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Exclsuive: पाली ने खुद को कोरोना से कैसे किया सुरक्षित, जानिए कलेक्टर दिनेश जैन की जुबानी

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Published : Apr 7, 2020, 3:49 PM IST

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शुरू से ही पाली में बरती सतर्कता

कोरोना वायरस से जहां पूरी दुनिया जंग लड़ रहा है. प्रदेश के कुछ जिलों में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. वहीं पाली जिले में केवल 2 ही पॉजिटिव मरीज हैं. उनमें भी एक भी स्थानीय मरीज नहीं है. कोरोना से जीतने की इस जंग में ऐसे कौन से एहतियात पाली ने अपनाएं. जिसकी वजह से आज यहां के हालात नियंत्रण में हैं. जानिए ईटीवी भारत की इस खास रिपोर्ट में...

पाली. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर पाली प्रदेश में अभी सुरक्षित जिलों में माना जा रहा है. पाली में अभी तक 2 पॉजिटिव मरीज सामने आए. यह दोनों पॉजिटिव मरीज प्रवास काल के दौरान पाली लौट कर अपने घर आए थे. पाली में अभी तक कोई भी स्थानीय व्यक्ति कोरोना के संक्रमण में नहीं आया है.

पाली में कोरोना वायरस को लेकर प्रशासन शुरू से ही अलर्ट मोड पर हो गया था और सुरक्षा के सभी संभव प्रयास पाली में शुरू कर दिए गए थे. यही नतीजा है कि पाली अभी सुरक्षित जिलों में माना जा रहा है. यह बात पाली जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन ने ईटीवी भारत के साथ विशेष चर्चा के दौरान कही. उन्होंने पाली के सभी अधिकारियों, पुलिस और चिकित्सा महकमे के अधिकारियों के सराहनीय योगदान के बारे में भी बताया. जिस प्रकार से भारत में कोरोना को लेकर सुर्खियां बढ़ी थी. उसी समय से जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन की अगुवाई में पाली में सुरक्षा एहतियात प्रबंध शुरू कर दिए थे. इसी का नतीजा है कि अभी भी पाली में कोरोना को लेकर खतरा काफी कम है.

शुरू से ही पाली में बरती सतर्कता

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डोर-टू-डोर पहुंचाया राशन और जरूरत के सामान

जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन बताते हैं कि पाली में संक्रमण का खतरा कम हो सके, इसके लिए शुरू से ही उन्होंने लोगों की दैनिक जरूरतों के सामान को लेकर सबसे ज्यादा ध्यान दिया. लॉकडाउन के चलते उन्होंने लोगों को उन्होंने पाली के कई किराना स्टोर और मॉल को होम डिलीवरी के लिए अनुबंधित किया. साथ ही इसमें किसी भी प्रकार की कालाबाजारी ना हो, इसको लेकर भी इन सभी की मॉनिटरिंग करने के लिए अधिकारियों को नियुक्त किया गया. साथ ही किसी भी प्रकार से कहीं पर भी भीड़ इकट्ठा ना हो इसको लेकर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाने के लिए भी प्रशासन ने पूरा जोर दिया.

बाहर से आने वाले हर शख्स को किया आइसोलेट

कलेक्टर ने बताया कि कहीं पर भी किसी भी प्रकार से कोरोना को लेकर संदिग्ध मरीज या कोरना से संक्रमित मरीज सामने आते ही प्रशासन पूरे अलर्ट मोड पर रहा और संबंधित व्यक्ति के संपर्क में आए लोग व मरीज को पूरी तरह से आइसोलेट करने के बाद उसके क्षेत्र को भी सैनिटाइज किया. जिसके चलते पाली में संक्रमण का खतरा ज्यादा नहीं बढ़ा. जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन ने अब सबसे बड़ी चुनौती के रूप में प्रवासियों को माना है.

उन्होंने बताया है कि प्रशासन की ओर से अभी तक पाली में अपने घर लौटे 33 हजार प्रवासियों को चिन्हित किया है. उन्होंने बताया कि इनके लौटने पर प्रशासन ने एक बार इनकी स्क्रिनिंग की गई. लेकिन इसे एक अभियान के तौर पर लेते हुए प्रशासन आगामी 3 दिनों में इन सभी प्रवासियों की रिपीट स्क्रिनिंग करेगा. इसको लेकर प्रशासन ने कार्य भी शुरू कर दिया है.

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उन्होंने बताया कि अभी लॉकडाउन खत्म होने में 7 दिन बाकी है. लोग अपने घरों में रहकर परेशान हो चुके हैं. कहीं श्रमिक वर्ग है जो रोजगार नहीं होने के चलते काफी परेशान भी हैं. लेकिन उन्होंने आम जनता से यह भी अपील की कि संक्रमण का जो काल है उसमें आपकी सुरक्षा ही सबसे महत्वपूर्ण है.

उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर पाली की जनता प्रशासन द्वारा स्थापित कंट्रोल रूम पर फोन कर सूचना दे सकती है. प्रशासन पाली की हर जनता के लिए सहायता के हर संभव प्रयास करने को तैयार है. उन्होंने आम जनता से अपील की है. 'अपने घरों में रहें सुरक्षित रहें', ताकि आप कोरोना वायरस के संक्रमण से बच सके.

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