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खोराबार आवासीय योजना को धरातल पर उतारेगा जीडीए, खत्म होगा विवाद, चार सदस्यीय समिति गठित

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Published : Aug 7, 2023, 7:21 PM IST

गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA Housing Scheme Compensation Case) ने 20 साल से चल रहे विवाद का सुलझाने का रास्ता खोज निकाला है. इस पर अमल भी शुरू कर दिया गया है. समिति भी गठित कर दी गई है.

खोराबार आवासीय योजना के लिए काम शुरू हो चुका है.
खोराबार आवासीय योजना के लिए काम शुरू हो चुका है.

खोराबार आवासीय योजना के लिए काम शुरू हो चुका है.

गोरखपुर : लोगों की आवासीय जरूरतों को पूरा करने में जुटा गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने खोराबार आवासीय योजना को धरातल पर उतारने की तैयारी कर ली है. जीडीए ने काश्तकारों से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए रास्ता भी ढूंढ लिया है. जीडीए (गोरखपुर विकास प्राधिकरण) ने करीब बीस वर्ष पहले खोराबार में जमीन का अधिग्रहण किया था. जमीन के मालिकों को तय मुआवजा भी दे दिया गया था, लेकिन सैकड़ों से भी ज्यादा लोग ऐसे थे, जिन्होंने न तो मुआवजा लिया और न ही कब्जा होने दिया. वे कोर्ट भी गए, लेकिन मामला सुलझा नहीं . इस बीच जीडीए ने इस भूमि पर आवासीय योजना लांच करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अप्रैल माह में शिलान्यास भी करा दिया. जून में योजना में प्लाट, मकान के इच्छुक लोगों के लिए आवेदन भी निकाला. आवेदन के बाद कब्जा करने की कार्यवाही GDA ने प्रारंभ भी कर दी. जेसीबी मशीनों से अवैध कब्जे तोड़े जाने लगे. इसकी आवाज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंची. इसके बाद सीएम ने विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को जनहित में फैसला लेने को कहा. इसके बाद जीडीए ने 4 सदस्यीय समिति का गठन किया. समिति इस नतीजे पर पहुंची कि योजना में जो काश्तकार बेदखल होंगे उन्हें बनाए जाने वाले बहुमंजिला आवास योजना में, आवास उपलब्ध कराया जाएगा. हालांकि इस पर अभी काश्तकारों की सहमति लेनी बाकी है.

सीएम की पहल पर निकला रास्ता : विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर की माने तो खोराबार टाउनशिप और मेडिसिटी योजना के अधिग्रहित क्षेत्र में रहने वाले लोग जो चाहते थे उसके अनुकूल ही सर्वे और निर्णय हुआ है. अधिग्रहित क्षेत्र से चारदीवारी बनाकर मकान अलग किए जाएंगे. खाली जमीन पर पार्क और सड़क बनाई जाएगी. योजना का काम भी बाउंड्रीवाल के रूप में शुरू हो चुका है. करीब 178 एकड़ क्षेत्रफल में जीडीए की यह योजना धरातल पर उतरेगी. सर्वे में सेक्टर एक में अधिग्रहित जमीन पर 77 मकान, सेक्टर दो में अधिग्रहित भूमि पर 52 मकान, सेक्टर तीन में 78 और सेक्टर चार में 66 मकान सहित 300 मकान शामिल हैं. इसके अलावा 40 से अधिक मकान योजना की जमीन से बाहर पाए गये हैं. मकानों के बीच की जमीनों पर GDA मकान का निर्माण कराएगा. मकानों के बीच खाली जमीनों में आगे चलकर मकान और पार्क बनेंगे. वहीं इस क्षेत्र के लोगों का कहना था कि अभी भी कुछ लोग मुआवजा से वंचित हैं, लेकिन सबके हित में निर्णय हो ऐसा ही सीएम योगी चाहते हैं.

योजना में बनेंगी अच्छी सड़कें : प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने कहा कि योजना में अच्छी सड़कें बनेंगी. सजावटी लाइट लगेंगी. ड्रेनेज आदि की व्यवस्था दुरुस्त होगी. स्थानीय लोगों को ऐसी योजना तैयार करके दी जाएगी जिससे लोग अच्छी कॉलोनी में रहने का सुखद अहसास कर सकें. वहीं इस योजना की जद से बाहर जिन लोगों का मकान बना है, उन्हें उम्मीद है कि, उनके क्षेत्र में भी प्राधिकरण उसी तरह का विकास करेगा, जैसे अपने आवासीय योजना क्षेत्र में. यही वजह है कि लोगों ने सर्वे रिपोर्ट के बाद अब योजना की चारदीवारी बनाने के काम पर विरोध नहीं जताया है. सुनियोजित विकास के लिए विधिवत कार्य योजना पर कार्य शुरू हो गया है. इस निर्णय के बाद खोराबार, सूबा बाजार, जंगल सिकरी और सैनिक नगर कॉलोनी में एक-दूसरे को लोगों ने मिठाई खिलाकर बधाई भी दी है.

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