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जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा के सर्किट हाउस में किया था भूतों का इंतजार, फिर ये हुआ

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 1, 2023, 11:53 AM IST

agra carcit house
agra carcit house

फिक्की सम्मेलन में आगरा सर्किट हाउस को लेकर सीएम योगी ने वाकया साझा किया जो इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

फिक्की सम्मेलन में आगरा सर्किट हाउस का वाक्या साझा करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.

आगराः राजधानी लखनऊ में बीते दिनों फिक्की सम्मेलन आयोजन किया गया था. कार्यक्रम को सीएम योगी ने संबोधित भी किया था, इसी दौरान सीएम के भाषण का हिस्सा इन दिनों चर्चा की विषय बना हुआ है. सीएम योगी ने अपने संबोधन में आगरा सर्किट हाउस से जुड़ा एक किस्सा लोगों से साझा किया. जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने एक बार आगरा सर्किट हाउस में भूतों का इंतजार किया था, ताकि वो उनसे संवाद कर सकें.

दरअसल, अगरा सर्किट हाउस को शुरू से ही रहस्य से भरा है. ब्रिटिश हुकूमत में बने इस भवन में चर्चा है कि यहां भूत रहते हैं. फिक्की सम्मेलन में इसी से जुड़ा एक किस्सा सीएम योगी ने लोगों से साझा किया. सीएम ने बताया, ' एक बार मैंने अधिकारियों से आगरा रात्रि में प्रवास की बात की तो मुझे बताया गया कि आगरा के सर्किट हाउस में भूत रहते हैं. रात में जो भी वहां ठहरता है. वो उसे परेशान करते हैं. इस बीच जब आगरा प्रवास का कार्यक्रम बना और मैं आगरा सर्किट हाउस में रुका तो मैंने रातभर भूतों का इंतजार करता रहा. मगर, कोई नहीं आया. फिर मुझे नींद आ गई. सुबह करीब 4 बजे जब मेरी आंख खुली तो मौसम बेहद सुहाना था.'

बता दें कि आगरा के सर्किट हाउस का इतिहास 123 साल पुराना है. यह सन 1900 में बनकर तैयार हुआ था. ब्रिटिशकाल में आगरा प्रेसिडेंसी हुआ करता था. यहां पर कोठी मीना बाजार में ही लेफ्टिनेंट गवर्नर का निवास भी था. लेकिन, जब बाहर से बड़े ब्रिटिश अधिकारी आगरा आने लगे तब यहां उनके रुकने के लिए कोई जगह नहीं थी. इसलिए, तब पोलो मैदान के एक हिस्से में यह सर्किट हाउस बनाया गया. इसी पोलो हाउस मैदान में ही फ्रेंच घुड़सवार सेना रहती थी.

साल 1899 में लॉर्ड कर्जन ने कराया था निर्माणः वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' ने बताया कि जब जॉर्ज नथानिएल कर्जन (लॉर्ड कर्नज) 1898 में भारत का वायसराय बनकर आया तब उसने आगरा में ब्रिटिश मेहमानों के ठहरने के लिए 1899 में 4 सुइट्स के सर्किट हाउस का निर्माण शुरू कराया था. जहां पर सर्किट हाउस बना हुआ है. तब वो जगह पहले पोलो का मैदान था. अब यहां पर गोल्फ का मैदान है. आगरा का सर्किट हाउस एक साल में बनकर तैयार हुआ. लार्ड कर्जन सन 1898 के अंत से सन 1905 तक भारत का वायसराय रहा. उसने भारत में भारतीय पुरातत्व विभाग की भी स्थापना की थी.

देशभर के प्रमुख शहरों में बने सर्किट हाउसः वरिष्ठ इतिहासकार 'राजे' ने बताया कि जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में अपना पैर पसारा तब उनके अधिकारी, यहां के राजाओं और जमींदारों के यहां ठहरते थे. मगर, इस बीच कई ऐसी घटनाएं हुई. जिससे अंग्रेज अधिकारियों का विश्वास राजाओं और जमीदारों से टूट गया. इस पर उन्होंने अपने और मेहमानों के लिए भवन बनवाना शुरू कर दिए. लार्ड कर्जन ने आगरा ही नहीं देशभर के प्रमुख शहरों में सर्किट हाउस बनवाए. जहां पर अंग्रेजी अफसर और मेहमान ठहर सकें. देश के आजाद होने के बाद इन सर्किट हाउस में संवैधानिक पदों पर तैनात अधिकारी और राजनेताओं के ठहरने का सिलसिला शुरू हुआ.

जब छत पर चढ़कर चौ. चरण सिंह ने देखा था नजाराः आजादी के बाद राजनेताओं की आगरा में ठहरने की पहली पसंद सर्किट हाउस हुआ करता था. आगरा सर्किट हाउस में ठहरने वाले यूपी के सीएम की बात करें तो यहां पर मुख्यमंत्री के रूप में चौ. चरण सिंह, नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह, कल्याण सिंह भी यहां ठहर चुके हैं. यूपी के सीएम रहते हुए चौ. चरण सिंह जब सर्किट हाउस के सुईट् नंबर एक में रुके तो वो कमरे की सभी खिड़कियों को खोलकर सोए. जब वे सुबह जाते तो टहलने गए तो सर्किट हाउस की छत पर चढ़ गए, जहां से उन्होंने वहा की हरियाली का नजारा देखा.

सुईट् नंबर एक में रुके सीएम योगीः पहली बार सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ जब आगरा आए, तो उन्होंने सर्किट हाउस के सुइट् नंबर एक में रात्रि प्रवास किया था. आगरा सर्किट हाउस की खासियत ये भी है कि यहां पास शानदार लैंड स्केपिंग है. जो लॉर्ड कर्जन की इच्छा पर तैयार की गई थी. वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' बताते हैं कि, आगरा का सर्किट हाउस 123 साल पुराना है. वहीं देश के सबसे आलीशान सर्किट हाउस के तौर पर मध्यप्रदेश के हौशंगाबाद में बनी सर्किट हाउस को गिना जाता है, जिसका निर्माण नर्मदा नदी के किनारे कराया गया था. अब वह फिल्म शूटिंग का हब है.

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हमनें कभी नहीं सुनी कोई आहटः आगरा सर्किट हाउस के कर्मचारी रामप्रसाद ने बताया कि 'सर्किट हाउस की देखरेख का जिम्मा पीडब्ल्यूडी पर है. वह यहां पर साल 2015 से काम करता है. यहां हाईकोर्ट के जज, मंत्री और अधिकारी ठहरते हैं. सीएम योगी भी यहा रात ठहर चुके हैं. मैं भी रात में यहां पर रुका हूं. मगर, भूत की बात नहीं है. आज तक कोई आहट तक नहीं सुनी है. इतना ही नहीं, यहां पर ठहरने वाले किसी भी मंत्री और अधिकारी ने ऐसी कोई शिकायत नहीं की.

काल्पनिक कहानियों के उपन्यास से चर्चा में आयाः ब्रिटिशकाल में आगरा के कमिश्नर की बेटी ने भूतों पर आधारित अपनी काल्पनिक कहानियों की एक किताब लिखी थी, जिसे अमेरिकी पब्लिशर ने प्रकाशित किया. तभी से आगरा के सर्किट हाउस में भूतों के रहने की कहानी प्रचलन में आई. लेकिन, हकीकत में ऐसा कुछ नहीं है.

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