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गहलोत सरकार की तुष्टिकरण नीति से बहुसंख्यक समाज भय के साए में जीने को मजबूर- किरोड़ी लाल मीणा

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Published : Dec 10, 2022, 6:35 PM IST

Updated : Dec 10, 2022, 10:40 PM IST

राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण की नीति अपनाने का आरोप लगाया (Kirodi Lal Meena targets Gehlot Government) है. मीणा ने कहा कि पिछले 4 साल में जिस तरह से गहलोत सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति अपनाई है, उसके चलते प्रदेश का बहुसंख्यक समाज डरा हुआ है और भय के साए में जीने को मजबूर है.

Kirodi Lal Meena targets Gehlot Government , says  appeasement policy by CM Gehlot create fear in people
गहलोत सरकार की तुष्टिकरण नीति से बहुसंख्यक समाज में डर, भय के साए में जीने को मजबूर- किरोड़ी लाल मीणा

किरोड़ी ने गहलोत सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

जयपुर. प्रदेश में पिछले 4 साल में हुई सांप्रदायिक घटनाओं को लेकर बीजेपी ने गहलोत सरकार को निशाने पर लिया है. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि गहलोत सरकार एक समाज को संरक्षण देने के लिए बहुसंख्यक समाज के साथ में तुष्टिकरण की नीति अपनाई (Kirodi alleges appeasement policy by CM Gehlot) है. तुष्टीकरण की नीति के कारण आज प्रदेश में बहुसंख्यक समाज डरा हुआ है और भय के साए में जीने को मजबूर है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था और यहां के नागरिक को सुरक्षा उपलब्ध कराने में पिछले 4 साल में सरकार पूरी तरीके से नाकाम रही है.

बहुसंख्यक समाज डरा हुआ है: किरोड़ी ने कहा कि प्रदेश में पिछले 4 साल में जिस तरह की सांप्रदायिक घटनाएं हुई हैं और उन घटनाओं पर जिस तरह से भेदभाव पूर्ण कार्रवाई हुई है. इस तुष्टीकरण की कार्रवाई ने प्रदेश के बहुसंख्यक समाज को डरा दिया है. मीणा ने कहा कि जिस तरह से करौली में सांप्रदायिक घटना हुई और उस घटना में आरोपी के मुख्य रूप कांग्रेस पार्षद नाम सामने आया, उसके बावजूद उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं करौली घटना से पहले पीएफआई ने पत्र लिखकर हिंसा की संभावना जताई. ये बताता है कि करौली की घटना एक्सीडेंटल नहीं थी, बल्कि सुनियोजित एक प्लान का हिस्सा थी. घटना होने के बाद जिस तरह से प्रदेश की गहलोत सरकार ने इस पूरे मामले में लीपापोती की वो चिंता की बात है. सरकार ने सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाले लोगों पर कार्रवाई करने की जगह उन्हें संरक्षण देने का काम किया. मीणा ने कहा कि इसके अलावा ओर भी घटनाएं है जिसमे टोंक जिले के मालपुरा, उदयपुर, जोधपुर, भीलवाड़ा और जयपुर में इस तरह की सांप्रदायिक घटनाएं हुई हैं. गहलोत सरकार की तुष्टीकरण की नीति की वजह से सांप्रदायिक घटनाओं को करने वाले आरोपियों को प्रोत्साहन मिला हुआ है.

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अपराधियों को संरक्षण से संप्रायिक सद्भाव बिगड़ा : मीणा ने कहा कि सालासर बालाजी का राम दरबार तोड़ा, कश्मीर फाइल फिल्म देशभर में दिखाई गई, केवल राजस्थान के कोटा में धारा 144 लगाई गई. हिन्दू नव वर्ष पर बहुसंख्यक समाज को जुलूस निकालने की अनुमति नहीं मिलती, जबकि कोरोना के संक्रमण के बीच पीएफआई को रैली निकालने की अनुमति दी गई. ये घटनाएं बताती हैं कि गहलोत सरकार की कथनी-करनी में बहुत फर्क है.

मीणा ने कहा कि गहलोत सरकार नाकामियों की वजह से चलते सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ा है. बहुसंख्यक समाज को परेशानियों का सामना करना पड़ा है. मीणा ने कहा कि इसलिए बीजेपी जन आक्रोश रैली का बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है कि राजस्थान की तुष्टीकरण की नीति है. मीणा ने आरोप लगाते हुए कि शांतिप्रिय प्रदेश में जो अपराधी हैं वो खुले आम घूम रहे हैं. उन्होंने कहा कि अपराधी की कोई जाति नहीं होती, सरकार अपराधियों के साथ सख्ती दिखाती, तो शांत प्रदेश में ये धार्मिक उन्माद नहीं होते.

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गैंगवार रोकने में नाकाम: प्रदेश में पिछले दिनों की गैंगवार की घटनाओं को लेकर भी किरोड़ी लाल मीणा ने गहलोत सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि सरकार अपराधियों पर सख्त कार्रवाई नहीं कर रही है. इसलिए ऐसी घटनाएं हो रही हैं. प्रदेश में जंगलराज चल रहा है और उसे रोकने में सरकार नाकाम है. सरकार अपराधियों को संरक्षण देने में लगी है. इसलिए इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं.

Last Updated :Dec 10, 2022, 10:40 PM IST
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