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राम की पैड़ी के साथ सीता झील भी लुभाएगी श्रद्दालुओं का मन

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Published : Nov 28, 2020, 10:50 PM IST

जल कुंभियों से भरी झील जहां हमेशा गंदगी ही नजर आई हो, अब श्रद्धा का केंद्र बनेगी. यह झील अयोध्या में जो है. वही अयोध्या जिसे योगी वर्ल्ड सिटी बनाने की कवायद में लगे हुए हैं. सालों के संघर्षों के बाद यहां राम मंदिर बन रहा है. राम की पैड़ी बनाई गई है तो सीता झील के भी दिन बहुरने वाले हैं. सीता झील 4 किलोमीटर लंबी और 500 मीटर चौड़ी है. इसे राम की पैड़ी के तर्ज पर ही विकसित किया जाएगा.
सीता झील को विकसित करने की कवायद.
सीता झील को विकसित करने की कवायद.

अयोध्या: राम नगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के साथ ही इस पौराणिक नगरी के चहुमुखी विकास के लिए प्रयासरत केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार नित नई योजनाओं की घोषणा कर रही है. इसी कड़ी में अब अयोध्या में सरयू नदी के तटवर्ती इलाके में सीता झील के निर्माण की योजना को भी पंख लगने वाले हैं. अयोध्या में मौजूद राम की पैड़ी की तर्ज पर बनने वाली इस खास झील के निर्माण से अयोध्या में पर्यटन की संभावनाएं बढ़ेंगी. झील के निर्माण को लेकर नदी किनारे अतिक्रमण हटाने और साफ सफाई करने को लेकर नगर निगम ने टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

सीता झील को विकसित करने की कवायद.

4 किलोमीटर लंबी झील में चलेगी बोट, बनेंगे घाट और पार्क
अयोध्या में 14 कोसीय परिक्रमा मार्ग के किनारे बनने वाली इस सीता झील का दायरा 4 किलोमीटर लंबा और 500 मीटर चौड़ा होगा. फैजाबाद शहर से सटे सरयू नदी के कछार में अफीम कोठी से लेकर अयोध्या के राजघाट तक इस झील का निर्माण होगा. इस झील के किनारे घाट बनाए जाएंगे और पार्क का निर्माण भी होगा. अयोध्या आने वाले पर्यटक और राम भक्त श्रद्धालु झील के किनारे बनी सीढ़ियों पर बैठकर मां सरयू के अलौकिक दृश्य का दर्शन कर सकेंगे. इसके अतिरिक्त इस झील में पर्यटकों को बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी. सरयू नदी की लहरों पर खूबसूरत नाव भी चलेगी. इस झील के बनने से अयोध्या में सरयू नदी के स्नान घाट का दायरा भी बढ़ेगा. मेले के दौरान श्रद्धालु प्रमुख स्नान घाटों के अलावा इन घाटों पर भी स्नान दर्शन पूजन कर सकते हैं. खास बात यह होगी कि इस झील में पानी का प्रवाह सीधे सरयू नदी से ही होगा और नदी का जल इस झील के जरिए होकर बहेगा और वापस जाकर नदी में ही मिल जाएगा.

नाले में तब्दील है सरयू का तटीय इलाका.
नाले में तब्दील है सरयू का तटीय इलाका.

परिक्रमा मार्ग के किनारे नाले की शक्ल में है मां सरयू का स्वरूप
सरयू नदी के तट पर लंबे समय से तप साधना करने वाले महंत पवन दास महाराज ने बताया कि मुख्य सरयू घाट के अलावा सरयू नदी के तटीय इलाकों की स्थिति अच्छी नहीं है. नदी के किनारे कूड़े का ढेर लगा है. पूरा इलाका जंगल में तब्दील है, जल का प्रवाह अच्छे ढंग से ना होने के कारण सरयू नदी परिक्रमा मार्ग के किनारे एक नाले के रूप में नजर आती है. प्रदेश सरकार की सीता झील योजना से मां सरयू का स्वरूप और सुंदर होगा. जब घाट बन जाएंगे तो लोग स्नान करने भी पहुंचेंगे अयोध्या में पर्यटन बढ़ेगा और सरयू नदी के घाटों का भी सौंदर्यकरण हो जाएगा. अभी जल प्रवाह का मार्ग सही न होने के कारण नदी का पानी काफी दूर रहता है. जिसकी वजह से लोग स्नान नहीं कर पाते, लेकिन जब घाट बन जाएंगे तो सरयू का जल शहरी इलाकों के बिल्कुल करीब से होकर गुजरेगा इससे लोगों को स्नान ध्यान करने में भी आसानी होगी.

राम की पैड़ी.
राम की पैड़ी.

स्थानीय लोगों ने कहा बढ़ेगी अयोध्या की गरिमा पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
सरयू नदी के किनारे रहने वाले स्थानीय नागरिक अमरनाथ पांडे की भी यह शिकायत रही है की फैजाबाद शहर के गुप्तार घाट से लेकर अयोध्या के संत तुलसीदास घाट तक मां सरयू नदी का जल प्रवाह है, लेकिन बीच में नदी के तटीय इलाके में लोगों ने अवैध अतिक्रमण कर रखा है और कूड़े कचरे का ढेर लगाकर नदी को शहरी इलाके से काफी दूर कर दिया है. जिसके कारण परिक्रमा मार्ग के आसपास इलाके में गंदगी का अंबार रहता है और मां सरयू का स्वरूप बिगड़ गया है. सीता झील योजना के धरातल पर आने पर गुप्तार घाट से लेकर अयोध्या के संत तुलसीदास घाट तक मां सरयू परिक्रमा मार्ग के करीब से होकर बहेंगी जिससे स्थानीय लोगों साधु-संतों को स्नान ध्यान करने में कोई समस्या नहीं होगी और अयोध्या में पर्यटन का विकास भी होगा.

मां सरयू.
मां सरयू.


नगर निगम ने जारी किया टेंडर
अयोध्या में सीता झील परियोजना को लेकर नगर निगम ने भी तैयारियां पूरी कर ली है. नगर आयुक्त विशाल सिंह चौहान के मुताबिक 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर प्रस्तावित सीता झील के किनारे जो कूड़े कचरे का ढेर है उसे हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाने वाली है. इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई है. नदी के किनारे इलाके को अतिक्रमण से खाली कराकर इसे साफ सुथरा कर राम की पैड़ी की तर्ज पर सीता झील को बनाने की योजना है और इस पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा.

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