जयपुर. हेरिटेज नगर निगम में मेयर सहित कांग्रेस और निर्दलीय पार्षद एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा को सस्पेंड करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं. एडीशनल कमिश्नर पर आरोप है कि उन्होंने मेयर सहित महिला पार्षदों के साथ अभद्र और अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया. ऐसे में अब महापौर सहित कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों ने एडिशनल कमिश्नर को सस्पेंड करने की मांग को लेकर मोर्चा खोला है. उधर, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस मैटर का जल्द निपटारा कराने की बात कही है. हालांकि निगम में कमिश्नर और मेयर के बीच पहले भी विवाद होते रहे हैं, लेकिन इस बार मामला एडिशनल कमिश्नर से जुड़ा हुआ.
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नया नहीं है मेयर और कमिश्नर के बीच विवादः जयपुर नगर निगम में मेयर और कमिश्नर के बीच विवाद कोई नया नहीं है. पहले यहां ज्योति खंडेलवाल का कमिश्नर एलसी असवाल और जगरूप सिंह यादव से विवाद रहा था. वहीं अशोक लाहोटी का कमिश्नर रवि जैन से, विष्णु लाटा का कमिश्नर विजय पाल सिंह से और फिर ग्रेटर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर का कमिश्नर यज्ञ मित्र सिंह से विवाद रहा है. इस बार हेरिटेज नगर निगम में भी इसी तरह का विवाद उपजा है. जहां मेयर और पार्षद एडिशनल कमिश्नर को सस्पेंड करने की मांग को लेकर धरने पर हैं. महापौर मुनेश गुर्जर ने बताया कि सरकार से कोई परेशानी नहीं है. कुछ अधिकारी सीट पर बैठकर जनता के हित के कार्य न करते हुए, अड़ंगा लगाने का काम करते हैं. जबकि सिविल सर्विसेज में लोग जनता की सेवा के लिए आते हैं.
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मनमानी कर रहे हैं एडिशनल कमिश्नरः जनता की सेवा तो दूर वह इसके उलट हेरिटेज नगर निगम में मानसून से जुड़े कार्यों की फाइलों को अटका रखा है. 15 जून तक फ्लड कंट्रोल शुरू होने होते हैं, इसमें जो भी उपयुक्त सामग्री है उसका भी टेंडर सहित पूरा काम हो जाना चाहिए था. एडिशनल कमिश्नर ने उस टेंडर को 3 दिन और बढ़ा दिया है. एक तरफ तूफान आ रहा है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अपना हेड क्वार्टर नहीं छोड़ने के निर्देश दिए हैं. इसके विपरीत हेरिटेज नगर निगम के कमिश्नर उदयपुर चले गए. एडिशनल कमिश्नर मनमानी कर रहे हैं.
50 पार्षदों ने की इस्तीफे की पेशकशः इसके अलावा साधारण सभा में पास हुई बीट की फाइल को भी वर्क आर्डर देने के बजाय रोका हुआ है. जब इस संबंध में उनसे वार्ता की तो टका सा जवाब दिया कि 'तुम्हारे में हिम्मत है, तो तुम कर लो, तुम साइन कर दो.' इसके अलावा महिला पार्षदों से भी अभद्रता से बातचीत की. यही नहीं मेयर की कुर्सी तक पर बैठ गए. उन्होंने कहा कि निगम को ऐसे अधिकारी की जरूरत नहीं. जिन्हें अपनी भाषा पर और कार्यशैली पर कंट्रोल न हो. अब सिर्फ एक मांग है राजेंद्र वर्मा सस्पेंड हो और इसी मांग को लेकर मुख्यमंत्री तक अपनी बात रखते हुए करीब 50 पार्षदों ने इस्तीफे की पेशकश की है.
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भ्रष्ट और हठधर्मी अधिकारियों के खिलाफ है धरनाः दूसरी ओर उपमहापौर असलम फारुकी ने कहा कि ये धरना भ्रष्ट और हठधर्मी अधिकारियों के खिलाफ है. जनता के हित में पार्षदों ने एडिशनल कमिश्नर के सामने अपनी बातें रखी थी. उन्होंने जवाब में अभद्र और अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया. मेयर की कुर्सी पर बैठ गए और गुर्जर आंदोलन में भी गोली चलवा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि राजेंद्र वर्मा जैसे अधिकारी निगम में काम करेंगे, तो उनके साथ काम नहीं कर सकते. इसलिए इस्तीफे पेश किए गए हैं.
ऐसा अधिकारी कभी नहीं देखाः वहीं वरिष्ठ पार्षद उमर दराज ने कहा कि वो बीते चार कार्यकाल से नगर निगम में है. ऐसा अधिकारी कभी नहीं देखा जो पार्षद तो क्या मेयर और विधायक का फोन नहीं उठा रहा. जब उनसे मुलाकात की तो उन्होंने मेयर और महिला पार्षद से अभद्र भाषा का प्रयोग किया. अब लड़ाई मान सम्मान की है और अब ये अधिकारी सस्पेंड होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक राजेंद्र वर्मा सस्पेंड नहीं होता तब तक ये धरना जारी रहेगा.
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से मिले पार्षदः दूसरी ओर कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों के प्रोटेस्ट के बीच सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र के 12 पार्षद मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर पहुंचे. यहां पार्षदों से वार्ता के बाद मंत्री खाचरियावास ने कहा कि महापौर भी सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र से ही पार्षद हैं. उन्हें पार्षदों की सिफारिश पर ही मेयर बनाया गया. मेयर सरकार का ही हिस्सा है और पार्षद हमारा बोर्ड है. पार्षदों ने बीट पर कर्मचारियों को लगाने वाले मामले की जानकारी दी है. इस संबंध में आयुक्त राजेंद्र सिंह से बात हो गई है.
पार्षदों का रखा जाएगा सम्मान-खाचरियावासः जहां तक अतिरिक्त आयुक्त को हटाए जाने का सवाल है, तो अभी हेरिटेज निगम में हुए घटनाक्रम की पूरी जानकारी नहीं है. हालांकि उनसे खुद राजेंद्र वर्मा भी आकर मिले. कुछ पार्षद भी मिलने आने वाले थे, लेकिन ये बात तय है कि पार्षदों का सम्मान रखा जाएगा. यदि अधिकारी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. बहरहाल पार्षदों ने जो धरना दिया है, उसकी सूचना भी सरकार को नहीं दी गई. जहां तक इस्तीफे की बात है तो उन्हें अब तक कोई इस्तीफा मिला नहीं है. इस संबंध में भी वो खुद मंत्री महेश जोशी और विधायकों को भी साथ लेकर बैठकर समाधान निकालेंगे.