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पुलिस बाइक लूट मामले में सांसद सुब्रत पाठक समेत 17 लोग बरी

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Published : Apr 8, 2021, 6:56 PM IST

mp subrata pathak
सांसद सुब्रत पाठक

यूपी के कन्नौज में साल 2015 में शहर में हुए दंगे के दौरान पुलिस की बाइक लूटने और सरकारी रायफल लूटने का प्रयास करने के मामले में कोर्ट ने भाजपा सांसद समेत 17 आरोपियों को बरी कर दिया है.

कन्नौजः साल 2015 में शहर में हुए दंगे के एक और मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गुरुवार को सांसद सुब्रत पाठक समेत 17 लोगों को क्लीन चिट दे दी है. पुलिस की बाइक लूटने और सरकारी रायफल लूटने का प्रयास करने के मामले में कोर्ट ने भाजपा सांसद समेत 17 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. इससे पहले कोर्ट ने ताजिया चंदा लूट मामले में भी सांसद को बरी कर दिया है. मुकदमे में सांसद के बरी होने के बाद भाजपाइयों में खुशी की लहर दौड़ गई.

सदर कोतवाली में कई मुकदमे दर्ज हुए थे
साल 2015 में इत्रनगरी में दो अलग-अलग समुदायों के बीच विवाद होने के बाद दंगा भड़क गया था. जिसके बाद भाजपा सांसद सुब्रत पाठक व कार्यकर्ताओं के खिलाफ सदर कोतवाली में अलग-अलग मामलों में कई मुकदमे दर्ज किए गए थे. अपर जिला शासकीय अधिवक्ता तरुण चंद्रा ने बताया कि दंगा के दौरान 23 अक्टूबर 2015 की रात को गश्त कर रहे चीता मोबाइल के हेड कॉस्टेबल राशिद हुसैन ने भाजपा नेता सुब्रत पाठक व उनके 20-25 साथियों पर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

हेड कांस्टेबल ने दर्ज कराई थी FIR
रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि वह 23 अक्टूबर 2015 की रात होमगार्ड रामशरण के साथ चीता मोबाइल बाइक से कला चौकी क्षेत्र में गश्त कर रहे थे. गश्त के दौरान वह बाइक लेकर कटरा तिराहा पर पहुंचे तो भाजपा नेता सुब्रत पाठक अपने 20-25 साथियों के साथ पहले से ही मौजूद थे. सुब्रत पाठक ने अपने साथियों के साथ दोनों लोगों को रोककर गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए सरकारी रायफल लूटने का प्रयास किया. जब रायफल लूटने में नाकाम रहे तो चीता मोबाइल बाइक लूटकर कटरा की तरफ भाग गए.

अधजली हालत में मिली थी बाइक
घटना के तीन दिन बाद यानी 26 अक्बटूर 2015 को एसएसआई राधेश्याम वर्मा ने एक खेत की खाई से अधजली अवस्था में बाइक को बरामद कर लिया था. जिसके बाद पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया. कोर्ट ने गुरुवार को मामले में अंतिम सुनवाई की. सुनवाई के दौरान वादी राशिद हुसैन व होमगार्ड रामशरण ने आरोपीगणों को पहचानने से इंकार कर दिया. संदेह का लाभ देते हुए गवाहों व साक्ष्यों को अपर्याप्त मानते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीष काशिफ शेख ने सांसद सुब्रत पाठक समेत 17 लोगों को दोष मुक्त कर दिया. मामले की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता तरुण चंद्रा व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता यतेंद्र पाल सिंह द्वारा की गई.

यह भी पढ़ें-ताजिया चंदा लूट मामला: कोर्ट ने सांसद सुब्रत पाठक समेत अन्य लोगों को किया बरी

कोर्ट ने इन लोगों को किया बरी
कोर्ट ने बाइक लूट व रायफल लूटने के प्रयास मामले में सांसद सुब्रत पाठक के अलावा सौरभ कटियार, अजीत उर्फ पप्पू, कन्हैया लाल, रामजी मिश्रा, लालू यादव, अमित दुबे उर्फ अल्टर, नितिन दुबे, प्रमोद धोबी, उमेश बाथम, रामू यादव, विक्रम त्रिपाठी, अवधेश कुमार राठौर, दुल्ली अग्निहोत्री उर्फ संदीप, पुष्कर मिश्रा, राहुल कुशवाहा को बरी किया गया है.

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