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महापौर उपचुनाव: बीजेपी में मेयर उम्मीदवार की घोषणा के साथ घमासान, शील धाभाई समेत चारों दावेदार नजरबंद

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Published : Nov 4, 2022, 4:41 PM IST

Updated : Nov 4, 2022, 10:08 PM IST

ruckus after mayor candidate announcement
ruckus after mayor candidate announcement

जयपुर ग्रेटर नगर निगम के मेयर पद के लिए हो रहे उपचुनाव में भाजपा ने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. बीजेपी की ओर से नाम की घोषणा करने के साथ ही पार्टी में सियासी घमासान सामने आया. पार्टी कार्यालय पर मेयर पद के अन्य दावेदारों के समर्थकों ने हंगामा किया. इस बीच भाजपा ने कार्यवाहक मेयर रही शील धाभाई समेत चार दावेदारों को नामांकन समय पूरा होने तक नजरबंद रखा.

जयपुर. बीजेपी ने महापौर उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया है. लेकिन इसके साथ ही जमकर हंगामा भी हो रहा है. पार्टी कार्यालय पर दावेदारों के समर्थन में समर्थकों ने जमकर हंगामा किया . खासतौर से कार्यवाहक महापौर रही शील धाभाई की बेटी ने उनकी मां को उम्मीदवार घोषित नहीं करने पर कड़ी नाराजगी जताई . बढ़ती नाराजगी को देखते हुए पार्टी नेताओं ने चारों दावेदारों को नजरबंद कर लिया.

नामांकन तक चारों दावेदार नजरबंदः मेयर पद के उम्मीदवार की घोषणा के साथ मचे हंगामे के बीच पार्टी ने नाराज चारों दावेदारों को नजरबंद कर लिया. पार्टी को इस बात का अंदेशा था कि अगर इनमें से कोई भी बाहर चला जाता है तो वह बागी होकर अपना नामांकन दाखिल कर सकता था. पार्टी की रणनीति रही कि जब तक नामांकन दाखिल करने का समय खत्म नहीं हो जाता तब तक इन्हें पार्टी कार्यालय में ही रोका जाए. आज नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था. दोपहर 3 बजे बाद नामांकन प्रक्रिया भी समाप्त हो गई. पार्टी की कोशिश थी कि किसी भी तरह से कोई भी बीजेपी का पार्षद अपनी दावेदारी पेश करते हुए नामांकन दाखिल नहीं करे . जिसमें पार्टी पदाधिकारी कामयाब हो गए.

मेयर उम्मीदवार की घोषणा के साथ घमासान

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इनको रखा नजरबंदः बीजेपी के 4 दावेदार पार्षद जिनमें सुखप्रीत बंसल , शील धाभाई , भारती लखियानी , कविता कटिहार को नजरबंद किया गया. हालांकि इनके साथ में पार्टी के नेता मौजूद रहे जो लगातार समझाइश करते रहे. सभी उम्मीदवारों को नामांकन समय (दोपहर 3 बजे) समाप्त होने के बाद ही पार्टी कार्यालय से जाने दिया गया. हालांकि जिस तरह से सभी दावेदार बाहर निकले, उनके चेहरे पर मायूसी साफ झलक रही थी. प्रमुख रूप से शील धाभाई की आंखों में आंसू नजर आए. हालांकि उन्होंने मीडिया से किस तरह की कोई बात नहीं की और ना ही कोई नाराजगी जाहिर की.

नाम की घोषणा के साथ घमासानः बीजेपी ने मेयर पद के लिए उम्मीदवार रश्मि सैनी को बनाया है. रश्मि को उम्मीदवार बनाने के साथ ही पार्टी में बाकी दावेदारों ने भी नाराजगी जताई. हालांकि जो चार अन्य दावेदार थे, उनको पार्टी कार्यालय में रखा गया. इस बीच पहले से ही नाराजगी दर्ज करा रही मेयर दावेदार शील धाभाई की बेटी ने पार्टी कार्यालय में जमकर हंगामा किया. उन्होंने बीजेपी को थर्ड क्लास पार्टी बताते हुए उनकी मां शील धाभाई से निर्दलीय नामांकन दाखिल करने के लिए कहा. काफी देर तक चले इस घटनाक्रम के बीच सभी को एक कमरे में ले जाया गया. जहां पार्टी नेताओं की ओर से उनकी समझाइश की गई.

शील धाबाई की पुत्री से बहस

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वसुंधरा खेमे की चलीः बताया जा रहा है कि मेयर चुनाव को लेकर वसुंधरा खेमे की चली है. पार्टी पर प्रेशर पॉलिटिक्स काम आई. पहले सुखप्रीत बंसल का नाम तय था. बंसल को पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ का समर्थन बताया जा रहा था. लेकिन पांच नेताओं के एकसाथ आने के बाद समीकरण बदला गया. मेयर उम्मीदवार के नाम की घोषणा से ठीक पहले विधायक नरपत सिंह राजवी, कालीचरण सराफ, अशोक लाहोटी , पूर्व मंत्री राजपाल सिंह और पूर्व विधायक कैलाश वर्मा पहुंचे. ये सभी विधायक और पुर्व विधायक ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र से हैं. खास बात यह है कि ये सभी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खेमे के हैं.

