अयोध्या: बीते 3 दिनों से लगातार तेजी से बढ़ रहे सरयू नदी के जलस्तर ने अब तबाही मचाना शुरू कर दिया है. आलम यह है कि अयोध्या में सरयू नदी खतरे के निशान से लगभग 50 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी जारी है. वहीं, नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण न सिर्फ अयोध्या आने वाले पर्यटकों और स्नानार्थियों के लिए खतरा पैदा हो गया है. बल्कि, अब घाट के किनारे अंतिम संस्कार की पूरी प्रक्रिया भी प्रभावित हो गई है. मजबूरन अब लोग स्नान घाट की सीढ़ियों पर ही शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं. इसके कारण स्थानीय नागरिकों और अंतिम संस्कार करने वाले लोगों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है.
मोक्षदायिनी के रूप में प्रसिद्ध अयोध्या में बहने वाली सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से लगभग 50 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है. केंद्रीय जल आयोग अयोध्या की रिपोर्ट के मुताबिक, नदी के जलस्तर में अभी बढ़ोतरी के आसार हैं. इसके कारण घाट के किनारे रहने वाले लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ गई हैं. तटीय इलाकों में बाढ़ की स्थिति और गहरा गई है.
अयोध्या में संत तुलसीदास घाट से लेकर चौधरी चरण सिंह घाट तक सीढ़ियों के पास पानी पहुंच चुका है. बता दें कि रेलवे पुल के नीचे ही लंबे समय से शवों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया चली आ रही है. लेकिन, रविवार की देर रात अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने से श्मशान घाट पूरी तरह से डूब गया है और लकड़ियां बह गई हैं.
मजबूर होकर दूर दराज से लोग अपने परिजनों के शवों का घाट की सीढ़ियों पर ही अंतिम संस्कार कर रहे हैं. इसके कारण सीढ़ियों के आसपास न सिर्फ गंदगी फैल रही है. बल्कि, पूरा वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है. इस मामले को लेकर चौधरी चरण सिंह घाट के किनारे रहने वाले लोगों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
स्थानीय निवासी ओमप्रकाश ने बताया कि इस समय लोग घाट की सीढ़ियों के पास अंतिम संस्कार कर रहे हैं. जिससे उठने वाला धुआं पूरी कॉलोनी के घरों के अंदर जा रहा है. छोटे-छोटे बच्चों को सांस लेना मुश्किल हो रहा है. बदबू होने के कारण घरों में रहना खाना मुश्किल हो गया है. वहीं, शव जलाने वाले लोगों को ऐसा करने पर रोका जाता है तो वह झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं. हमने पुलिस को शिकायत दी है. लेकिन, अभी भी अंतिम संस्कार नहीं रुका है. मंगलवार की सुबह से अभी तक कई लोग घाट की सीढ़ियों पर अंतिम संस्कार कर चुके हैं, जोकि गलत है. शवों के अंतिम संस्कार के लिए स्थान सुनिश्चित है. बावजूद इसके जबरदस्ती लोग नदी के किनारे सीढ़ियों पर ही अंतिम संस्कार कर रहे हैं.
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