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Illegal Mining in Rajasthan : कांग्रेस नेताओं ने भी खोला मोर्चा, सरकार और प्रशासन पर लगाए ये आरोप...

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Published : Nov 5, 2022, 8:05 PM IST

Illegal Mining in Rajasthan
कांग्रेस प्रदेश सेवादल के प्रदेश सचिव भीमराज जाखड़

अवैध खनन के खिलाफ कांग्रेस प्रदेश सेवादल के प्रदेश सचिव भीमराज जाखड़ ने (Illegal Mining in Rajasthan) खान विभाग के साथ ही पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने सरकार और प्रशासन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.

जयपुर. राजस्थान में अवैध खनन के खिलाफ अब कांग्रेस नेताओं ने भी मोर्चा (Illegal Mining in Rajasthan) खोल दिया है. कांग्रेस प्रदेश सेवादल के प्रदेश सचिव भीमराज जाखड़ ने खान विभाग के साथ ही पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाए हैं. भीमराज जाखड़ ने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट के साथ ही सुप्रीम कोर्ट अवैध खनन पर रोक लगाने के निर्देश दे चुकी है. लेकिन निर्देशों की अनदेखी के चलते अवैध खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. उन्होंने सरकार और प्रशासन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.

भीमराज जाखड़ ने बताया कि हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए खान और पुलिस विभाग के साथ ही अन्य संबंधित एजेंसियों की संयुक्त चौकी बनाने को कहा था. लेकिन भ्रष्टाचार के चलते अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है. इसका नुकसान जनता और सरकार दोनों को उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि बजरी, पत्थर, मार्बल या अन्य रेत के अवैध खनन से न केवल पर्यावरण बल्कि आमजन और सरकार को भी नुकसान हो रहा है. ओवर लोड वाहनों से सड़कों को नुकसान हो रहा है. वहीं पर्यावरण पर बुरा असर पड़ रहा है. उन्होंने अवैध खनन पर राज्य सरकार से जल्द रोक लगाने की मांग की है.

अवैध खनन के खिलाफ कांग्रेस नेताओं ने भी खोला मोर्चा

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पर्यावरण को पहुंच रहा नुकसान : जाखड़ ने कहा कि अवैध खनन से पर्यावरण (Bhimraj Jakhar Alleges Govt of corruption) को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाया जा रहा है. जिसकी भरपाई करना नामुमकिन है. अवैध खनन से भूजल स्तर का नीचे चले जाना, कई जगह भूजल स्तर को डार्क जोन घोषित करना, वन्यजीव के विचरण में परेशानी और अवैध तरीके से पेड़ों की कटाई समेत अन्य नुकसान हो रहे हैं. जब खनन करते समय धरती से पानी निकल आता है, तो भी माफिया खनन जारी रखते हैं. नियमानुसार 3 फीट से ज्यादा गहरी जमीन नहीं खोद सकते. इससे धरती का तापमान बढ़ना, समय पर वर्षा नहीं होना और ग्लोबल वार्मिंग होता है.

अवैध खनन माफिया केंद्र और राज्य सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान पहुंचा (Affects of Illegal Mining in Rajasthan) रहे हैं. राजस्व नुकसान दो तरीके से पहुंचाया जा रहा है, एक तो अवैध खनन की रोकथाम के लिए पुलिस प्रशासन, परिवहन विभाग, खान विभाग के कर्मचारी- अधिकारी लगाने पड़ते हैं. इससे राज्य और केंद्र पर अतिरिक्त खर्च बढ़ जाता है. दूसरे तरीके से खनन माफिया ओवरलोड करके सरकार को राजस्व की हानि पहुंचा रहे हैं.

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भीमराज जाखड़ ने बताया कि अवैध खनन के काले कारोबार में खनन मंत्री, पुलिस प्रशासन, परिवहन विभाग, खनिज विभाग से लेकर अन्य अधिकारी मिले हुए हैं. बहुत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का जाल फैला हुआ है. ओवरलोड वाहनों के कारण आए दिन सड़कों पर एक्सीडेंट हो रहे हैं. खनन माफिया के रास्ते में कोई सरकारी विभाग के कर्मचारी आते हैं, तो यह लोग उन पर हमला करने से भी नहीं चूकते. पिछले 3 वर्षों में सरकारी कर्मचारियों पर 269 बार खनन माफियाओं की ओर से हमला किया जा चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जुर्माने की राशि खनन की कीमत तक सीमित नहीं कर सकते. इसमें पर्यावरण बहाली की लागत और पारिस्थितिकी सेवाओं में होने वाले खर्च को भी शामिल किया जाना चाहिए. लेकिन खनिज विभाग, पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी भ्रष्टाचार के खेल में मिले हुए हैं.

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