खरीद फरोख्त का डर बढ़ा
बीजेपी के पास में भले ही महापौर बनाने के लिए अपना पर्याप्त बहुमत हो, लेकिन जिस तरह से पार्टी में आपसी फूट और नाराजगी सामने आई है उसके बाद भितरघात का डर और बढ़ गया है. हालांकि बीजेपी को पहले से ही इस बगावत का डर था, इसलिए उन्होंने नामांकन दाखिल होने के 1 दिन पहले ही सभी पार्षदों की बाड़ेबंदी कर दी थी. बाड़ाबंदी में ही सभी पार्षदों से मेयर के नाम को लेकर सुझाव लिए गए थे. अब ऐसा माना जा रहा है कि यह बाड़ा बंदी जब तक मतदान नहीं हो जाता तब तक 10 नवंबर तक रहेगी.

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सूत्रों की माने तो जिस तरह से अंतिम समय में बीजेपी ने उम्मीदवार के नाम में बदलाव किया है उसके बाद और ज्यादा नाराजगी बढ़ गई है. जानकारों की माने तो अगर बीजेपी ने बाड़े बंदी में सख्ती नहीं रखी तो कई पार्षद पार्टी के खिलाफ अपना मतदान कर सकते हैं. इसके पीछे बजे यह भी माना जा रहा है कि कांग्रेस के पास बहुमत नहीं होने के बावजूद उन्होंने अपना उम्मीदवार उतारा है. ऐसे में कांग्रेस की कोशिश होगी कि किस तरह से वह बीजेपी के पार्षदों को अपने साथ जोड़ें. प्रताप सिंह खाचरियावास पहले कह चुके हैं कि बीजेपी के पार्षद उनके संपर्क में हैं.

जयपुर ग्रेटर की दलीय स्थिति
बीजेपी : 85
कांग्रेस : 49
निर्दलीय : 12
रिक्त : 04

साल 2020 में ग्रेटर नगर निगम के 150 वार्डों के चुनावों में 88 वार्ड में बीजेपी, 49 में कांग्रेस और 13 में निर्दलीय जीते थे. आयुक्त से विवाद मामले में 4 पार्षद (तीन बीजेपी, एक निर्दलीय) निलंबित हो चुके हैं. इसलिए अब बीजेपी के 85, कांग्रेस के 49 और निर्दलीय 12 पार्षद रहे हैं.

जनवरी 2019 में किया था उलटफेर
जनवरी 2019 में कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद जयपुर नगर निगम में ऐसा ही बड़ा उलटफेर किया था. तत्कालीन मेयर अशोक लाहोटी के विधायक बनने के बाद मेयर पद खाली हाे गया था. तब भाजपा के ही चैयरमेन विष्णु लाटा को समर्थन देकर कांग्रेस ने मेयर बना दिया था.

उस समय नगर निगम में 91 सदस्य थे और भाजपा के पास 63. इसके बाद भी विष्णु लाटा ने कांग्रेस पार्षदों और कुछ भाजपा पार्षदों के सहयोग से जीत दर्ज करते हुए भाजपा के ही उम्मीदवार मनोज भारद्वाज को मेयर चुनाव में हरा दिया था.

बहुमत से ज्यादा समर्थन मिलेगाः बीजेपी महामंत्री भजनलाल ने कहा कि पार्टी में किस तरह की कोई नाराजगी नहीं है. सभी पार्षदों से राय मशविरा करने के बाद ही नाम तय किया गया है. सब एकजुट हैं और जब मतदान होगा तो बहुमत से ज्यादा वोट मिलेंगे. भजनलाल ने कहा कि माली समाज बीजेपी का परंपरागत वोट बैंक है. हमेशा इनका समर्थन रहा है . इससे पार्टी को और ज्यादा मजबूती मिलेगी. उन्होंने किसी भी तरह की नाराजगी से इनकार करते हुए कहा कि जब कभी कोई नाम की घोषणा होती है तो जिनको उम्मीद होती है और उनका नाम नहीं होता है तो उन्हें मायूसी लगती है. बाकी सब एकजुट है . किसी तरह की कोई गुटबाजी या नाराजगी नहीं है. भजनलाल ने दावेदार पार्षदों को नजरबंद करने की बात से इनकार करते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं है कि किसी को नजरबंद किया गया था. एक नाम का चुनाव होने के बाद में बाकी जो दावेदार थे उनसे बैठ कर बात करनी होती है. इसीलिए सब से बात की गई थी. किसी को नजरबंद नहीं किया गया था. जिन पार्षदों को बाड़ेबंदी में ले जाया गया है , उन्हें भी किस तरह से मतदान प्रक्रिया में भाग लेना है उसका प्रशिक्षण देने के लिए वहां पर रखा गया है.

Last Updated :Nov 4, 2022, 10:08 PM IST
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