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बदायूंः अवैध निर्माण को लेकर राज्य सरकार मंत्री का 'खेल', इस महिला ने कर दिया फेल

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Published : Oct 22, 2020, 2:48 AM IST

illegal shops
अवैध दुकानें.

बदायूं में दो बीजेपी नेता अवैध निर्माण को लेकर आमने-सामने हैं. ताजा मामला अवैध जमीन पर कब्जा कर उन पर दुकानें बनाकर बेचने का है. एक ओर जिले की सांसद इस अवैध गतिविधि का पुरजोर विरोध कर रही हैं तो दूसरी ओर प्रदेश के राज्यमंत्री उसका समर्थन कर रहे हैं.

बदायूंः जनपद में अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध जिला प्रशासन ने अभियान चला रखा है. शहर में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ लगातार जेसीबी का पीला पंजा चल रहा है. यह अभियान वजीरगंज कस्बे में भी चन रहा है. अवैध निर्माण को लेकर बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य और सरकार में नगर विकास मंत्री महेश चंद्र गुप्ता आमने-सामने आ गए हैं.

अवैध रूप से कर दिया था 22 दुकानों का निर्माण
जिले के वजीरगंज कस्बे में नगर पंचायत की जमीन पर एक स्थानीय बीजेपी नेता ने अवैध रूप से 22 दुकानों का निर्माण कर उन्हें बेच दिया. बदायूं सांसद संघमित्रा मौर्य ने इसकी शिकायत कमिश्नर से की. शिकायत पर उन्होंने जांच के आदेश दिए.

राज्यमंत्री के पत्र से बैकफुट पर आए डीएम
शिकायत पर जब दुकानों की जांच की गई तो सभी दुकानें अवैध पाई गईं. इसके बाद जैसे ही दुकानों को गिराने की कार्रवाई शुरू हुई तो उत्तर प्रदेश सरकार के गर विकास राज्यमंत्री ने दुकानों को बचाने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा. इसके बाद प्रशासन बैकफुट पर आ गया. अब स्थानीय प्रशासन लखनऊ से निर्देश मिलने के बाद कार्रवाई की बात कह रहा है.

लाखों रुपये में बेच दी थीं दुकानें
वजीरगंज में नगर पंचायत की जमीन है. इस पर रामलीला का आयोजन होता है. इसी सरकारी जमीन पर प्रदेश सरकार में नगर विकास राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता के करीबी राहुल वार्ष्णेय ने अवैध तरीके से दुकानों का निर्माण करा दिया. इसके बाद इन दुकानों को लाखों रुपये में बेच भी दिया.

दुकान न गिराए जाने को लेकर बीजेपी नेता ने किया प्रदर्शन
जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो राहुल वार्ष्णेय ने वजीरगंज की रामलीला कमेटी बना ली और रामलीला कमेटी की ओर से अवैध रूप से बनी दुकानों को गिराने का विरोध करा दिया. बदायूं सांसद संघमित्रा मौर्य ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से मिलकर की. इसकी जांच जिला प्रशासन ने की तो दुकानें अवैध पाई गईं.

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ राज्यमंत्री का पत्र
प्रशासन ने अवैध रूप से बनीं 22 दुकानों को गिराने के आदेश पारित कर दिए. जब नगर विकास राज्यमंत्री महेश चंद गुप्ता को इस बात का पता चला तो उन्होंने अपने लेटर पैड पर जिला अधिकारी को पत्र लिख दिया. उन्होंने अपने पत्र में दुकानों को न गिराया जाने की बात कही. वह लेटर डीएम के दफ्तर तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया.

अवैध दुकानों का खुलकर विरोध कर रहीं सांसद
फिलहाल अवैध रूप से बनी इन दुकानों को लेकर बीजेपी सरकार में नगर विकास राज्यमंत्री महेश चन्द्र गुप्ता और बदायूं की सांसद संघमित्रा मौर्य के बीच तलवारें खिंची हुई हैं. इस मामले में नगर विकास मंत्री खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं. वहीं बदायूं की सांसद संघमित्रा मौर्य अवैध रूप से बनाई गईं इन दुकानों का खुलकर विरोध कर रही हैं. इसके अलावा वह मीडिया के सामने खुलकर अपना पक्ष रख रही हैं. इस पूरे मामले में जिला अधिकारी बैकफुट पर तो आ गए हैं, लेकिन जांच कराने की बात भी कह रहे हैं.

अवैध रूप से बनाई गईं इन दुकानों को गिराया जाए. भाजपा राज में गरीबों के मकान गिराए जा रहे हैं ,लेकिन जहां भ्रष्टाचार होता है उस जगह दुकानों को नहीं गिराया जाता. जालंधरी सराय, लावेला चौक, कचहरी चौराहे पर गरीबों की दुकानों और मकानों को अवैध अतिक्रमण मानकर गिरा दिया गया. जब बात मंत्री जी! के गिरेबान पर आई तो वह बैकफुट पर आ गए और अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए दुकानों की पैरवी करते हुए डीएम को पत्र लिख रहे हैं. भाजपा राज्य में अब गरीबों को न्याय मिलना मुश्किल हो गया है.
- प्रेमपाल सिंह यादव, जिला अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी.

इस पूरे मामले में एडीएम से जांच कराई गई है, लेकिन नगर विकास मंत्री का पत्र मिलने के बाद उन्होंने इस मामले में अभी अवैध अतिक्रमण पर रोक लगा दी है. हांलाकि शासन को अपनी रिपोर्ट भेज दी है. शासन से रिपोर्ट आने के बाद ही अवैध निर्माण को गिराया जाेएगा. मुझे नगर विकास मंत्री का पत्र और बदायूं की सांसद का पत्र मिला है. लेकिन अब आगे की कार्रवाई शासन से रिपोर्ट आने के बाद ही होगी.
-कुमार प्रशांत, जिलाधिकारी, बदायूं.

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