करौली. जिले के मंडरायल कस्बे में पंचायत चुनावों के चलते निर्दोष लोगों को पुलिस प्रशासन द्वारा पाबंदी का नोटिस दिया गया था. ऐसे में सोमवार को गुस्साए ग्रामीणों ने एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध जताया और एसडीएम को ज्ञापन सौंप नोटिसों की जांच कराने की मांग की. वहीं मांग पूरी नहीं होने पर आत्महत्या की चेतावनी भी दी.
ग्रामीणो ने बताया कि पंचायत चुनाव 2020 में मंडरायल क्षेत्र के करीब 700 लोगों को पुलिस थाना मंडरायल और लांगरा थाने की रिपोर्ट पर क्षेत्र के निर्दोष और प्रतिष्ठित लोगों को तस्दीक किए बिना रिपोर्ट पर पाबंदी के नोटिस जारी किए गए हैं. जो कानून विधि के विपरीत है. ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव में उन लोगों को ही पाबंद किया जा सकता है. जो वास्तव में अपराधी हैं, हिस्ट्रीशीटर हैं और पूर्व में शांति भंग करते हो. जिनके खिलाफ चार-पांच बार मामला दर्ज हुआ हो. उन लोगों को ही केवल पाबंद किया जा सकता है.
सामान्य, प्रतिष्ठित लोगों को कभी पाबंद नहीं किया जा सकता है. ऐसे में यह कार्रवाई पुलिस थानों की रिपोर्ट पर की गई है. वह पूरी तरह कानून के विपरीत है. ऐसे लोगों को नोटिस भेजे गए हैं. जिनके खिलाफ आज तक कोई भी मामला दर्ज नहीं हुआ हो. सभी ग्रामीणों ने निर्णय किया है कि कोई भी जमानत नहीं कराएगा.
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विधि विरुद्ध कार्रवाई को निरस्त करने के लिए. पुनः उच्च पुलिस अधिकारी से जांच कराने के लिए एसडीएम को ज्ञापन सौंप मांग की गई है. ग्रामीणों के विरोध-प्रदर्शन मामले को लेकर एसडीएम रामनिवास मीणा ने बताया कि जिन निर्दोष लोगों के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा पाबंदी नोटिस दिए गए हैं. उन्हें खारिज कर दिया जाएगा और उन व्यक्तियों को कोई जमानत करवाने की आवश्यकता नहीं पडे़गी.