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दो बार 'सौदे' के बाद भी भर्ती परीक्षा में नहीं हुआ पास, तीसरी बार झांसे में आने के बजाए पुलिस को शिकायत...आरोपी गिरफ्तार

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Published : May 2, 2023, 3:18 PM IST

Police Action in Fraud Case
शाहपुर कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रामप्रसाद चौपड़ा

11 लाख रुपये में वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में पास करवाने का झांसा देने के आरोप में सीआईडी सीबी और मानसरोवर थाने की टीम ने शाहपुर कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रामप्रसाद चौपड़ा उर्फ रामप्रकाश को गिरफ्तार किया है. वह पंचायत समिति सदस्य भी रह चुका है.

सीआईडी सीबी के डीआईजी राहुल प्रकाश

जयपुर. वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में पास करवाने का झांसा देकर 11 लाख रुपये मांगने के एक मामले का खुलासा करते हुए सीआईडी सीबी और मानसरोवर थाना पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. खास बात यह है कि आरोपी के खिलाफ जिस व्यक्ति ने शिकायत दी है उसे वह पहले दो बार झांसा देकर तीन लाख रुपये ठग चुका है. अब एक बार फिर उसने परिवादी को झांसे में लेने का प्रयास किया तो वह सीधा पुलिस के पास पहुंचा और आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.

आरोपी को कृषि पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर बेचने का झांसा देने के मामले में पहले भी एसओजी गिरफ्तार कार चुकी है. जेल से बाहर आने के बाद वह फिर से बेरोजगारों को ठगने का काम शुरू करने लगा. प्रारंभिक तौर पर सामने आया है कि वह शाहपुरा राजकीय महाविद्यालय का छात्रसंघ अध्यक्ष और पंचायत समिति सदस्य भी रह चुका है. सीआईडी सीबी के डीआईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि गोविंदगढ़ के सिंगोद निवासी मुकेश यादव की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करते हुए शाहपुरा के रहने वाले रामप्रकाश चौपड़ा उर्फ रामप्रसाद को गिरफ्तार किया गया है. उसने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में पास करवाने के बदले परिवादी से 11 लाख रुपये मांगे थे.

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मुकेश यादव ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि वह 12वीं पास है और साल 2019 में कृषि पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारी करते समय उसका परिचय रामप्रकाश चौपड़ा से हुआ. उस समय उसने कृषि पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर दिलवाने के बहाने सात लाख रुपए मांगे और बतौर एडवांस 1.50 लाख रुपये लिए. परीक्षा से पहले आरोपी रामप्रकाश एसओजी के हत्थे चढ़ गया था.

जेल से छूटने पर रुपये मांगे तो फिर दिया झांसा : एसओजी की गिरफ्त में आने के बाद रामप्रकाश जेल में रहा. जब वह जेल से बाहर आया तो परिवादी मुकेश ने उससे बतौर एडवांस दिए गए 1.50 लाख रुपये वापस मांगे. रुपये वापस नहीं देकर उसने एक बार फिर उसे झांसा दिया और 2021 की कृषि पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा में पास करवाने का झांसा दिया. उसने कुछ और बेरोजगारों को भी इसके लिए लिए राजी करने के लिए भी परिवादी को मना लिया और परिवादी ने अपने भांजे को पास करवाने के लिए उसे फिर 1.50 लाख रुपये दे दिए, लेकिन साल 2021 की कृषि पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा में भी परिवादी मुकेश और उसका भांजा पास नहीं हुए.

अब वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में पास करवाने की गारंटी : रामप्रकाश से दो बार ठगी का शिकार होने के बाद मुकेश ने उससे पहले दिए रुपये वापस मांगे तो उसने उसे वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में पास करवाने के लिए कुछ बेरोजगारों को तैयार करने की बात कही. इस पर मुकेश ने अपने दोस्त की पत्नी को पास करवाने के लिए कहा तो रामप्रकाश ने 11 लाख रुपए की डिमांड की. पहले के मामलों का जिक्र आया तो इस बार उसने स्टांप पेपर पर लिखकर देने की बात कही और मुकेश को 1 मई की रात मानसरोवर में रजत पथ पर बुलाया. जहां उसने नौकरी लगवाने की बात बाकायदा 500 रुपये के स्टांप पेपर पर लिखकर दी और एडवांस के तौर पर 5.50 लाख रुपये मांगे.

इस बार मुकेश उसके झांसे में नहीं आया और कुछ देर में रुपये का इंतजाम कर आने की बात कहकर सीधा पुलिस के पास पहुंच गया. पीड़ित मुकेश की शिकायत का सत्यापन करने के बाद सीआईडी सीबी की टीम और मानसरोवर थाना पुलिस ने दबिश देकर कार्रवाई की और आरोपी रामप्रकाश उर्फ रामप्रसाद चौपड़ा को गिरफ्तार कर लिया. अब पुलिस उससे विस्तृत पूछताछ कर रही है.

ठगी की अन्य वारदातों का हो सकता है खुलासा : संभावना जताई जा रही है कि रामप्रकाश से पूछताछ में कई और भर्ती परीक्षाओं में भी बेरोजगारों को ठगने के मामले सामने आ सकते हैं. फिलहाल पुलिस यह पता करने में जुटी है कि भर्ती परीक्षाओं में का पेपर दिलवाने या परीक्षा पास करवाने के नाम पर उसने कितने लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया है कि उसने चार-पांच बेरोजगारों से भर्ती परीक्षा पास करवाने के नाम पर रुपये लिए हैं. जबकि पुलिस को जानकारी मिली है कि आरोपी द्वारा ठगे गए बेरोजगारों की संख्या 10 के आसपास हो सकती है.

चयन नहीं होने पर रुपये लौटाने की गारंटी : सीआईडी सीबी के डीआईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि आरोपी रामप्रकाश एक साथ कई लोगों को भर्ती परीक्षा में पास करवाने के नाम पर झांसे में लेता था. इनमें से कई युवा ऐसे होते थे जो अपनी मेहनत और तैयारी की बदौलत भर्ती परीक्षा में पास हो जाते थे. वह ऐसे लोगों को कहता कि उसने ही उसे पास करवाया है और उसके द्वारा दिए गए रुपये रख लेता, जबकि जो लोग परीक्षा में पास नहीं होते थे. उनके रुपये यह वापस लौटा देता था.

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