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किसकी होगी परी... कानूनी प्रक्रिया में फंसी 40 दिन की मासूम

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Published : Oct 26, 2020, 4:36 PM IST

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नवजात बच्ची को पिता ने लेने से किया मना.

यूपी के कन्नौज जिला अस्पताल में करीब डेढ़ माह पहले जन्मी बच्ची को उसके ही पिता ने अपनाने से इंकार कर दिया था. साथ ही पिता ने अस्पताल स्टाफ पर बच्चा बदलने का आरोप था. इस पर अस्पताल प्रशासन ने पिता और बच्ची के डीएनए सैंपल जांच के लिए भेजे हैं. वहीं बच्ची को गोद लेने के लिए लोग अस्पताल प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं.

कन्नौजः जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती 40 दिन की बच्ची को गोद लेने के लिए लोग आ रहे है. दरअसल बच्ची के जन्म लेते ही उसकी मां की मौत हो गई. पिता बच्ची को अस्पताल में छोड़कर चला गया. ईटीवी भारत में खबर पब्लिश होने के बाद जिला अस्पताल में बच्ची को गोद लेने के लिए लोग संपर्क कर रहे हैं. इतना ही नहीं अस्पताल में बच्ची को देखने जाने वाले लोग कपड़े और दूध लेकर भी पहुंच रहे है, लेकिन एसएनसीयू वार्ड में होने की वजह से लोगों को बच्ची देखने को नहीं मिल पाती है. पिता ने अस्पताल में बच्चा बदलने की बात कहकर बच्ची को अपनाने से इंकार कर दिया. डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही हकीकत सामने आएगी.

पिता ने बच्ची को अपनाने से किया इनकार.

क्या है पूरा मामला पढ़े
सदर कोतवाली के बंसरामऊ गांव निवासी आरती को बीते 11 सितंबर को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. अस्पताल में आरती ने एक बच्ची को जन्म देने के बाद दम तोड़ दिया. पत्नी की मौत के बाद पति आकाश ने अस्पताल में बच्चा बदलने का आरोप लगाते हुए बच्ची लेने से इंकार कर दिया. पति का आरोप था कि उसकी पत्नी ने बेटे को जन्म दिया है, लेकिन अस्पताल बच्ची दे रहा है. काफी समझाने के बाद भी युवक बच्ची को अस्पताल में छोड़कर चला गया. तब से मासूम बच्ची जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती है. ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. खबर चलने के बाद जिला अस्पताल में बच्ची को गोद लेने के लिए लोग लगातार संपर्क कर रहे है.

इसे भी पढ़ेंः कन्नौज: पिता ने अस्पताल पर लगाया बच्चा बदलने का आरोप, बेटी को अपनाने से किया इनकार

बच्ची के लिए नए कपड़े और दूध ला रहे लोग
एसएनसीयू वार्ड में तैनात स्टाफ नर्स केस कुमारी का कहना है कि 11 सितम्बर को बच्ची का जन्म हुआ था. बर्थ स्पेशिया की शिकायत होने पर एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया. जिसके बाद पिता को बुलाया गया तो बेटी होने पर छोड़कर चला गया. उन्होंने बताया कि परी की खबर सुनने के बाद लोग अस्पताल में गोद लेने के लिए लगातार संपर्क कर रहे हैं. साथ ही बच्ची के लिए नए कपड़े और दूध अन्य चीजें भी ला रहे है.

कर्मचारी अपने बच्चों की तरह करते हैं प्यार
एसएनसीयू वार्ड में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि बच्ची को अस्पताल में रहते हुए 40 से ज्यादा दिन हो गए हैं. डॉक्टर और नर्स बच्ची की देखभाल कर रहे हैं. सबको बच्ची से लगाव हो गया है. ड्यूटी पर आने के बाद सभी लोगों की नजर सबसे पहले परी पर पड़ती है. परी को सब अपने बच्चों की तरह ही प्यार करते हैं.

डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही सच्चाई आएगी सामने
जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डॉ. आरडी यादव का कहना है कि बच्ची और उसके माता-पिता का डीएनए सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आती है. बच्ची अस्पताल में ही रहेगी. स्टाफ बच्ची की देखभाल कर रहा है.

बोले पिता, डीएनए टेस्ट पर नहीं भरोसा
बच्ची को छोड़ने वाले पिता आकाश ने बताया कि पत्नी को बेटा हुआ था. अस्पताल बेटे की जगह बेटी दे रहे. आकाश का कहना है कि डीएनए रिपोर्ट आने के बाद उसको बच्ची को लेना ही पड़ेगी, लेकिन उसको डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है. अस्पताल प्रशासन उसका सैंपल बदलकर बच्ची के पिता के सैंपल जांच के लिए भेज देगा. पिता का कहना है कि डीएनए रिपोर्ट आने के बाद नार्को टेस्ट की मांग करेंगे.

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