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पहले तिरंगा यात्रा के संयोजक तो दोबारा PM बनकर मोदी ने किए रामलला के दर्शन

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Published : Aug 5, 2020, 5:36 PM IST

अयोध्या में पीएम मोदी का भूमि पूजन का कार्यक्रम संपन्न हो गया. पीएम मोदी पहली बार 1991 में अयोध्या आए थे और रामलला का दर्शन किया था. इस दौरान उन्होंने संकल्प लिया था कि वे मंदिर के अंदर तभी आएंगे, जब रामलला तिरपाल से बाहर आ जाएंगे. वहीं अब जाकर 5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी का संकल्प पूरा हुआ है.

पीएम मोदी.
पीएम मोदी.

अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान राम की पवित्र नगरी अयोध्या में चौथी बार आए हैं. अगर बात रामलला के दर्शन की करें तो यह दूसरा मौका है, जब पीएम नरेंद्र मोदी मंदिर ने मंदिर के अंदर प्रवेश किया है. इस बार खास बात यह रही कि नरेंद्र मोदी ने मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन भी किया है. बता दें कि पीएम मोदी का 5 अगस्त का अयोध्या दौरा दो तरह से मायने रखता है. पहला यह कि जब वे पहली बार रामलला के दर्शन करने पहुंचे थे तो कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए तिरंगा यात्रा निकाली गई थी. वहीं 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री रामलला के दर्शन करने पहुंचे हैं तो अनुच्छेद 370 भी हट चुका है और रामलला का मंदिर बनने का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है. यानी अब पीएम मोदी के दोनों ही संकल्प पूरे हो चुके हैं.

पीएम मोदी के संकल्प को बताते संवाददाता.

दरअसल, साल 1991 में जब नरेंद्र मोदी पहली बार अयोध्या आए थे तो इस दौरान उन्होंने राम मंदिर के अंदर जाकर रामलला के दर्शन किए थे और तभी उन्होंने संकल्प लिया था कि अब वे मंदिर के अंदर तभी जाएंगे, जब रामलला तिरपाल से बाहर आ जाएंगे. 5 अगस्त 2020 को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जब पीएम मोदी ने मंदिर के अंदर जाकर रामलला के दर्शन किए. वहीं अब रामलला तिरपाल से अस्थाई मंदिर में भी आ चुके हैं.

मुरली मनोहर जोशी के साथ अयोध्या पहुंचे थे मोदी
29 साल पहले साल 1991 में नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के साथ रामलला के मंदिर दर्शन को पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए तिरंगा यात्रा निकाली थी. वहीं फैजाबाद जिले के जीआईसी मैदान में मुरली मनोहर जोशी की सभा आयोजित की गई थी. इस सभा में नरेंद्र मोदी ने भी संबोधन किया था. इसके बाद दोनों नेता रामलला के दर्शन करने अयोध्या नगरी पहुंचे थे. रामलला के दर्शन के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि वे रामलला का दर्शन करने तभी आएंगे, जब मंदिर निर्माण का रास्ता प्रशस्त हो जाएगा.

पूरा हुआ संकल्प
साल 2014 और 2019 के चुनावी दौरे में पीएम मोदी अयोध्या तो आए थे लेकिन इस दौरान उन्होंने रामलला के दर्शन नहीं किए. हालांकि इस दौरान उन्होंने मंच से ही सिर झुकाकर रामलला का आर्शीवाद लिया था. दरअसल, इसके पीछे साल 1991 का संकल्प आड़े आया था. वहीं रामलला की नरेंद्र मोदी पर ऐसी कृपा हुई कि पहली बार दर्शन के दौरान कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की मनोकामना श्रीराम ने पूर्ण कर दी तो इसी साल राम मंदिर का सपना भी साकार हो गया है. अब प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी को भगवान राम का भूमि पूजन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है.

2013 में निरस्त हुआ था नरेंद्र मोदी का अयोध्या दौरा
मणिराम दास जी की छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास ने नवंबर 2013 में नरेंद्र मोदी को अयोध्या आने का न्योता भेजा था, लेकिन किसी कारणवश नरेंद्र मोदी कार्यक्रम में शामिल होने नहीं पहुंच पाए थे. साल 2013 में महंत नृत्य गोपाल दास की महंती के 50 वर्ष पूरे हो रहे थे. इस कार्यक्रम में मोदी के आने की अटकलें भी लगी थीं, लेकिन वे नहीं आ सके थे. उन्होंने इस कार्यक्रम में अमित शाह को आशीर्वाद लेने के लिए दूत के तौर पर भेजा था. मोदी के राम मंदिर न आने की वजह ये भी मानी गई कि उनका अभी राम मंदिर निर्माण का संकल्प पूरा नहीं हुआ है. इसलिए उन्होंने इस आयोजन में शामिल होने से गुरेज किया.

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