ETV Bharat / state

JLF 2023 : हिन्दी को लेकर वक्ताओं का अलग-अलग नजरिया, चीन को बताया भारत के लिए पाक से बड़ा खतरा

author img

By

Published : Jan 21, 2023, 9:09 PM IST

Third Day of JLF 2023
Third Day of JLF 2023

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शनिवार को हिन्दी भाषा पर चर्चा (Third Day of JLF 2023) हुई. इस दौरान कई लेखकों ने हिन्दी को अलग-अलग तरीके से परिभाषित किया. इसके अलावा भारत-चीन संबंधों पर भी बात की गई.

जयपुर. लिटरेचर फेस्टिवल के तीसरे दिन की शुरुआत अनिरुद्ध वर्मा कलेक्टिव के राग बासंती से हुई. इसके बाद कई विषयों पर चर्चा की गई. इस दौरान वक्तओं ने चीन को भारत के लिए पाकिस्तान से बड़ा खतरा बताया. जबकि हिन्दी को लेकर स्पीकर्स का अलग-अलग नजरिया सामने आया.

हिंदी की दुर्दशा, चिंता का विषय : 'एक हिंदी अनेक हिंदी' सत्र में प्रतिष्ठित लेखकों अनामिका, नंदभारद्वाज, पुष्पेश पंत, गीतांजलि श्री और यतीन्द्र मिश्र ने हिंदी के माध्यम से भाषा और साहित्य के समकालीन और शास्त्रीय स्वरुप की बात की. इस दौरान प्रोफेसर पुष्पेश पंत ने कहा कि आज जिस तरह से हिन्दी भाषा की दुर्दशा हो रही, वो​ चिंता का विषय है. सही मायने में उसे प्राकृतिक मां नहीं मिल पा रही. जिस तरह मुश्किल से बच्चे टेस्ट ट्यूब में पैदा हो रहे हैं, उसी तरह लगता है हिन्दी अपने आप ही गढ़ी जाएगी. इसे इंटरनेट सुदृढ़ नहीं कर सकता है.

पढ़ें. JLF 2023: गहलोत पायलट विवाद पर बोले शशि थरूर, गद्दार, नाकारा, निकम्मा जैसे शब्द मैं दूसरी पार्टी के लिए भी नहीं कहूंगा

लेखक नंद भारद्वाज ने कहा कि लोग ऐसा सोचते हैं कि अंग्रेजी के प्रभाव के चलते हिन्दी का महत्व कम हुआ है. जबकि 80 के दशक के बाद जो व्यापारिक प्रवृति बढ़ी है, उसमें हिन्दी का प्रभाव बढ़ा है. हिन्दी की संवाद क्षमता बढ़ ही रही है. इसमें तमाम भाषाओं के शब्द हिन्दी में भी प्रवेश कर गए हैं. इससे ताकत बढ़ती जा रही है. ये कमजोर नहीं हुई है, बस चुनौतियां बढ़ी हैं.

लेखक अनामिका ने हिन्दी को संयुक्त परिवार की सबसे छोटी बेटी बताया. उन्होंने कहा कि खड़ी बोली, उर्दू के साथ तंबुओं में पैदा हुई. साहित्य के साथ ये आगे बढ़ी. अब यह धीरे-धीरे लोगों का दिल जीत रही है. आज हिन्दी में जितने अनुवाद हो रहे हैं, वो पूरी दुनिया की भाषाओं में सबसे ज्यादा हैं. इसका ज्यादा से ज्यादा प्रयोग ही इसे राष्ट्रभाषा के रूप में पहचान दिला पाएगा. इस दौरान गीताजंली श्री ने कहा कि हिन्दी खुली बाहों की भाषा है.

पढ़ें. JLF 2023: मुगल टेंट के सवाल पर बोले संजॉय राय, बनावट व आर्किटेक्चर की वजह से रखा नाम, आयोजन का राजनीति से लेना देना नहीं

चीन भारत के लिए बड़ा खतरा : प्राचीन भारत से बुद्ध की शिक्षा चीन तक पहुंची और दोनों के बीच रिश्ते बने. लेकिन इसके बाद राजनीति और बॉर्डर को लेकर दोनों देशों की दिशा बदल गई. कभी सांस्कृतिक रूप से जुड़े देश अब एक दूसरे के आमने-सामने हैं. द एलीफेंट एंड द ड्रेगन-ए कनेक्टेड हिस्ट्री सेशन में भारत और चीन के रिश्तों पर लेखक तानसेन सेन, जनरल जेजे सिंह और श्याम सरन ने विलियम डेरेम्पियल से बातचीत में माना कि पाकिस्तान से ज्यादा चीन भारत के लिए बड़ा खतरा है.

