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Kanhaiyalal Murder first anniversary : कन्हैया हत्याकांड के बाद से अब तक दो बार हुआ ब्रेन हेमरेज, हादसा याद आते ही सिहर जाता हूं - राजकुमार शर्मा

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Published : Jun 26, 2023, 8:13 AM IST

Updated : Jun 26, 2023, 2:52 PM IST

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आगामी 28 जून को राजस्थान के उदयपुर में हुई बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड का एक वर्ष पूरा हो जाएगा. इस वीभत्स हत्याकांड ने कई परिवारों की खुशियों पर ग्रहण लगा दिया. जिनमें से एक हैं राजकुमार शर्मा जो उस हत्याकांड के चश्मदीद गवाह भी हैं.

कन्हैयालाल हत्याकांड के लगभग एक साल बाद पहुंचा ईटीवी भारत

उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर जिले में हुई बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्या कांड का एक साल पूरा होने जा रहा है. इस वीभत्स हत्याकांड ने कई परिवारों की खुशियों पर ग्रहण लगा दिया. जिनमें से एक हैं राजकुमार शर्मा जो पिछले 10 सालों से कन्हैयालाल टेलर की दुकान पर काम किया करते थे. इस तालिबानी हत्याकांड के समय राजकुमार शर्मा दुकान पर ही मौजूद थे. राजकुमार शर्मा इस वीभत्स हत्याकांड के चश्मदीद गवाह हैं. शर्मा हर रोज की तरह कपड़े सिल रहे थे. लेकिन 28 जून 2022 के दोपहर को एक ऐसा हादसा हुआ. जिसके कारण शर्मा की हंसते-खेलते परिवार की खुशियां पर किसी की नजर लग गई. इस हादसे ने शर्मा को बुरी तरह झकझोर दिया क्योंकि उसके बाद से उनका 2 बार ब्रेन हेमरेज हो चुका है. शर्मा को इस हादसे से इतना गहरा सदमा लगा कि ब्रेन हेमरेज के कारण आज वह बेड से उठ नहीं पाते हैं. शर्मा ने अपनी बेटी की शादी की तैयारियों को लेकर कई ख्वाब संजोए थे. जो अधूरे नजर आते हैं. ईटीवी भारत की टीम राजकुमार शर्मा के घर पहुंची. यह जानने के लिए शर्मा के परिवार पर बीते एक साल में क्या बीती.

ब्रेन हेमरेज के कारण उदयपुर के एमबी अस्पताल में इलाज के दौरान भर्ती
ब्रेन हेमरेज के कारण उदयपुर के एमबी अस्पताल में इलाज के दौरान भर्ती

राजकुमार शर्मा को मिली कन्हैया हत्याकांड से जख्म : कन्हैया लाल हत्याकांड ने राजकुमार शर्मा को ऐसे जख्म दिए कि आज वह ऐसी अवस्था में पहुंच गए कि खुद उठकर पानी भी नहीं पी सकते. आज भी उस निर्मम हत्या कांड को याद करते हैं तो उनका दिल कांप जाता है. शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि जब भी मेरी आंखें बंद होती हैं तो वह हत्याकांड मेरी आंखों में नजर आता है. उसे देखकर एकदम से डर जाता हूं. जब-जब वो हादसा नजर आता है तो रोने लग जाता हूं. शर्मा ने कहा कि बहुत खतरनाक हादसा था. एक सीधे-साधे आदमी को मौत के घाट उतार दिया गया. उस हादसे ने हमारे परिवार की खुशियों को हमसे छीन लिया. हम दोनों पति-पत्नी हमारे बच्ची की शादी की तैयारियों को लेकर ख्वाब सजाए हुए थे. लेकिन उस हादसे ने मुझे ब्रेन हेमरेज और बेड पर लेटने को मजबूर कर दिया. मेरी बच्ची की शादी में मदद करने के लिए कन्हैयालाल ने भी कहा था कि राजकुमार तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारी मदद करूंगा. शर्मा ने कहा कि कन्हैयालाल टेलर हमेशा मेरा साथ देते थे वो बहुत ही अच्छे इंसान थे.

कन्हैया हत्याकांड से पहले हंसी-खुशी कन्हैया की दुकान पर काम करते हुए की फोटो
परिवार के साथ राजकुमार शर्मा

हादसे के बाद का कांप उठा राजकुमार का परिवार : राजकुमार शर्मा की पत्नी पुष्पा शर्मा ने बताया कि बताया कि यह निर्मम हत्या कांड क्या हुआ. हमारे हंसते-खेलते परिवार की खुशियों पर ग्रहण लग गया. इस हादसे से पहले हम सभी लोग हमारी बेटी की शादी की तैयारियां कर रहे थे. लेकिन अचानक यह पहाड़ हमारे ऊपर टूट पड़ा. इस हत्याकांड में हमारी जिंदगी को हिला कर रख दिया. शर्मा की पत्नी ने कहा कि हम दिन भर में जितना कमाते थे. उससे हमारी खुशियां थी, लेकिन अब दो वक्त के भोजन के लिए भी दूसरे की आस लिए बैठे हैं. शर्मा की सदमे के बाद उनके इकलौते बेटे ने पढ़ाई छोड़ कर नौकरी करना शुरू किया. क्योंकि घर परिवार चलाना बड़ा मुश्किल नजर आने लगा था. पुष्पा ने बताया कि राजकुमार ने अपनी बेटी गरिमा की शादी के लिए कई सपने संजोए थे. जिन सपनों को पूरा करने के लिए वो दिन-रात मेहनत भी करते थे. लेकिन उन हादसे ने उन सपनों पर पानी फेर दिया. अब तो हमारी बेटी भी कहने लगी है कि जब तक पापा ठीक नहीं होंगे तब तक मैं शादी नहीं करूंगी. इसलिए शादी की तारीख भी आगे बढ़ा दी गई है.

