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NRI bribe case: DYSP सहित 4 आरोपियों को कोर्ट ने भेजा 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में

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Published : Feb 13, 2023, 6:16 PM IST

DYSP and 3 accused sent to 14 days judicial custody in NRI bribe case
DYSP सहित 4 आरोपियों को कोर्ट ने भेजा 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में

एनआरआई से रिश्वत मामले में गिरफ्तार डीवाईएसपी जितेंद्र आंचलिया सहित 4 लोगों को एसीबी कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया. कोर्ट में आंचलिया ने खुद अपनी पैरवी की.

उदयपुर. जिले में एनआरआई से रिश्वत मामले में डीवाईएसपी जितेंद्र आंचलिया सहित 4 लोगों को रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया. अब न्यायालय ने चारों को 27 फरवरी तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है. चारों आरोपियों को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच एसीबी कोर्ट परिसर में पेश किया गया. कोर्ट ने चारों को 14 दिन तक न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है. इससे पहले शनिवार को जज के घर पेश किया गया था. जहां से सोमवार तक रिमांड पर भेजा गया था.

आरोपी जितेंद्र ने की खुद की पैरवी: एनआरआई व्यवसायी ने एसीबी को दी शिकायत में आरपीएस जितेंद्र आंचलिया, सब इंस्पेक्टर रोशनलाल, दलाल रमेश राठौड़, मनोज श्रीमाली और भाई की पत्नी पर ब्लैकमेल कर 1.83 करोड़ रुपए हड़पने का आरोप लगाया था. कड़ी सुरक्षा के बीच जितेंद्र आंचलिया समेत चारों आरोपियों को कोर्ट में लाया गया. कोर्ट में आरपीएस जितेंद्र आंचलिया ने ही अपनी पैरवी की. आंचलिया ने आरोपों को नकारते हुए सफाई दी. करीब 20 मिनट तक चली सुनवाई में जितेंद्र ने अपना पक्ष रखा. जिसके बाद चारों लोगों को एसीबी की टीम लेकर चली गई. इस दौरान वकील और आम लोगों का विरोध भी देखने को मिला.

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परिवादी से हड़पी जमीन: परिवादी पिछले तीन साल से कुवैत में रहकर व्यवसाय कर रहा है. उसके छोटे भाई का परिवार उदयपुर में रहता है. परिवादी के छोटे भाई का कुछ साल पहले ही निधन हो गया था. मृतक की पत्नी ने ही परिवादी को कंपनी की जमीन 5 करोड़ में बेचने की बात कह कर दिसंबर 2022 में उदयपुर बुलाया था. जब एनआरआई व्यवसायी उदयपुर पहुंचा तो मृतक की पत्नी ने कुछ पुलिसकर्मियों और दलालों के साथ मिलकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया.

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1.83 करोड़ की राशि: परिवादी को सुखेर थाने में बुलाकर जमीन का फर्जी एग्रीमेंट दिखाया गया और उस पर धोखाधड़ी के आरोप लगाते हुए गिरफ्तार करने की धमकी दी गई. साथ ही परिवादी को यह धमकी भी दी गई कि अब उसे अपनी पूरी जिंदगी जेल में बितानी पड़ेगी और वापस अपने बच्चों व पत्नी के पास कुवैत नहीं जा पाएगा. धमकी से घबराकर परिवादी ने जमीन को छोड़ने की बात कही और आरोपियों ने जमीन के बदले परिवादी से 1.83 करोड़ रुपए की राशि हड़प ली.

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