सूरजगढ़ (झुंझुनू). गृह विभाग की ओर से जारी किए गए निर्देशों के बाद राज्य सरकार ने लॉकडाउन में फंसे मजदूर और उनके परिजनों के घर पहुंचाए जाने के कार्य शुरू कर दिया है. वहीं इससे लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के चेहरों पर घर लौटने की चमक देखी जाने लगी है. कुछ इस प्रकार के नजारे झुंझुनू जिले के सूरजगढ़ उपखंड मुख्यालय पर बुधवार रात को देखने को मिले, जहां एक माह से शेल्टर होम में रह रहे मजदूरों को उनके घर वापस भेजा गया है. जब मजदूरों को उनके घर वापस भेजा जा रहा था, तो उनके चेहरों पर अपनी जन्मभूमि पर लौटने की काफी चमक नजर आ रही थी.
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बता दें कि उच्च अधिकारियो के निर्देश पर सूरजगढ़ एसडीएम अभिलाषा सिंह सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में राजस्थान रोडवेज की बसों से सूरजगढ़ बालिका स्कूल में बनाए गए शेल्टर होम में रहने वाले मध्यप्रदेश के भिंड जिले के भदोरी गांव के रहने वाले 29 लोग और रतनगढ़ से आए 15 मजदूरों को उनके घर रवाना किया गया है. एसडीएम अभिलाषा सिंह और नायब तहसीलदार सतीश राव नीरजा कुमारी ने हरी झंडी दिखाकर बस को रवाना किया.
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लोकडाऊन के दौरान 30 मार्च को हनुमानगढ़ से चलकर एमपी जा रहे मजदूरों के 29 सदस्यों के एक दल को प्रसाशन ने सूरजगढ़ सीमा में ही पकड़ लिया था. जिसके बाद सभी लोगों की मेडिकल जांच कराने के बाद राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विधालय में बनाए गए शेल्टर होम में रुकवाया गया था. शेल्टर होम में सामाजिक संस्था जीवन ज्योति रक्षा समिति के सहयोग से मजदूरों के खाने-पीने सहित अन्य व्यवस्थाएं भी कर दी गई थी. सभी मजदूरों की बराबर मेडिकल जांच भी कराई जा रही थी.