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अलीगढ़ में एक दीवार को लेकर भिड़े भाजपा-सपा नेता, 2003 में हो चुके हैं दंगे, कई दिन शहर में रहा था तनाव

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Published : Mar 19, 2023, 7:18 PM IST

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में वर्ष 2003 में एक दीवार को लेकर दंगे हुए थे. कई दिन तक शहर में तनाव की स्थिति रही थी. ये दीवार कब्रिस्तान की थी. इसी दीवार को लेकर एक बार फिर शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश हुई है. जानें क्या था पूरा मामला.

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अलीगढ़ में हुई घटना के बारे में बताते लोग

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रोरावर थाना इलाके में एक कब्रिस्तान पर बाउंड्री कराए जाने को लेकर सपा व भाजपा नेता आमने सामने आ गए. इस दौरान समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खान ने मारपीट करने का आरोप लगाया है, इसको लेकर उन्होंने मारपीट की तहरीर दी है. इससे पहले सन 2003 में इसी मामले को लेकर हिंदू मुस्लिम के बीच दंगा हो गया था, जिसको लेकर कई दिन तक शहर में तनाव की स्थिति बनी रही थी.

ताजा हुई घटना को लेकर थाने पर पहुंची पूर्व मेयर शकुंतला भारती का कहना है कि एक माह पूर्व रोरावर कब्रिस्तान के रास्ते पर दीवार खड़ी की गई थी, जिसमें 1999 में समझौता हुआ था कि इस पर कोई निर्माण कार्य नहीं होगा. फिर सन 2003 में उसी चीज को लेकर दंगा हुआ कि कोई नवनिर्माण कार्य नहीं होगा, उसके बावजूद एक माह पूर्व वहां पर दीवार खड़ी कर दी गई. इसके बारे में प्रशासन को अवगत कराया गया. प्रशासन ने बड़ी सूझबूझ के साथ अवैध दीवार को तोड़ कर पूरा मसला खत्म करा दिया.

शकुंतला भारती का कहना है कि जिस व्यक्ति ने निर्माण कार्य कराया और अलीगढ़ की फिजा को खराब करने का प्रयास किया उसका नाम मोइन है और वह एक मुतवल्ली है. उसके विरुद्ध थाना दिल्ली गेट पर एक एफआईआर दर्ज की गई. अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई. इसको लेकर जनता में आक्रोश है. गिरफ्तारी क्यों नहीं हो पाई. दूसरी चीज वहां दीवार का निर्माण चल रहा है. वहां पर गुंबद खड़ा किया जा रहा है. ऐसा क्यो हो रहा है जबकि 1999 में समझौता हो चुका है. उन समझौतों का उल्लंघन क्यों किया जा रहा है.

वहीं मुस्लिम पक्ष के साथ थाने पर पहुंचे समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खां का कहना है कि शाह जमाल बाउंड्री की मरम्मत हो रही थी. पुलिस पहुंची तो उन्होंने काम रोकने के लिए कहा. इसके बाद हम लोग दिल्ली गेट थाने जाने लगे. जब वहां पर पहुंचे तो वहां पर सैकड़ों लोग थाने को घेरे हुए थे. जैसे ही मेरी गाड़ी रुकी तो 15 से 20 लोगों ने मेरे ऊपर हमला किया. अगर मेरा गनर और थाना दिल्ली गेट की पुलिस न होती तो मुझे जान से मार देते.

एसपी सिटी कुलदीप गुनावत का कहना है कि शाह जमाल कब्रिस्तान प्रकरण को लेकर एक पक्ष के लोग थाना दिल्ली गेट पर आए थे, तभी उस वक्त दूसरा पक्ष भी वहां पर आया था. इस दौरान आपसी जो भी बातचीत हुई है उसके संबंध में अभी हम जांच करा रहे हैं. सीसीटीवी कैमरे देखे जा रहे हैं जो भी होगा उसके अनुसार विधिक कार्रवाई की जाएगी.

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