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विनाश के कगार पर पहुंची पूर्वांचल की पहली चीनी मिल

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Published : Oct 10, 2019, 1:05 PM IST

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में स्थित शाहगंज की चीनी मिल इन दिनों बेहद ही खराब दौर का सामना कर रही है. साल 1933 में शुरू हुई यह चीनी मिल अब खंडहर में तब्दील हो चुकी है.

खराब पड़ी शाहगंज की शुगर मिल

जौनपुर: पूर्वांचल का गौरव कही जाने वाली शाहगंज की चीनी मिल कभी किसानों की आय का मुख्य जरिया हुआ करती थी, जो अब खंडहर में तब्दील हो चुकी है. आजादी से डेढ़ दशक पूर्व 1933 में शाहगंज चीनी मिल की स्थापना रत्ना शुगर के नाम से की गई थी. यह पूर्वांचल की पहली चीनी मील थी. चीनी मिल खुलने से किसानों की आय में वृद्धि होने लगी. एक तरह से इलाके की पूरी तस्वीर ही बदल गई, लेकिन समय चक्र ऐसा बदला कि सब कुछ पुरानी दशा में आ गया. सरकारों की उदासीनता ने किसानों की कमर तोड़ दी. लगातार घाटे में चल रही चीनी मिल को बसपा सरकार ने पोंटी चड्ढा के हाथों बेच दिया. फिलहाल अब शाहगंज की चीनी मिल का मुद्दा सिर्फ राजनीतिक मुद्दा बन कर रह गया है. वहीं वर्तमान भाजपा सरकार चीनी मिल के मुद्दे की जांच सीबीआई से करवा रही है.

खराब पड़ी शाहगंज की शुगर मिल.

शाहगंज की चीनी मिल पूर्वांचल की पहली चीनी मिल थी जिसे 1933 में रत्ना शुगर के नाम से स्थापित किया गया था. इस चीनी मिल की स्थापना राय प्रेमचंद्र ने की थी. चीनी मिल को सड़क मार्ग के अलावा रेल मार्ग से भी जोड़ा गया था. इस चीनी मिल की वजह से जौनपुर के गन्ना किसानों की किस्मत बदल गई थी, लेकिन लगातार घाटे के बाद 1986 में इस चीनी मिल को बंद कर दिया गया. वहीं चीनी मिल पर किसानों और मजदूरों का बकाया भुगतान के लिए काफी लंबा आंदोलन भी चला.

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साल 2009 में बसपा की मायावती सरकार ने चीनी मिल को पोंटी चड्ढा की कंपनी को बेच दिया. फिलहाल भाजपा की योगी सरकार चीनी मिल के मुद्दे को लेकर सीबीआई से जांच करा रही है. चीनी मिल को चालू करने का मुद्दा हर बार चुनाव में उठता है. इस बार भी लोकसभा चुनाव में खूब जोर शोर से नेताओं ने इस मुद्दे को भुनाया, लेकिन चुनाव बीतने के बाद चीनी मिल का मुद्दा हर बार दफन हो जाता है.

चीनी मिल के सुपरवाइजर धर्मेंद्र तिवारी ने बताया कि फिलहाल चीनी मिल खंडहर में तब्दील हो चुकी है, जिसे बसपा सरकार ने बेच दिया था. अब चीनी मिल की सुरक्षा में 8 सिक्योरिटी गार्ड लगाए गए हैं. प्रदेश की योगी सरकार में शहरी विकास मंत्री गिरीश यादव ने बताया कि शाहगंज की चीनी मिल की प्रदेश सरकार सीबीआई से जांच करा रही है. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Intro:जौनपुर।। पूर्वांचल का गौरव कहे जाने वाली शाहगंज की चीनी मिल कभी किसानों की आय का मुख्य जरिया हुआ करती थी अब खंडहर में तब्दील हो चुकी है। आजादी से डेढ़ दशक पूर्व 1933 में शाहगंज चीनी मिल की स्थापना रत्ना शुगर के नाम से की गई थी। यह पूर्वांचल की पहली चीनी मील थी । चीनी मिल खुलने से किसानों की आय में वृद्धि होने लगी। एक तरह से इलाके की पूरी तस्वीर ही बदल गई। लेकिन समय चक्र ऐसा बदला कि सब कुछ पुराने दशा में आ गया । सरकारों की उदासीनता ने किसानों की कमर तोड़ दी। लगातार घाटे में चल रही चीनी मिल को बसपा सरकार ने पोंटी चड्ढा के हाथों बेच दिया। फिलहाल अब शाहगंज की चीनी मिल का मुद्दा अब राजनीतिक मुद्दा बन के रह गया है। वहीं वर्तमान भाजपा सरकार चीनी मिल के मुद्दे की जांच सीबीआई से करवा रही है।


Body:वीओ।। शाहगंज की चीनी मिल पूर्वांचल की पहली चीनी मिल थी जिसे 1933 में रत्ना शुगर के नाम से स्थापित किया गया था। इस चीनी मिल की स्थापना राय प्रेमचंद्र ने की थी। चीनी मिल को सड़क मार्ग के अलावा रेल मार्ग से भी जोड़ा गया था। इस चीनी मिल की वजह से जौनपुर के गन्ना किसानों की किस्मत बदल गई थी लेकिन लगातार घाटे के बाद 1986 में इस चीनी मिल को बंद कर दिया गया। वहीं चीनी मिल पर किसानों का और मजदूरों का बकाया भुगतान के लिए काफी लंबा आंदोलन भी चला। 2009 में बसपा की मायावती सरकार ने पॉन्टी चड्ढा की कंपनी को चीनी मिल को बेच दिया। फिलहाल भाजपा की योगी सरकार चीनी मिल के मुद्दे को लेकर सीबीआई से जांच करा रही है। वहीं चीनी मिल को चालू करने का मुद्दा हर बार चुनाव में उठता है । इस बार भी लोकसभा चुनाव में खूब जोर शोर से नेताओं ने इस मुद्दे को भुनाया।लेकिन चुनाव बीतने के बाद चीनी मिल का मुद्दा दफन हो जाता है।


Conclusion:चीनी मिल के सुपरवाइजर धर्मेंद्र तिवारी ने बताया कि फिलहाल चीनी मिल खंडहर में तब्दील हो चुकी है जिसे बसपा सरकार ने बेच दिया था ।अब चीनी मिल की सुरक्षा में 8 सिक्योरिटी गार्ड लगाए गए हैं।

बाइट- धर्मेंद्र तिवारी- सुपरवाइजर चीनी मिल


प्रदेश की योगी सरकार में शहरी विकास मंत्री गिरीश यादव ने बताया शाहगंज की चीनी मिल कि प्रदेश सरकार सीबीआई से जांच कराने जा रही है जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बाइट- गिरीश यादव- शहरी विकास मंत्री प्रदेश सरकार

पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
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