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मरीज की मौत से उपजा विवाद देर रात हुआ समाप्त, आज निजी अस्पतालों की ओपीडी इमरजेंसी खुलेंगी

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Published : Sep 14, 2022, 9:47 AM IST

Updated : Sep 14, 2022, 2:32 PM IST

जोधपुर के कृष्णा अस्पताल में मरीज की मौत के बाद दो दिनों से चल रहा धरना (Controversy over patient death) देर रात समाप्त हो गया. जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद धरना समाप्त हुआ. आज शव का अंतिम संस्कार होगा. वहीं, निजी अस्पतालों में ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं सामान्य रूप से संचालित होंगी.

Jodhpur Krishna Hospital
Jodhpur Krishna Hospital

जोधपुर. शहर के कृष्णा अस्पताल में रविवार रात को एक मरीज की मौत के बाद उपजा विवाद (Controversy over patient death) मंगलवार देर रात समाप्त हो गया. बुधवार को शहर के सभी निजी अस्पतालों की घोषित हड़ताल वापस ले ली गई. सभी जगहों पर सामान्य रूप से कामकाज होगा. जोधपुर आईएमए के सचिव डॉ. सिद्धार्थ राज अरोड़ा ने बताया कि प्रशासन के हस्तक्षेप से मामले का निस्तारण हुआ है.

इससे पहले रात को जिला प्रशासन, डॉक्टर्स और परिजनों के बीच वार्ता हुई. जिसमें तय किया गया कि पूरे प्रकरण की जांच की जाएगी. इसके लिए बुधवार को एमडीएम अस्पताल में डॉक्टरों के एक बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम करवा कर रवाना किया गया. परिवार को मुआवजे के रूप में उपचार में खर्च हुई राशि दी जाएगी, जो सरकार वहन करेगी. जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता के निर्देश के बाद प्रशासन की ओर से प्रशासनिक अधिकारी बजरंग सिंह ने मध्यस्था की.

मरीज की मौत से उपजा विवाद देर रात हुआ समाप्त

सिद्धार्थ राज अरोड़ा ने बताया कि अस्पताल की चिरंजीवी योजना को लेकर कार्य की भी जांच होगी. देर रात हुई वार्ता के दौरान पूर्व विधायक बाबू सिंह राठौड़, जोगाराम पटेल, लूणी विधायक महेंद्र विश्नोई, छात्र संघ अध्यक्ष अरविंद सिंह भाटी, पूर्व अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी, गजेंद्र सिंह राठौड़ के अलावा त्रिभुवन सिंह भाटी, कांग्रेस नेता हनुमान सिंह खांगटा मौजूद रहे.

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आईएमए का दबाव आया काम- जोधपुर के निजी अस्पतालों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर मंगलवार को अपनी सेवाओं का बहिष्कार किया था. इसके अलावा बुधवार को भी बहिष्कार का ऐलान कर दिया था, जिसके बाद एसोसिएशन की राज्य इकाई ने भी सरकार और प्रशासन से वार्ता की और स्पष्ट किया कि अगर इस मामले का निस्तारण नहीं होता है तो पूरे राज्य में हड़ताल पर जाएगी. जिसके बाद प्रशासन ने अपने प्रयास तेज किए. देर रात को कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद हुए. उसके बाद प्रशासन एक्टिव हुआ और मामले का पटाक्षेप हुआ.

यह है मामला- भाटेलाई पुरोहितान निवासी मरीज भैरोसिंह के परिजन महेंद्र सिंह ने बताया कि 24 अगस्त को कृष्णा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में हार्ट की परेशानी के चलते यहां भर्ती करवाया गया था. 29 अगस्त को ऑपरेशन किया और 6 सितंबर को डिस्चार्ज किया. इस दौरान 8 लाख 80 हजार का बिल बनाकर दे दिया गया. लेकिन घर जाने के बाद तबीयत बिगड़ गई और उसका पांव काला पड़ गया. उन्होंने बताया कि 11 सितंबर को वापस लेकर आए, लेकिन रात में मौत हो गई.

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महेंद्र सिंह ने बताया कि 11 सितंबर को जब वापस लेकर आए तो चिरंजीवी योजना के तहत उपचार किया, लेकिन पहले नहीं किया गया. इसको लेकर परिजन सहित राजपूत समाज लामबंद हो गए और अस्पताल के बाहर धरना शुरू कर दिया. वहीं, दूसरी ओर डॉक्टर भी पड़ उपचार शुल्क लौटाने से इनकार कर दिया. मंगलवार को अस्पतालों ने अपनी ओपीडी सेवाओं का भी बहिष्कार किया था.

Last Updated :Sep 14, 2022, 2:32 PM IST
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