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हुआ कुछ ऐसा कि 33 साल पिता की कैद का दंश झेलती रही ये बिटियां...

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Published : Oct 9, 2022, 1:53 PM IST

फिरोजाबाद में 33 सालों से पिता द्वारा बंधक बनाकर अमानवीयता का दंश झेलने वाली महिला को एक सामाजिक संगठन ने मुक्त कराया है.

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इंसानियत को तार-तार

फिरोजाबाद: जनपद से इंसानियत को तार-तार कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां 33 सालों से बंधक बनकर अमानवीयता का दंश झेलने वाली महिला को आखिरकार एक सामाजिक संगठन ने मुक्त कराया है. लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस महिला को बंधक बनाकर रखने वाले और कोई नहीं बल्कि उसके पिता थे, जिन्होंने उसे कमरे की चार दीवारी में सालों-साल कैद रखा. एक ही जगह खाना और शौच के लिए मजबूर भी किया.

दरअसल, फिरोजाबद के टूंडला तहसील के गांव मोहम्मदाबाद (Village Mohammadabad of Tundla Tehsil) की रहनी वाली इस पीड़ित महिला का नाम सपना है, जो लगभग 18 साल की होगी. जब उसे अमानवीयता का दंश झेलने पड़ा. कहा जाता है कि उस वक्त सपना की मानसिक हालत ठीक नही थी. परिजनों ने सपना का इलाज कराने की बजाय उसे एक कोठरी में बंद कर दिया और बेड़ियों में बांध दिया. इतना ही नहीं परिजन उसके साथ अमानवीय व्यवहार भी करते थे. हद तो तब गई, जब सपना को एक ही जगह खाना और शौच के लिए मजबूर भी किया.

कहते है न भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं, जी हां कुछ ऐसा ही हुआ सपना के साथ. आगरा की सामाजिक संस्था मातृ मंडल सेवा भारती (Social organization Matri Mandal Seva Bharti) को तीन दिन पहले सपना की स्थिति के बारे में पता चला तो सीधे संस्था के सदस्य पीड़िता के घर पहुंचे और परिजनों को समझा बुझा कर सपना को बंधन मुक्त कराया. संस्था की सदस्य प्रतिभा उपाध्याय ने बताया कि सपना को आगरा की मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती कराया गया है. सपना को उसके पिता ने कैद किया था. लेकिन अब पिता की डेढ़ साल पहले मौत हो चुकी है.

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