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लखीमपुर हिंसा केस : अंकित दास समेत 12 आरोपियों की जमानत खारिज

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Published : Jan 7, 2022, 7:40 PM IST

लखीमपुर हिंसा केस : अंकित दास समेत 12 आरोपियों की जमानत खारिज
लखीमपुर हिंसा केस : अंकित दास समेत 12 आरोपियों की जमानत खारिज

अदालत में अंकित दास समेत पांच आरोपियों ने गुरुवार को सीजेएम अदालत में शुक्रवार को अपनी जमानत अर्जी वकील शैलेंद्र सिंह गौड़ के मार्फत डाली थी. वहीं वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एसपी यादव ने बताया अदालत ने गंभीर धाराओं और सेशन ट्रायल को देखते हुए सभी 12 आरोपियों की जमानत खारिज कर दी है.

लखीमपुर खीरी : लखीमपुर हिंसा (LAKHIMPUR VIOLENCE CASE) मामले में थार जीप से कुचलकर चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के आरोप में जेल में निरुद्ध अंकित दास, सुमित जायसवाल समेत 12 आरोपियों की जमानत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) की अदालत ने खारिज कर दी है.

अदालत में अंकित दास समेत पांच आरोपियों ने गुरुवार को सीजेएम अदालत में शुक्रवार को अपनी जमानत अर्जी वकील शैलेंद्र सिंह गौड़ के मार्फत डाली थी. वहीं वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एसपी यादव ने बताया अदालत ने गंभीर धाराओं और सेशन ट्रायल को देखते हुए सभी 12 आरोपियों की जमानत खारिज कर दी है.

गौरतलब है कि तीन अक्टूबर 2021 को तिकुनिया में डिप्टी सीएम, खीरी सांसद और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के दिए गए बयान से नाराज किसान प्रदर्शन कर रहे थे. तभी मंत्री अजय मिश्र की थार गाड़ी ने किसानों के एक समूह को रौंद दिया था.

इसमें चार किसानों और एक पत्रकार की मौके पर मौत हो गई थी. वहीं, करीब दर्जनभर किसान घायल हो गए थे. हिंसा में जेल में बंद मंत्री पुत्र आशीष मिश्र के व्यापारी दोस्त अंकित दास, लतीफ उर्फ काले, शेखर भारती, नंदन सिंह विष्ट और सत्यप्रकाश उर्फ सत्यम त्रिपाठी ने अपने वकील के मार्फ़त गुरुवार को सीजेएम अदालत में जमानत अर्जी डाली थी.

बुधवार को इससे पहले तिकुनिया हिंसा में आरोपी 13 आरोपियों में से सात आरोपियों बीजेपी सभासद सुमित जायसवाल, रिंकू राना, धर्मेंद्र बंजारा, आशीष पांडेय, लवकुश राना, उल्हास उर्फ मोहित त्रिवेदी और शिशुपाल ने अपनी जमानत के लिए जमानत प्रार्थनापत्र सीजेएम अदालत में जमानत को डाली थी. तिकुनिया मामले में एसआईटी ने धाराएं बदल दीं हैं. इसके बाद इन सभी 12 आरोपियों ने फिर से फ्रेश बेल एप्लिकेशन अदालत में डाली थी.

यह भी पढ़ें : Lakhimpur Kheri case: एसआईटी ने दाखिल किया जवाबी हलफनामा, आशीष मिश्रा की ओर से मांगा गया समय

वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी (SPO) एसपी यादव ने बताया कि सीजेएम अदालत ने सभी आरोपियों की जमानत धारा-302 होने के चलते खारिज कर दी है. अंकित दास और
बचाव पक्ष के वकील शैलेंद्र सिंह गौड़ ने ईटीवी भारत को बताया कि अदालत ने धाराओं को गंभीर प्रकृति का और सेशन ट्रायल मानते हुए जमानत देने से मना कर दिया. अदालत ने इस बात का शपथपत्र भी लिया कि कहीं आपकी हाईकोर्ट या लोवर कोर्ट में कोई जमानत याचिका पेंडिंग तो नहीं. बताया कि उन्होंने शपथपत्र अदालत को सौंप दिया.

तिकुनिया हिंसा मामले में दर्ज 219 नंबर केस में सीजेएम अदालत में ये जमानत प्रार्थनापत्र तब डाले गए थे जब तीन जनवरी को एसआईटी ने सभी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र समेत जेल में बंद 13 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और मोटर व्हीकल एक्ट की धाराओं में बढोतरी कर आरोप पत्र दाखिल किया. वहीं, मुकदमें में एक और आरोपी वीरेंद्र शुक्ला का नाम बढ़ाया गया है.

वह गृह राज्यमंत्री के रिश्ते में साले लगते हैं. वीरेंद्र शुक्ल पर सबूतों को छिपाने (IPC 201) का आरोप है. मुकदमें में धारा 427, 34 और 177 मोटर व्हीकल एक्ट बढ़ाई गई है. मामले में सुमित जायसवाल पर 3/25आर्म्स एक्ट, मंत्री पुत्र आशीष मिश्र, अंकित दास, लतीफ उर्फ काले और सत्यम् त्रिपाठी पर आर्म्स एक्ट की धारा 30 (लाइसेंसी असलहों का दुरुपयोग) और एक अन्य आरोपी नंदन सिंह विष्ट पर 5/27(आशीष की लाइसेंसी रायफल का दुरुपयोग) करने की धाराएं लगी हैं. अब तिकुनिया हिंसा मामले में 14 आरोपी हो गए हैं. वहीं एसआईटी को दो और आरोपियों की तलाश है. विवेचना भी प्रचलित है.

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