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बजट पेश होने के बाद सपाइयों ने वित्त मंत्री के पुतले की निकाली अर्थी, किसानों ने दी यह प्रतिक्रिया

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Published : Feb 2, 2020, 4:39 AM IST

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यूपी में बजट पर लोगों की प्रतिक्रियाएं.

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पूर्ण बजट संसद में पेश हो गया. इस पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं. मिर्जापुर में सपाइयों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पुतले की अर्थी निकालकर अपना विरोध जताया. वहीं शामली में बजट को लेकर किसानों में नाखुशी हैं. उनका कहना है कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं, बल्कि नोटिस मिलता है.

लखनऊ: केन्द्र में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में प्रस्तुत किया, जिसमें कृषि और सिंचाई पर सरकार का फोकस दिखाई दिया. इस क्षेत्र के लिए 1.2 लाख करोड़ के फंड की व्यवस्था सरकार करने जा रही है. वहीं 2020-2021के लिए 15 लाख करोड़ रुपये कृषि ऋण का लक्ष्य भी सरकार ने रखा है. इस बजट को लेकर किसानों में नाखुशी है.

आम बजट पर क्या है किसानों का कहना
कासगंज: केंद्र में सरकार बनने के बाद मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट आज संसद में पेश हो गया. बजट पेश होने के बाद कासगंज जनपद में किसानों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार को किसानों की आय बेहतर करने के ज्यादा प्रयास करने चाहिए. साथ ही खाद का भी दाम घटाना चाहिए.

बजट पर कासगंज के किसानों ने दी प्रतिक्रिया.

केन्द्रीय बजट में किसानों के लिए किए गए प्रावधानों पर जनपद के किसानों का कहना था कि अभी तक उनकी फसल की पैदावार अच्छी हो रही है. मटर और आलू के दाम भी ठीक मिल रहे हैं. किसान रेल चलाकर सरकार अच्छा काम कर रही है. वहीं एक अन्य किसान ने बात करते हुए कहा कि फसल का पैसा तो ठीक मिल रहा है, लेकिन सरकार को खाद कम पैसे में उपलब्ध हो, इस पर भी ध्यान देना चाहिए.

यहां योजनाओं का लाभ नहीं, किसानों को मिलते हैं 'नोटिस'
शामली: उत्तर प्रदेश का शामली जिला गन्ना बेल्ट में आता है. यहां अधिकांश किसान गन्ने की खेती करते हैं, जो सरकार द्वारा पेश किए गए बजट से नाखुश नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं, सरकार की ओर से सिर्फ नोटिस मिलते हैं. फसल का दाम भी समय से नहीं मिलता. ऐसे में किसानों की आय दोगुनी कैसे हो सकती है?

शामली में किसानों को मिलते हैं नोटिस.

किसानों का कहना है कि आय दोगुनी करना तो दूर, उन्हें फसल का उचित दाम भी समय पर नहीं मिल पा रहा है. बिजली की दरों में बेतहाशा वृद्धि हो गई है. किसान लगातार कर्ज के बोझ में दब रहा है. किसानों को समय से फसल का दाम नहीं मिल रहा. इसके उलट उन पर मुकदमें और नोटिस जरूर मिल रहे हैं.

बजट पेश होने के बाद सपाइयों ने वित्त मंत्री के पुतले की निकाली अर्थी
मिर्जापुर: देश का आम बजट पेश होने के कुछ घंटे बाद ही जिले में विरोध शुरू हो गया. शनिवार को सपा कार्यकर्ताओं ने केबीपीजी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष आकाश यादव के नेतृत्व में केंद्रीय बजट का विरोध जताते हुए लोहिया ट्रस्ट कार्यालय से हाथों में तख्तियां लेकर रमई पट्टी तिराहे होते हुए कचहरी चौकी के सामने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पुतले की अर्थी को फूंका. साथ ही विरोध प्रदर्शन किया और वित्त मंत्री के विरोध में नारे लगाए.

सपा कार्यकर्ताओं ने वित्त मंत्री के पुतले की निकाली अर्थी.

पुलिस ने फूंक रहे पुतले की अर्थी को अपने कब्जे में ले लिया. कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय बजट का विरोध करते हुए कहा कि इस बजट में से हम लोग निराश हैं. युवाओं और किसानों के लिए इस बजट में कुछ नहीं है. किसानों को सपने दिखाए जा रहे हैं और कभी भी पूरे होने वाले नहीं हैं.

Intro:मिर्जापुर देश का आम बजट पेश होने के कुछ घंटे बाद ही विरोध शुरू हो गया है ।शनिवार को सपा कार्यकर्ताओं ने केबीपीजी कालेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष आकाश यादव के नेतृत्व में केंद्रीय बजट का विरोध जताते हुए लोहिया ट्रस्ट कार्यालय से वित्त मंत्री का अर्थी निकालकर हाथों में तख्तियां लेकर रमई पट्टी तिराहे होते हुए कचहरी चौकी के सामने वित्त मंत्री के अर्थी को फूंका साथ ही विरोध प्रदर्शन किया। वित्त मंत्री के विरोध में नारे लगाए फूंक रहे अर्थी को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया ।कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय बजट का विरोध करते हुए कहा कि इस बजट में से हम लोग निराश हैं ।युवाओं किसानों के लिए इस बजट में कुछ नहीं है। किसानों को सपने दिखाए जा रहे हैं और कभी भी पूरे होने वाले नहीं हैं।


Body:सपा कार्यकर्ताओं ने आम बजट के विरोध में शनिवार को लोहिया ट्रस्ट कार्यालय से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का अर्थी निकालकर रमई पट्टी तिराहा होते हुए कचहरी पुलिस चौकी के सामने विरोध प्रदर्शन का अर्थी को रोकने का प्रयास किया तो पुलिस मौके पर पहुंचकर अर्थी को कब्जे में ले लिया। कहां आज जो देश का बजट पेश हुआ है उसको हम लोगों ने देखा है उसमें युवाओं किसानों के लिए कुछ नहीं है इस बजट से हम लोग निराश हैं। आज वित्त मंत्री बजट एक तरफ पेश कर रही हैं तो दूसरी तरफ बैंक वाले हड़ताल पर हैं साथ ही शेयर मार्केट भी धड़ाम से गिर गया है यह बजट ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। सरकार का वादा था दो करोड़ युवाओं को रोजगार मिलेगा 6 साल हो गए अभी तक कोई रोजगार नहीं मिला है। किसानों की आय दोगुनी की बात कर रहे हैं इस बजट में किसानों के लिए भी कुछ नहीं है। इस सरकार में महंगाई बढ़ी है उस पर सरकार कोई कदम नही उठा रही है।

बाईट-आकाश यादव-छात्र संघ पूर्व अध्यक्ष केबीपीजी कालेज- सपा

जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881730



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