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करौली: मातृ शिशु ईकाई अस्पताल सड़क की हालत जर्जर, शिकायत के बावजूद भी प्रशासन को सुध नहीं

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Published : Jan 27, 2020, 10:17 PM IST

करौली में मंडरायल रोड स्थित मातृ शिशु इकाई जिला अस्पताल की सड़क जर्जर हालात में है. इसके चलते नवजात शिशु प्रसूताओं को अक्सर परेशानी झेलनी पड़ती है. समस्या को लेकर लोग कई बार प्रशासन से इसकी शिकायत कर चुके हैं. लेकिन सरकार की ओर से अभी कोई मदद नहीं की गई है जिससे लोगों में सरकार के खिलाफ रोष व्याप्त है.

करौली की खबर, bad condition of road
नए भवन में बना मातृ शिशु ईकाई अस्पताल

करौली. मंडरायल रोड स्थित मातृ शिशु इकाई जिला अस्पताल के सड़क की हालत जर्जर हैं. जिससे नवजात शिशु और प्रसूताओं की जान को हमेशा खतरा बना रहता है. इसे लेकर लोगों में सरकार के खिलाफ रोष व्याप्त है. बता दें कि जिला अस्पताल से मातृ शिशु ईकाई अस्पताल को 7 किलोमीटर दूर मंडरायल रोड स्थित नवीन जिला अस्पताल के भवन में शिफ्ट कर दिया गया.

शिकारगंज चौराहे से लेकर अस्पताल तक पूरी सड़क जर्जर पड़ी हुई है. सड़क में जगह-जगह गहरे गड्ढे हो गए हैं, जिसके कारण वाहनों से आने वाली गर्भवती महिलाओं की जान को हमेशा खतरा बना रहता है. कई बार तो ऑटो और चौपहिया वाहनों में ही प्रसव हो गया है. जिनमें से कई बच्चों की स्थिति गंभीर हो जाती है.

यहां तक की इस भवन पर आवागमन के लिए यातायात के साधनों का भी इंतजाम नहीं है. इसके बावजूद भी गरीब और मध्यम तबके के लोग गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिए जिला मुख्यालय से लगभग 7 किलोमीटर इस अस्पताल में आते हैं. जर्जर सड़क के हाल को लेकर लोगों ने कई बार प्रशासन को समस्या से अवगत करवाया है. इसके बावजूद भी अभी तक प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं गया है.

जर्जर हालत में मातृ शिशु ईकाई जिला अस्पताल की सड़क

पढ़ें: करौली: जिला कलेक्टर ने ली समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए निर्देश

लोगों का कहना है कि कई बार प्रशासन के अधिकारियों से लेकर मंत्री तक को सड़क की हालत से अवगत कराया है. डिलीवरी के समय महिलाओं को ले जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार तो स्थिति ऐसी हो जाती है कि रास्ते में ही डिलीवरी हो जाती है. ऐसे में प्रसूता की जान तक जोखिम में आ जाती है. जिला मुख्यालय से अस्पताल के दूर होने के कारण लोगों को आर्थिक समस्या का भी सामना करना पड़ता है. बरसात के समय में तो हालात यह हो जाते हैं कि सड़क पर पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में कई बार चिकित्साकर्मी सहित आने-जाने वाले राहगीर चोटिल भी हो चुके हैं.

Intro:जिला मुख्यालय पर मंडरायल रोड स्थित मातृ शिशु इकाई जिला अस्पताल जर्जर हालात सड़क के कारण नवजात शिशु प्रसुताओ की जान की आफत बना हुआ है.. लेकिन जिम्मेदार बेखबर बने हुए हैं.. ऐसे में लोगों में सरकार के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है.


Body:मातृ शिशु ईकाई अस्पताल की जर्जर हालत सड़क नवजात शिशु प्रसुताओं की बनी जान की आफत,

करौली

जिला मुख्यालय पर मंडरायल रोड स्थित मातृ शिशु इकाई जिला अस्पताल जर्जर हालात सड़क के कारण नवजात शिशु प्रसुताओ की जान की आफत बना हुआ है.. लेकिन जिम्मेदार बेखबर बने हुए हैं.. ऐसे में लोगों में सरकार के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है.

बता दे की जिला अस्पताल से मातृ शिशु ईकाई अस्पताल को सात किलोमीटर दूर मंडरायल रोड स्थित नवीन जिला अस्पताल के भवन में शिफ्ट कर दिया गया.लेकिन खस्ताहाल सडक और गहरे गड्ढे नवजातो और प्रसुताओं की जान की आफत बने हुए हैं.यहा तक की इस नवीन भवन पर आवागमन के लिए यातायात के साधनों का भी इंतजाम नहीं है..इसके बावजूद भी गरीब एवं मध्यम तबके के लोग अपनी गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिए जिला मुख्यालय से लगभग 7 किलोमीटर दूर नवीन अस्पताल पहुंचते हैं. लेकिन शिकारगंज चौराहे से लेकर अस्पताल तक पूरी सड़क जर्जर पड़ी हुई है और सड़क में गहरे गड्ढे बने हुए हैं, जिसके कारण वाहनों से आने वाली गर्भवती महिलाओं एवं उनके अजन्मी नवजात बच्चों पर जान पर आफत बन आती है. कई बार तो ऑटो एवं चौपहिया वाहनों में ही प्रसव हो गया है.जिनमें से कई बच्चों की स्थिति गंभीर तक हो चुकी है.. जर्जर सड़क के हालातों को लेकर लोगो ने कई बार प्रशासन को मामले से अवगत कराया लेकिन अभी तक सड़क का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है.. प्रशासन बेखबर बना हुआ है.. लोगो का कहना है की कई बार प्रशासन के अधिकारियों से लेकर मंत्री तक को सड़क की जर्जर और दयनीय हालात से अवगत करा दिया है.. लेकिन उनके जू तक नहीं रेंगती है.. डिलीवरी के समय महिलाओं को ले जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.. कई बार तो स्थिति यह हो जाती है कि रास्ते में ही डिलीवरी हो जाती है.. ऐसे में प्रसुता की जान तक जोखिम मे आ जाती है..जिला मुख्यालय से अस्पताल के दूर होने के कारण लोगों को आर्थिक समस्या का भी सामना करना पड़ता है. बरसात के समय में तो हालात यह हो जाते हैं कि सड़क पर से पैदल निकलना भी दुश्वार हो जाता है. ऐसे में कई बार चिकित्सा कर्मी सहित आने जाने वाले राहगीर भी चोटिल हो गए हैं.लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई कदम नही उठाया गया.. जिसको लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है..


वाईट----भगवानदेई स्थानीय निवासी

वाईट---वकील स्थानीय निवासी,

वाईट---केदार राहगीर,

वाईट---ओमवीर स्थानीय,


Conclusion:
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