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आगरा मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में निकला भ्रष्टाचार का जिन्न, कर्मचारियों ने लगाए आरोप

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Published : Jun 21, 2021, 11:09 AM IST

आगरा में स्थित देश के दूसरे सबसे बड़े मानसिक स्वास्थ केंद्र में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है. मानसिक संस्थान में कार्य करने वाले संविदा सहायक प्रोफेसर्स ने भ्रष्टाचार का यह आरोप लगाया है. उनका कहना है कि कार्यवाहक निदेशक एके सिंह ने उनके संविदा विस्तार को बढ़ाने के लिए पैसे की मांग की है.

आगरा मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में निकला भ्रष्टाचार का जिन्नआगरा मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में निकला भ्रष्टाचार का जिन्न
आगरा मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में निकला भ्रष्टाचार काआगरा मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में निकला भ्रष्टाचार का जिन्न जिन्न

आगरा: जिले में स्थित देश के दूसरे सबसे बड़े मानसिक स्वास्थ केंद्र में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है. इसका जीता जागता सबूत दिया है, इस मानसिक संस्थान में कार्य करने वाले संविदा सहायक प्रोफेसर्स ने उनका कहना है कि कार्यवाहक निदेशक ए के सिंह ने उनके संविदा विस्तार को बढ़ाने के लिए पैसे की मांग की है, लेकिन जिन कर्मचारियों ने अधिकारी की मांग नकार दी है. अब उन्हें संस्थान से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है, जिसके कारण अब संविदा असिस्टेंट प्रोफेसर ने घूसखोर कार्यवाहक निदेशक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

सेवा विस्तार के रेट तय, प्रोफेसर परेशान
जिले के मदिया कटरा-हलवाई की बगीची मार्ग पर स्थित ऐतिहासिक मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों भ्रष्टाचार का बोल- बाला है. यहां के संविदा सहायक प्रोफेसर्स ने यह आरोप लगाए हैं. यहां बीते 7 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे असिस्टेंट प्रोफेसर्स डॉ. सत्यधर द्विवेदी ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य केंद्र के कार्यवाहक निदेशक अविनाश कुमार सिंह ने जब से संस्थान का कार्यभार संभाला है. तभी से संविदा कर्मियों का मानसिक शोषण किया जा रहा है. कभी वेतन देने के नाम पर तो कभी अनुबंध बढ़ाने के नाम पर निदेशक ए के सिंह के चहेते बाबू उनसे पैसे की मांग करते है. मांग को ठुकराने पर निदेशक द्वारा उनका शोषण किया जाता है. हर दर्जे की बदतमीजी और बेइज्जती की जाती हैं, जिसके कारण उन्होंने कार्यवाहक निदेशक अविनाश कुमार सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

आगरा मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में निकला भ्रष्टाचार

महिला प्रोफेसर से की डर्टी "मांग"
मानसिक आरोग्यशाला में बीते 6 सालों से सेवाएं दे रही प्रोफेसर डॉ. स्वर्णलता सिंह ने बताया कि साल 2020 नवंबर में संस्थान के साथ उनका अनुबंध समाप्त हो गया था, जिसके आवेदन पर निदेशक एके सिंह को सेवा विस्तार की स्वीकृति प्रदान करनी थी, लेकिन निदेशक ने उनके अनुबंध पर रोक लगा दी है. इसकी एवज में उनसे पैसों की मांग की. इसके साथ ही निदेशक के आदेश पर मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में जमे बाबुओं ने उनसे निदेशक को समझने और खुश करने की मांग की बात कही. इसका प्रोफेसर स्वर्णलता सिंह ने विरोध किया, तो उनका वेतन रोक दिया गया. इसकी शिकायत उन्होंने आगरा कमिश्नर अमित गुप्ता से की, तो मंडलायुक्त ने प्रोफेसर्स का 3 महीने का सेवा विस्तार बढ़ाते हुए. दोषी बाबुओं को संस्थान से बाहर का रास्ता दिखा दिया. लेकिन मंडलायुक्त से भी अपने को ऊपर मानने वाले महामहिम निदेशक ने प्रोफेसर्स के तीन महीने के सेवा विस्तार में कटौती करते हुए, अब उन्हें सेवा समाप्त का नोटिस थमा दिया है, जिसके कारण निदेशक ओर संविदा प्रोफेसर्स की रार सड़क पर आ गई है.

आगरा मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में निकला भ्रष्टाचार
आगरा मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में निकला भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार में लिप्त है निदेशक ए के सिंह
मानसिक संस्थान के संविदा असिस्टेंट प्रोफेसर्स ने अपने साथ हो रही ज्यादती को उजागर करने के लिए शासन के आईजीआरएस पोर्टल पर निदेशक के खिलाफ भ्रष्टाचार ओर घूसखोरी की शिकायत की थी, जिसकी जांच थाना हरीपर्वत के ट्रांसपोर्ट नगर चौकी इंचार्ज जितेंद्र सिंह ने की थी. उन्होंने जांच के बाद शासन को प्रेषित अपनी आख्या में खुले शब्दों में जिक्र करते हुए मानसिक संस्थान के अंदर चल रहे घूसखोरी ओर भ्रष्टाचार को सही पाया था, जिस पर उन्होंने शासन से निदेशक अविनाश सिंह के खिलाफ उच्च विभागीय जांच करने की गुहार लगाई थी, लेकिन इसके बाबजूद स्वास्थ मंत्रालय और प्रशासन की ओर से इस मामले में आज तक सिर्फ लीपापोती की गई, जिसके खामियाजा संस्थान के कर्मचारी भुगत रहे हैं.

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भ्रष्टाचार के यह दिए सबूत, कन्नी काट रहे अधिकारी
मानसिक स्वास्थ्य केंद्र के असिस्टेंट प्रोफेसर सत्यधर द्विवेदी कहते हैं कि विभागीय तौर पर भ्रष्ट निदेशक एके सिंह सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग कर रहे हैं, जिसका जीता जागता सबूत अधिकारी मोहदय की सरकारी गाड़ी है. सरकार की तरफ से निदेशक एके सिंह को गाड़ी दी गई है. जिसे वह सरकारी कार्यों के आवा-गमन में प्रयोग करते हैं. उस गाड़ी के डीजल टैंक की क्षमता 60 लीटर है, लेकिन 1 दिन में कार्य में 120 लीटर डीजल के बिल भुगतान किए जाते हैं. आखिर 60 लीटर क्षमता वाले टैंक में 120 लीटर डीजल कैसे भर जाता है, यह तो सिर्फ निदेशक एके सिंह ही बता सकते हैं.

आगरा मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में निकला भ्रष्टाचार
आगरा मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में निकला भ्रष्टाचार

चढ़ावा देने वालो पर साहब की अनुकंपा
मानसिक आरोग्यशाला में संविदा सहायक प्राध्यापक प्रमोद शर्मा के अनुसार संस्थान के कुछ विशेष कर्मचारियों पर निदेशक साहब की असीम अनुकंपा है, जो महीने में मुश्किल से 1 हफ्ता नौकरी पर नहीं आते. वह साहब के चरणों मे चढ़ावा चढ़ा कर पूरे महीने का मेहनताना घर बैठे ले लेते हैं. ऐसे कई कर्मचारी है, जो घर रह कर निदेशक साहब की चढ़ावा स्कीम का लाभ ले रहे हैं. आगरा के प्रसिद्ध मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में आजकल भ्रष्टाचार ओर घूसखोरी सर चढ़ कर बोल रही है. इसके कारण आज वर्षों से संस्थान को अपनी सेवाएं दे रहे कर्मचारियों के सामने एक बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

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