intro:एंकर-ललितपुर जिला प्रशासन में उस समय हड़कंप मच गया. जब तहसील मड़ावरा क्षेत्र के ग्राम बछरावनी निवासी अखिलेश अहिरवार ने कमिश्नर के समक्ष उपस्थित होकर जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ला की लिखित शिकायत की.जिसमें उसने डीएम से ना केवल रंजिश रखने,बल्कि जान से खतरा होने की बात कही थी,मामला चूंकि जिलाधिकारी से जुड़ा था तो ऐसे में प्रशासन में हड़कंप मच गया. कमिश्नर ने मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे. जिसके बाद जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ला स्वयं शिकायतकर्ता से मिलने के लिए जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूरस्थ गांव बछरावनी पहुंचे.जहां पर जाकर उन्होंने पीड़ित किसान से जाकर बात की और पूरे मामले को समझ कर तत्काल संबंधित अधिकारियों को पीड़ित किसान की समस्या को निस्तारण करने के निर्देश दिए.


Body:वीओ-बताते चलें कि तहसील मडावरा के गांव बछरावनी निवासी अखिलेश पुत्र झुन्नू अहिरवार ने मंडलायुक्त कार्यालय झांसी में एक शिकायती पत्र दिया था जिसमे उसने बताया था.कि उसके पिता को बरसों पहले कृषि भूमि कार्य हेतु भूमि का पट्टा आवंटित किया गया था.जो बाद में संक्रमणीय भूमिधर भी हो गया था. लेकिन उसे आज तक उसकी जमीन के कुछ हिस्से पर कब्जा नहीं मिल सका.जैसे ही इस शिकायती पत्र की जानकारी जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ला को मिली तो वह स्वयं इस मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए दलबल व पत्रकारों समेत पीड़ित किसान के घर बछरावनी पहुंचे.उन्होंने पीड़ित किसान परिवार से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना और मंडलायुक्त कार्यालय झाँसी में की गई शिकायत के बारे में जानकारी प्राप्त की.जिसके बाद किसान परिवार के बिना किसी दबाब के बताया कि किसी ने कोई धमकी नहीं दी.वह अपनी जमीन पर कब्जे के लिए मानसिक रूप से परेशान चल रहा है और आवेश में आकर उसने शिकायत की थी.वही जिलाधिकारी ने अधीनस्थ अधिकारियों को किसान की समस्या के तत्काल निस्तारण किए जाने के निर्देश दिए.

बाइट-वही पीड़ित ने बताया कि हमारे पिता जी का पट्टा लगभग 35 साल पहले हुआ था जो अभी तक नपा नही है.ये खतरा है हमे और निर्णय चाहते है कि पट्टा खारिज किया जाए या नाप किया जाए.वहीं कहा कि डीएम को कोई सुनवाई नही कर रहे हैं और आज आये थे डीएम तो अस्वाशन दे गए अब कल तक न्याय मिलने की उम्मीद है या नही कल ही पता चलेगा. हम 10-15 साल से तहसील मड़ावरा में जा रहे लेकिन कोई सुनवाई ही नही हुई.

बाइट-अखिलेश अहिरवार(पीड़ित)


Conclusion:बाइट-वही इस मामले को लेकर जिलाधिकारी का कहना है कि 7 तारीख में एक एप्लिकेशन एक ग्रामीण अखिलेश अहिरवार के तरफ से मंडलायुक्त गई थी.कि उनको वर्तमान जिलाधिकारी से जान का खतरा है तो आयुक्त महोदय में वो एप्लिकेशन मेरे पास भेजी और मैंने जानकारी की.इसलिए मैंने स्वयं गांव का भ्रमण किया था और संबंधित से मुलाकात की और जानकारी की.कि पीड़ित पूर्व में प्रशासन से बहुत नाराज रहा है और नाराजी का कारण उसको उसका पट्टा अब तक नही मिल पाया है.वही कहा कि उसे वर्तमान जिलाधिकारी से पूर्व के प्रशासन के प्रति आक्रोश था.मैंने उससे बात की और उसे किसी से कोई शिकायत नही थी.इसके बाद संबंधित समस्त अधिकारियों की टीम गठित करके निर्देश दिए है कि उसे कब्जा दिलाये ।

बाइट-जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ला


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