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ज्ञानवापी मस्जिद की वीडियोग्राफी पर मुस्लिम पक्ष का विरोध, स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा संविधान से चलेगा देश

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Published : May 4, 2022, 4:00 PM IST

Updated : May 4, 2022, 6:28 PM IST

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स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती

वाराणसी के जिला न्यायालय (District Court of Varanasi) ने शृंगार गौरी विवाद में ज्ञानवापी मस्जिद की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के लिए टीम गठित की है. इस मामले को लेकर एक बार फिर दोनों समुदाय आमने-सामने दिख रहे हैं.

वाराणसी : अयोध्या के बाद अब पूरे देश की नजर काशी पर टिकी हुई है. ऐसे में वाराणसी के जिला न्यायालय (District Court of Varanasi) ने शृंगार गौरी विवाद में ज्ञानवापी मस्जिद की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के लिए टीम गठित की है. यह टीम 6 मई को विवादित परिषद में जाकर वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण का कार्य करेगी. हालांकि इस मामले को लेकर एक बार फिर हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरु आमने सामने आते दिखाई दे रहे हैं. मस्जिद की व्यवस्था देखने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (Anjuman Inazaniya Masjid Committee) के सचिव एसएस यासीन खुले आम कह दिया है कि वीडियोग्राफी और संरक्षण के लिए किसी को भी मस्जिद के अंदर घुसने नहीं देंगे.

स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती

इसे लेकर अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि वातावरण बिगाड़ने और अदालत की अवमानना करने के आरोप में एसएस यासीन को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेज देना चाहिए. साथ ही राज्य सरकार, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को हीला हवाली करने के बजाय 6 मई के दिन सुरक्षा के पर्याप्त व्यवस्था करते हुए सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर आना चाहिए.

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स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि वाराणसी जिला कोर्ट की तरफ से काशी ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश अगले 6 मई को है. इस संदर्भ में हाईकोर्ट में विपक्ष की पुनः याचिका भी खारिज हो गयी थी. एक तरफ तो विपक्षी गण कोर्ट में कहते हैं कि किसी को गैर मुस्लिम के आधार पर मस्जिद में जाने से रोका नहीं जा सकता तो दूसरी तरफ यह कहते हैं कि हमारा गला कट जाएगा लेकिन उस विवादित परिसर में हम सर्वे नहीं होने देंगे. किसी को अंदर नहीं घुसने देंगे. इसे लेकर अनाप-शनाप तर्क भी देते हैं.

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काशी ज्ञानवापी परिसर

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने आगे कहा कि इस संदर्भ में 1935-36 का मुकदमा जो जिला कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट होते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट और तत्कालीन प्रिवेंशन कोर्ट ऑफ इंडिया में 1941 में निर्मित हुआ, उसमें तीन बार संबंधित ज्ञानवापी का सर्वे हुए. प्रिभेंसेस कोर्ट ऑफ इंडिया ने कहा कि यह आपत्ति ठीक नहीं है. यह देश संविधान से चलेगा. किसी अराजक समूह द्वारा देश के संवैधानिक व्यवस्था को बंधक बना लेने से देश नहीं चलता. कहा कि वह जिला प्रशासन से कहेंगे कि बगैर किसी हीलाहवाली के जिला कोर्ट के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करें और यह सर्वे पूरा कराए.

सर्वे रोकने के लिए मस्जिद कमेटी के सचिव ने डीएम और पुलिस कमिश्नर से लगाई गुहार

वाराणसी: विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में नया मोड़ आ गया है. कोर्ट ने 6 मई को कोर्ट कमिश्नर द्वारा सर्वे की तारीख नीयत की है. इस दिन कोर्ट कमिश्नर ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर और शृंगार गौरी का निरीक्षण और वीडियोग्राफी कराई जाएगी. ज्ञानवापी परिसर में वस्तुस्थिति के लिए सर्वे और वीडियोग्राफी रोकने के लिए अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के सचिव यासीन सईद ने जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा और पुलिस आयुक्त ए.सतीश गणेश से गुहार लगायी है. सचिव यासीन सईद ने तीन बिंदुओं को उठाते हुए अधिकारियों को पत्र सौंपा है. उन्होंने कहा है कि इस सर्वे से न केवल कोर्ट में चल रहे अन्य मुकदमे पर असर पड़ेगा बल्कि मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था और शांतिभंग भी होने की आशंका है.

पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने कमेटी के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सहयोग करने का अनुरोध किया था. इसे कमेटी ने सिरे से खारिज कर दिया. यासीन सईद ने बताया कि सर्वे से जुड़ा एक अन्य प्रकरण पहले से हाईकोर्ट में लंबित है जिस पर 30 मई तक सुनवाई स्थगित है. उन्होंने कहा कि वह ज्ञानवापी के बैरिकेडिंग के अंदर प्रवेश करने का विधिक तरीके से विरोध करेंगे. इसे लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है.

वहीं, मीडिया से बात करते हुए अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि 6 मई को कोर्ट कमिश्नर द्वारा सर्वे की वीडियोग्राफी की जानी है जबकि अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी के सचिव यासीन द्वारा लोगों को रोके जाने की बात कर रहा है. इसके पहले भी दो बार सर्वे किया जा चुकी है.

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Last Updated :May 4, 2022, 6:28 PM IST
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