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Sawan 2023 : सोमवती अमावस्या पर भोलेनाथ के जयकारों से गुंजायमान हुई छोटी काशी, प्रतापेश्वर मंदिर में रुद्राभिषेक

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Published : Jul 17, 2023, 4:37 PM IST

Updated : Jul 17, 2023, 5:06 PM IST

Somvati Amavasya 2023
सोमवती अमावस्या

सावन के दूसरे सोमवार को हरियाली और सोमवती अमावस्या का संयोग बना है. इस बीच शिव भक्त मंदिरों में जलाभिषेक करने दूर-दूर से पहुंचे. प्रतापेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया गया.

भोलेनाथ के जयकारों से गुंजायमान हुई छोटी काशी

जयपुर. सावन के दूसरे सोमवार को हरियाली और सोमवती अमावस्या का योग बना. 3 साल बाद इस तरह का संयोग बना है. इन योग-संयोग के बीच छोटीकाशी भगवान भोलेनाथ के जयकारों से गुंजायमान हो उठी. शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान का जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे. इस दौरान राजधानी के प्राचीन प्रतापेश्वर महादेव मंदिर में देवस्थान विभाग की ओर से रुद्री पाठ और सहस्त्रधारा के साथ भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया गया.

प्रतापेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राभिषेक : इस संबंध में देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त रतनलाल योगी ने बताया कि देवस्थान विभाग मंत्री शकुंतला रावत के निर्देश पर सावन और अधिमास के सभी 8 सोमवार पर वृहद रूप में शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक किया जा रहा है. ये आयोजन चार प्रत्यक्ष प्रभार और चार ट्रस्ट के मंदिरों में कराए जा रहे हैं. इस क्रम में सावन के दूसरे सोमवार सोमवती अमावस्या पर जयपुर के प्रतापेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया. इस आयोजन में देवस्थान विभाग कि मंत्री से लेकर अधिकारी-कर्मचारी सभी शामिल हुए.

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इस तरह होगा रुद्राभिषेक कार्यक्रम : उन्होंने बताया कि पहले सोमवार को रामेश्वर जी मंदिर में रुद्राभिषेक हुआ. दूसरे सोमवार को प्रतापेश्वर मंदिर में आयोजन हो रहा है. अब अधिमास शुरू होगा, जिसमें 24 जुलाई को दौसा के सोमनाथ मंदिर, 31 जुलाई को बस्सी के नई का नाथ मंदिर, 7 अगस्त को दौसा के गुप्तेश्वर मंदिर और 14 अगस्त को चौमूं के मालेश्वर मंदिर में आयोजन होंगे. इसके बाद सावन महीने के शुक्ल पक्ष में 21 अगस्त को पुराना घाट स्थित रामेश्वर मंदिर और अंतिम सोमवार 28 अगस्त को चंद्रेश्वर महाराज मंदिर में रुद्राभिषेक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.

ताड़केश्वर महादेव मंदिर में विशेष सजावट : जयपुर की बसावट से पहले बने ताड़केश्वर महादेव मंदिर में अल सुबह 3:30 बजे से भक्तों का तांता लगा रहा. कावड़िए गलता कुंड से कावड़ में जल लेकर भगवान को अर्पित करने के लिए यहां पहुंचे. मंदिर परिसर के बाहर पूरे दिन भक्त कतारबद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए. इस दौरान मंदिर परिसर में विशेष साज-सज्जा भी की गई.

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सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व : मंदिर महंत बम महाराज ने बताया कि बोल बम-ताड़क बम के नारे लगाते हुए श्रद्धालु सुबह से मंदिर में पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए पुलिस प्रशासन ने भी मोर्चा संभाल रखा है. यहां श्रद्धालुओं की ओर से जल, दूध, बेलपत्र, पुष्प और औषधि चढ़ाते हुए पूजा पाठ का दौर चल रहा है. उन्होंने बताया कि सावन के महीने में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है. इस दिन दान करने की महत्ता मानी गई है. आज के दिन को हरियाली अमावस्या भी कहते हैं, आज शिव उपासना करना फलदायी होता है.

Somvati Amavasya
धौलपुर में भी भगवान शिव का जलाभिषेक

धौलपुर में भी हर-हर महादेव के जयघोष : धौलपुर जिले के शिवालयों पर सोमवार को सोमवती अमावस्या के दिन आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. सैंपऊ के ऐतिहासिक शिवमंदिर, धौलपुर शहर का चोपड़ा मंदिर, अचलेश्वर महादेव मंदिर, भूतेश्वर महादेव मंदिर समेत ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड पर श्रावण मास के दूसरे सोमवार को सोमवती अमावस्या का पर्व होने के कारण भगवान भोलेनाथ के दर्शन एवं पूजा करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. सुबह 4 बजे से ही कावड़ियों और दर्शनार्थियों की भीड़ शिव मंदिर पहुंच गई. श्रद्धालु और कावड़ियों की ओर से हर-हर महादेव के जयघोष से शिव मंदिर गुंजायमान होता रहा.

Last Updated :Jul 17, 2023, 5:06 PM IST
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