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Sardarshahar Bypoll : गहलोत-पायलट की दूरियों के बीच बेनीवाल ने बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन...बड़े नेता भारत जोड़ो में बिजी

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Published : Dec 2, 2022, 6:52 PM IST

Updated : Dec 8, 2022, 7:59 AM IST

राजस्थान में कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाला सरदारशहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव 5 दिसंबर को होना है. इस चुनाव में कांग्रेस पंडित भंवर लाल शर्मा के बेटे को चुनाव मैदान में उतारकर सहानुभूति के पतवार के जरिए चुनावी सागर पार करने में जुटी है. लेकिन पिछले दिनों हुए घटनाक्रम ने कांग्रेस की परेशानियों को बढ़ाया है. वहीं, बाद में बेनीवाल की पार्टी के ताल ठोकने के चलते भी कांग्रेस की चुनौती बढ़ गई है. इस बीच रही सही कसर भारत जोड़ो यात्रा ने पूरी कर दी है.

Sardarshahar Bypoll
सरदारशहर उपचुनाव का सियासी समीकरण

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले सरदारशहर विधानसभा सीट पर 5 दिसंबर को उपचुनाव होंगे. इस सीट पर लगातार पंडित भंवर लाल शर्मा चुनाव जीत रहे थे. उनके निधन के बाद कांग्रेस ने उन्हीं के बेटे को कांग्रेस ने टिकट दिया है. ऐसे में जनता की सहानुभूति के आसरे अब तक कांग्रेस को फेवरेट माना जा रहा है. लेकिन चुनाव की घोषणा के बाद जिस तरह से पहले राजस्थान में गहलोत-पायलट के बीच विवाद रहा और इसके चलते गहलोत भले ही एक बार प्रचार करने सरदारशहर सीट पर गए हों. लेकिन सचिन पायलट अब तक सरदार शहर सीट पर प्रचार करने नहीं पहुंचे हैं.

वहीं, गहलोत ने जब पायलट कैंप के विधायकों पर 10-10 करोड़ लेने के आरोप लगाए थे, तो वह आरोप (Gehlot Pilot Controversy) अप्रत्यक्ष तौर पर पंडित भंवर लाल शर्मा पर भी लग गए. क्योंकि पंडित भंवर लाल शर्मा भी उन 18 विधायकों में शामिल थे, जो पायलट के साथ गहलोत के खिलाफ बगावत करने मानेसर गए थे. मजबूत स्थिति में होने के बावजूद कांग्रेस अपनी अंदरूनी लड़ाई से जूझ ही रही थी कि आरएलपी ने सरदार शहर उपचुनाव में ताल ठोक दी.

PCC Chief Dotasra
लोगों से मिलते पीसीसी चीफ डोटासरा

पढ़ें : सरदारशहर उपचुनाव : कांग्रेस प्रत्याशी ने दाखिल किया नामांकन, गहलोत बोले- अनिल शर्मा की जीत भंवरलाल शर्मा को सच्ची श्रद्धांजलि होगी

इस उपचुनाव में जिस तरीके से आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने (Beniwal Politics in Rajasthan) कमान अपने हाथ में ली है, उसके बाद से आरएलपी का ग्राफ ऊपर बढ़ा है. हनुमान बेनीवाल उसी अंदाज में अपनी बातें सरदारशहर की जनता के सामने रख रहे हैं, जैसे बिना डरे पंडित भंवर लाल शर्मा रखते थे. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के सामने भाजपा से ज्यादा बड़ी चुनौती आरएलपी पेश कर रही है. वही किसान वोटों का एकजुट होना और बेनीवाल के साथ यूथ का जुड़ाव राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के माथे पर चिंता की लकीरे खींच रहा है.

Hanuman Beniwal Power Politics
एक सभा के दौरान हनुमान बेनीवाल...

लोकल नेताओं के ऊपर पूरा चुनावः कहते हैं कि चुनाव भले ही कोई भी हो, लेकिन उसके अंतिम चार-पांच दिन काफी महत्वपूर्ण होते हैं. यही चार-पांच दिन तय करते हैं कि चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा. पहले तो यूथ में अपनी पकड़ रखने वाले सचिन पायलट सरदारशहर उपचुनाव में प्रचार करने नहीं पहुंचे. जिसके चलते युवा मतदाता हनुमान बेनीवाल के साथ दिखाई दे रहा है. वहीं, इन चुनाव में कांग्रेस की ओर से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ही प्रमुख रूप से प्रचार करते दिखाई दे रहे हैं. वह भी भले ही जीत के दावे करते दिखाई दे रहे हों, लेकिन यूथ के शिफ्ट होने की बात वह भी अपने बयानों में स्वीकार कर रहे हैं.

पढ़ें : सरदारशहर उप चुनाव: बीजेपी के लिए आंकलन का मौका, तो कांग्रेस सहानुभूति कार्ड का ले सकती है सहारा

साथ ही डोटासरा के साथ सबसे बड़ी मुसीबत यह भी खड़ी हो गई है कि वह भी बीते कुछ दिनों से राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रही भारत जोड़ों यात्रा के राजस्थान में आने की तैयारियों में जुट गए हैं. क्योंकि अब कांग्रेस के सभी बड़े नेता 4 दिसंबर को झालावाड़ (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) पहुंचने वाली भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हो गए हैं. ऐसे में सरदार शहर का उपचुनाव कांग्रेस पार्टी ने पूरी तरीके से प्रत्याशी और लोकल नेताओं के जिम्मे कर दिया है. वहीं, हनुमान बेनीवाल लगातार सभाएं और रैलियां कर रहे हैं उससे दिन-ब-दिन आरएलबी मजबूत होती जा रही है.

BJP Leaders
एक सभा के दौरान भाजपा नेता...

कौन बड़ा किसान नेता यह भी उपचुनाव में होगा साफः राजस्थान में सरदार शहर उपचुनाव के प्रत्याशियों में सबसे बड़ा चेहरा तो पंडित भंवर लाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा को माना जा रहा है. लेकिन इन चुनाव में प्रमुख रूप से चुनाव लड़ रही तीन पार्टियां कांग्रेस, भाजपा और आरएलपी हैं. तीनों के ही मुखिया (Sardarshahar By Election 2022) किसान वर्ग से आते हैं, जिनमें कांग्रेस से गोविंद डोटासरा, भाजपा से सतीश पूनिया और आरएलपी से हनुमान बेनीवाल हैं. क्योंकि हनुमान बेनीवाल ने प्रत्याशी भी किसान वर्ग का उतारा है. ऐसे में इस वर्ग का सबसे ज्यादा फायदा हनुमान बेनीवाल को मिल सकता है. जीतने वाला नेता सबसे बड़ा किसान नेता कहलाएगा.

Last Updated :Dec 8, 2022, 7:59 AM IST
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