सेन ने कहा कि भारत और चीन दोनों ही ब्रिटिश के कोलोनियल थे. लेकिन चीन आगे निकल गया और भारत अब भी पीछे है. उन्होंने कहा कि माओ और झाउ एन लाई की एप्रोच नेगेटिव थी. इसके कारण दोनों देशों के रिश्ते कमजोर हुए. वर्तमान में अमेरिका की थ्रेट के बाद आपसी समझौते भारत और चीन को एक साथ लाए हैं. नेहरू ने हमेशा अपने को लीडर बताया पर झाउ एन लाई इसमें आगे थे.

पढ़ें. JLF 2023: गुलजार की बुक 'ए पोएम ए डे' लॉन्च, 9 साल में तैयार की साल के हर दिन के लिए एक कविता

उन्होंने कहा कि दलाई लामा को शरण देने से चीन में काफी खलबली मच गई थी. दोनों के बॉर्डर डिविजन को लेकर भविष्य में बात हुई तो तिब्बत सबसे बड़े विवाद का कारण बनेगा. चीन के अपने पड़ोसी देशों से संबंध अच्छे नहीं हैं. रूस का भारत की ओर ज्यादा झुकाव है. भारत के साथ चल रहे विवाद को लेकर चीन में अंतर्विरोध चल रहा है. वर्तमान में अमेरिका और अन्य देशों के विवाद के चलते माओ नहीं चाहते कि भारत से कोई विवाद हो.

सेवेन मून्स ऑफ माली अल्मेडा सत्र : इस सत्र में बुकर प्राइज विजेता, श्रीलंकाई लेखक शेहान करुनातिलक से लेखिका नंदिनी नायर ने बात की. शेहान का उपन्यास सेवेन मून्स ऑफ माली अल्मेडा दानव, प्रेत और पुनर्जन्म जैसे विषयों को प्रेरणा बनाकर लिखा गया है. उन्होंने बताया कि उनका सोचना था कि यदि वो भूत के नजरिए से लिखेंगे तो, श्रीलंका के मृत लोग उनसे बात करने लगेंगे और ये एक भूतिया कहानी के लिए बढ़िया प्लाट लगा. उन्होंने बताया कि बुकर प्राइज मिलना किस्मत की बात थी. ये ऐसे ही था जैसे लूडो के डाइस में तुक्के से छह नम्बर आ जाता है. लॉटरी लगने पर आप खुश होते हो और नहीं लगने पर कोशिश करते हो कि ज्यादा दुखी नज़र ना आओ.

पढ़ें.Javed Akhtar in JLF: जावेद अख्तर की अपील, फिल्मों का बायकॉट न करें...यह विश्व की सबसे बड़ी गुडविल एम्बेसडर

इसके अलावा ऐज ऑफ वाईस सत्र में उपन्यासकार दीप्ति कपूर से जमैकाई लेखक मार्लोन जेम्स ने संवाद किया. अपराध कथा पर आधारित ये उपन्यास ग्रे शेड की बात करते हुए, अपराध जगत की कई परतें खोलता है. इस दौरान जेम्स ने उनसे पूछा कि आखिर उन्होंने क्राइम फिक्शन को ही अपने लेखन का आधार क्यों बनाया? इस पर दीप्ति ने कहा कि थ्रिलर ने उन्हें हमेशा से रोमांचित किया, तेजी से बदलते घटनाक्रम को दर्ज करना उन्हें एक संतुष्टि का एहसास करवाता है.

भारतीय खानपान पर तंज की किताब: साहित्य के इस सम्मेलन में जेसीबी लिटरेचर अवॉर्ड की विजेता किताब पैराडाइस ऑफ फूड के नाम से भी सत्र हुआ. जावेद खालिद की ये किताब गुड्डू मियां नामक किरदार के माध्यम से भारतीय समाज की खानपान और चबाने से जुड़ी अजीब आदतों पर व्यंग्य कसती है. जावेद रोजमर्रा की सामान्य चीजों से व्यंग्य ढूंढने के लिए मशहूर हैं. उर्दू के महान विद्वान् शम्सुर्रहमान फारुखी ने जावेद को मास्टर्स ऑफ एस्थेटिक डिस्गस्ट कहा था. इस पर जावेद ने कहा कि एक कलाकार समाज की गंदी चीजों को भी खूबसूरती से प्रस्तुत कर सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.