हत्याकांड के पहले राजकुमार शर्मा की फोटो
हत्याकांड के पहले राजकुमार शर्मा की फोटो

पढ़ें Kanhaiyalal Murder Case: मुख्य चश्मदीद गवाह राजकुमार शर्मा का फिर हुआ ऑपरेशन

उस निर्मम हत्या कांड के 5 दिन बाद तक राजकुमार अच्छे से बोल नहीं पाए : राजकुमार शर्मा की पत्नी ने बताया कि उस निर्मम हत्या कांड ने उन्हें इस कदर हिला कर रख दिया था. इस वीभत्स हत्याकांड से इस तरह डर गए. हत्याकांड के बाद 5 दिनों तक तो कुछ नहीं बोल पाते थे. इनके मुंह से एक शब्द नहीं निकलता था. उन्होंने बताया कि डर और भय का इतना खौफनाक माहौल था कि घर के बाहर से अगर कोई सब्जी वाला या कोई भीख मांगने वाला आता तो डर कर घर की खिड़कियां बंद कर लेते थे. इतना ही नहीं उस हत्याकांड के बाद बच्चों में भी इतना डर समा गया कि घर के बाहर लगी राजकुमार और उनकी पत्नी के नेमप्लेट को भी बच्चों ने हटा दिया. जिससे बाहर से आने वाले व्यक्ति उनका नाम न देख ले. उनकी पत्नी ने कहा कि उस दौरान तो अगर बच्चे भी बाहर जाते हैं और लौटने में देरी होती तो मन में बुरे-बुरे ख्याल आने लग जाते थे. यहां तक कि कोई अनजान नंबर से फोन भी आता था तो मन बड़ा घबराने लगता था. राजकुमार शर्मा उस हत्याकांड के चश्मदीद गवाह है.

राजकुमार शर्मा अपनी पत्नी और दोनों बच्चों के साथ
राजकुमार शर्मा अपनी पत्नी और दोनों बच्चों के साथ

राजकुमार शर्मा दिन-रात करते मेहनत : राजकुमार शर्मा अपने परिवार की सपनों को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करके अपने परिवार को खुश रखते थे. इसके लिए शर्मा सुबह 9 बजे से शाम को 6 बजे तक कन्हैयालाल की दुकान पर काम किया करते थे. लेकिन कुछ ज्यादा तनख्वाह न होने और सप्ताह में छुट्टी होने के कारण शर्मा रात के समय फूड डिलीवरी का काम भी करते थे. इसके लिए वो रात को 8 बजे से देर रात 1 बजे तक घर-घर जाकर फ़ूड डिलीवरी करते थे. ऐसे में दिन रात मेहनत कर वो अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे. इतना ही नहीं राजकुमार के कई सपने भी थे जिनमें से एक उनकी बेटी की शादी थी.

हत्याकांड से ऐसा मिला सदमा कि अब बेड पर लेटने को मजबूर
हत्याकांड से ऐसा मिला सदमा कि अब बेड पर लेटने को मजबूर

शर्मा की पत्नी बोली नहीं मिली कोई बड़ी संख्या में मदद : शर्मा की पत्नी ने कहा कि उस हादसे के बाद कोई बहुत बड़ी मदद नहीं मिली. राज्य सरकार ने जरूर मदद की लेकिन वह काफी नहीं थी. उन्होंने कहा कि उस हादसे से पहले कई लोगों से पैसा लिया हुआ था. अब उन्हें चुकाना और घर परिवार चलाना बड़ा मुश्किल नजर आता है. हालांकि सुरक्षा के लिए प्रशासन ने पुलिस के जवान 24 घंटे उनके घर के बाहर तैनात कर रखा है.

ब्रेन हेमरेज का दो बार हो चुका है ऑपरेशन : राजकुमार शर्मा को उस हादसे ने इतना झकझोर दिया कि दो बार उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ ऐसे में राज्य की गहलोत सरकार ने भी उनकी मदद करने के लिए ग्रीन कोरिडोर बनाकर जयपुर से डॉक्टर की टीम उदयपुर भेजी थी. कन्हैयालाल हत्याकांड के चश्मदीद गवाह राजकुमार शर्मा का इससे पहले 3 अक्टूबर को ब्रेन हेमरेज होने पर ऑपरेशन किया गया था. इसके लिए राज्य सरकार ने कोरिडोर बनाकर जयपुर के एसएमएस अस्पताल से तीन डॉक्टरों की टीम उदयपुर भेजी थी. जयपुर से उदयपुर पहुंचे न्यूरो सर्जन डॉ मनीष अग्रवाल, डॉ राशिम कटारिया के नेतृत्व में एमबी अस्पताल में 4 घंटे ऑपरेशन चला था.

Last Updated :Jun 26, 2023, 2:52 PM IST
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